Barnyard Millet (बार्नयार्ड बाजरा)

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pH value

5.5 To 8.0

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Temperature

18 to 27 °C

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Fertilization

FYM : 5-10 ton / hectare, NPK-40:30:50

Barnyard Millet (बार्नयार्ड बाजरा)

Barnyard Millet (बार्नयार्ड बाजरा)

Basic Info

बार्नयार्ड बाजरा भारत में उगाई जाने वाली एक अन्य खाद्य फसल है और चारा और अनाज दोनों उद्देश्यों के लिए उगाई जाती है। बरनार्ड बाजरा एक बहुउद्देश्यीय फसल है जिसकी खेती चारे और भोजन के लिए की जाती है। इसे कुछ अन्य नामों से भी पुकारा जाता है जैसे जापानी बार्नयार्ड बाजरा, ऊडालू, ऊडा, सांवा, सामा और सांवक।

सांवा या सामा या सांवक के चावल (sanwa rice), जिसे अंग्रेजी में बरनार्ड बाजरा (barnyard millet) कहा जाता है, पोषण से भरपूर एक छोटा बाजरा (उपेक्षित अनाज) है। इसमें पर्याप्त प्रोटीन, उच्च फाइबर, बी-विटामिन और उपयोगी खनिज पाए गए हैं। स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए इसे आहार में आसानी से शामिल किया जा सकता है।

उत्पत्ति और इतिहास भारत के प्राचीन साहित्य में बाजरा का उल्लेख मिलता है। इसकी खेती चीन में 2000 से अधिक वर्षों से की जा रही है। कुछ अन्वेषकों का मानना है कि बार्नयार्ड बाजरा संभवतः मध्य एशिया में कहीं उत्पन्न हुआ था। यह मध्य एशिया से यूरोप और अमेरिका तक फैल गया।

क्षेत्र और वितरण: बार्नयार्ड बाजरा भारत, चीन, जापान, मलेशिया और ईस्ट इंडीज में उगाया जाता है। चीन और जापान में कहा जाता है कि जब चावल की फसल विफल हो जाती है तो इसे वैकल्पिक फसल के रूप में उगाया जाता है। यह कुछ हद तक अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी है। भारत में यह मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और बिहार में उगाया जाता है।

वानस्पतिक विवरण: यह एक शाकीय वार्षिक है जो बहुत कम उपजता है। पौधा 60 से 120 सेंटीमीटर की ऊंचाई तक बढ़ता है। जड़ें रेशेदार और उथली होती हैं। तना पतला होता है। पत्तियाँ चपटी, चमकीली या लिगुले के बिना थोड़ी बालों वाली होती हैं। पुष्पक्रम एक पुष्पगुच्छ है जिसमें घनी भीड़-भाड़ वाली अघोषित बालिकाएँ होती हैं। स्पाइकलेट्स तीन से पांच पंक्तियों में सघन रूप से भरे होते हैं। स्पाइकलेट्स दो ग्लूम्स द्वारा कम किए जाते हैं जिनके भीतर दो पुष्पक होते हैं। ग्लूम का रंग सफेद से लाल रंग में भिन्न होता है। कैरोपसिस लेम्मा और पेलिया में बंद रहता है। दाने का रंग आमतौर पर पीला या सफेद होता है।

Seed Specification

बुवाई का समय
वर्षा आधारित अगेती फसल को मई के प्रारंभ या अप्रैल में बोया जाता है। खरीफ सीजन की मुख्य फसल जून या मई में बोई जाती है। यदि समय पर वर्षा नहीं हुई तो वर्षा आधारित फसल को अगस्त के अंत तक बो देना चाहिए।

रबी- सितंबर से अक्टूबर
खरीफ- जून से जुलाई

बीज की मात्रा
पंक्ति बुवाई के लिए 8 से 10 किग्रा प्रति हेक्टेयर और छिडकाव के लिए 12 से 15 किग्रा प्रति हेक्टेयर।

बुवाई की विधि
लाइन बुवाई एवं बिखेरना।

बरनार्ड बाजरा की खेती में पौधों के बीच की दूरी
पंक्तियों के बीच न्यूनतम 25 सेंटीमीटर की दूरी और एक पंक्ति के भीतर पौधों के बीच 10 सेंटीमीटर की दूरी।

बीज उपचार
बीज को थीरम से उपचारित करना चाहिए। बीज जनित रोग से बचाव के लिए 2 से 3 ग्राम/किग्रा बीज।

Land Preparation & Soil Health

खाद और उर्वरक
उपज बढ़ाने के लिए 5 से 10 टन प्रति हेक्टेयर की दर से अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाई जानी चाहिए। इसे 40 किग्रा नाइट्रोजन, 30 किग्रा P2O5 और 50 किग्रा K2O प्रति हेक्टेयर के साथ पूरक किया जा सकता है। बुवाई के समय सारी खाद मिट्टी में मिला देनी चाहिए। यदि सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो तो नत्रजन की आधी मात्रा को बुआई के 25-30 दिन बाद खड़ी फसल में डाल देना चाहिए।

Crop Spray & fertilizer Specification

बार्नयार्ड बाजरा भारत में उगाई जाने वाली एक अन्य खाद्य फसल है और चारा और अनाज दोनों उद्देश्यों के लिए उगाई जाती है। बरनार्ड बाजरा एक बहुउद्देश्यीय फसल है जिसकी खेती चारे और भोजन के लिए की जाती है। इसे कुछ अन्य नामों से भी पुकारा जाता है जैसे जापानी बार्नयार्ड बाजरा, ऊडालू, ऊडा, सांवा, सामा और सांवक।

सांवा या सामा या सांवक के चावल (sanwa rice), जिसे अंग्रेजी में बरनार्ड बाजरा (barnyard millet) कहा जाता है, पोषण से भरपूर एक छोटा बाजरा (उपेक्षित अनाज) है। इसमें पर्याप्त प्रोटीन, उच्च फाइबर, बी-विटामिन और उपयोगी खनिज पाए गए हैं। स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए इसे आहार में आसानी से शामिल किया जा सकता है।

उत्पत्ति और इतिहास भारत के प्राचीन साहित्य में बाजरा का उल्लेख मिलता है। इसकी खेती चीन में 2000 से अधिक वर्षों से की जा रही है। कुछ अन्वेषकों का मानना है कि बार्नयार्ड बाजरा संभवतः मध्य एशिया में कहीं उत्पन्न हुआ था। यह मध्य एशिया से यूरोप और अमेरिका तक फैल गया।

क्षेत्र और वितरण: बार्नयार्ड बाजरा भारत, चीन, जापान, मलेशिया और ईस्ट इंडीज में उगाया जाता है। चीन और जापान में कहा जाता है कि जब चावल की फसल विफल हो जाती है तो इसे वैकल्पिक फसल के रूप में उगाया जाता है। यह कुछ हद तक अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी है। भारत में यह मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और बिहार में उगाया जाता है।

वानस्पतिक विवरण: यह एक शाकीय वार्षिक है जो बहुत कम उपजता है। पौधा 60 से 120 सेंटीमीटर की ऊंचाई तक बढ़ता है। जड़ें रेशेदार और उथली होती हैं। तना पतला होता है। पत्तियाँ चपटी, चमकीली या लिगुले के बिना थोड़ी बालों वाली होती हैं। पुष्पक्रम एक पुष्पगुच्छ है जिसमें घनी भीड़-भाड़ वाली अघोषित बालिकाएँ होती हैं। स्पाइकलेट्स तीन से पांच पंक्तियों में सघन रूप से भरे होते हैं। स्पाइकलेट्स दो ग्लूम्स द्वारा कम किए जाते हैं जिनके भीतर दो पुष्पक होते हैं। ग्लूम का रंग सफेद से लाल रंग में भिन्न होता है। कैरोपसिस लेम्मा और पेलिया में बंद रहता है। दाने का रंग आमतौर पर पीला या सफेद होता है।

Weeding & Irrigation

सिंचाई
साधारणतया बरनी बाजरा को किसी सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, यदि सूखा दौर लंबे समय तक बना रहता है, तो एक सिंचाई पुष्पगुच्छ आरंभ अवस्था के समय की जानी चाहिए। यह हमेशा बेहतर होता है कि भारी बारिश का अतिरिक्त पानी खेत से बाहर निकाल दिया जाए।

खरपतवार नियंत्रण
बिजाई के 25-30 दिनों तक खेत को खरपतवार मुक्त रखना चाहिए। बार्नयार्ड बाजरे के खेत में खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए दो निराई पर्याप्त है। लाइन में बोई गई फसल में निराई-गुड़ाई हैंड हो या व्हील हो से की जा सकती है।

Harvesting & Storage

कटाई एवं मड़ाई
फसल के पक जाने पर उसकी कटाई कर लेनी चाहिए। इसे दरांती की मदद से जमीनी स्तर से काटा जाता है और थ्रेशिंग से पहले लगभग एक सप्ताह के लिए खेत में ढेर कर दिया जाता है। बैलों के पैरों के नीचे रौंद कर मड़ाई की जाती है।

उपज
अनाज की औसत उपज 400 से 600 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर और चारे या पुआल की लगभग 1200 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर होती है। उन्नत पैकेज ऑफ प्रैक्टिस से प्रति हेक्टेयर 10-12 क्विंटल अनाज की फसल प्राप्त करना संभव है।

Crop Disease

Related Varieties

Frequently Asked Question

कौन सा बाजरा स्वास्थ्य के लिए अच्छा है?

अधिकांश बाजरा के समान स्वास्थ्य लाभ होते हैं। हालांकि, सोरघम (ज्वार), बाजरा (बाजरा), फॉक्सटेल बाजरा (कंगनी), फिंगर बाजरा (रागी), बार्नयार्ड बाजरा, कोदो बाजरा, लिटिल बाजरा और प्रोसो बाजरा उपलब्ध स्वास्थ्यप्रद बाजरा अनाजों में से हैं।

बार्नयार्ड बाजरा किसके लिए अच्छा है?

बार्नयार्ड बाजरा प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरा हुआ बीज है। यह आसानी से पच जाता है और इसके पोषण मूल्य के कारण, अक्सर पक्षी बीज योगों में पाया जाता है। विटामिन में उच्च, विशेष रूप से: बी1, बी2, नियासिन, पैंटोथेनिक एसिड, बी6, फोलेट, ए, ई और के इसमें उपस्थित है।

बार्नयार्ड बाजरा को भारत में क्या कहा जाता है?

बंगाली में श्यामा, गुजराती में मोराइयो, हिंदी में सानवा चावल, कन्नड़ में ऊडालु, तमिल में कुथिरावोली और तेलुगु में उडालू के नाम से जाना जाने वाला, बार्नयार्ड बाजरा पकाए जाने पर लगभग टूटे हुए चावल की तरह स्वाद लेता है।

भारत में बार्नयार्ड बाजरा की खेती मुख्य रूप से कहाँ की जाती है?

भारत में, बार्नयार्ड बाजरा की खेती मुख्य रूप से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तराखंड तक ही सीमित है।

बार्नयार्ड बाजरा की बुवाई किस मौसम में की जाती है?

बार्नयार्ड बाजरा की बुवाई जुलाई के पहले पखवाड़े में मानसून की बारिश के साथ की जा सकती है। बीज को 8-10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से 3-4 सेंटीमीटर गहरे खांचे में बिखेरा या ड्रिल किया जाता है।

भारत में बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक कौन सा है?

राजस्थान भारत में बाजरे का सबसे बड़ा उत्पादक है क्योंकि राज्य की पर्यावरणीय परिस्थितियाँ इस फसल के विकास को प्रोत्साहित करती हैं।

बार्नयार्ड बाजरा को हिंदी में किस नाम से जाना जाता है?

Barnyard Millet को हिंदी में "सनवा" और तेलुगू में "उधालू" के नाम से जाना जाता है। यह लिटिल मिलेट के समान होता है लेकिन लिटिल मिलेट की तुलना में इसका रंग थोड़ा भूरा होता है।

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