Low
Manual
Machine & Manual
Low
Low
7-8
12 - 20 °C
5 kg of nitrogen (in form of Urea@11 kg) and 20 Kg phosphorus (in form of SSP@ 125 kg) per acre.
Basic Info
Seed Specification
Land Preparation & Soil Health
Crop Spray & fertilizer Specification
Weeding & Irrigation
Harvesting & Storage
बरसीम को आमतौर पर क्यारियों में फैलाकर और बीजों को मिट्टी में मिलाकर बोया जाता है। ऐसा प्रतीत होता है कि बीज छोटा होता है और इसलिए बुवाई से पहले इसे 1:1 के अनुपात में महीन सान के साथ समान रूप से बुवाई के लिए मिलाया जाता है। बीज दर 10 से 15 किग्रा/हेक्टेयर है। इसकी बुवाई 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक की जाती है। 30 दिनों के अंतराल पर दो बार निराई-गुड़ाई की जाती है।
बरसीम सबसे महत्वपूर्ण चारा फसलों में से एक है और इसे चारे के राजा के रूप में वर्णित किया गया है। यह अत्यधिक सम्मानित चारा है जिसका पूरे देश में पशुपालन कार्यक्रमों में विशेष स्थान है।
बरसीम सर्दियों के मौसम में बार-बार काटने से पशुओं के लिए अत्यधिक पौष्टिक और स्वादिष्ट चारा प्रदान करता है। इसमें 17% क्रूड प्रोटीन, 25.9% क्रूड फाइबर और 60-65% TDN (टोटल डाइजेस्टिबल न्यूट्रिएंट्स) की मात्रा होती है।
बरसीम एक प्रकार की चारा वर्गीय फसल हैं, पशुओं के लिए बरसीम बहुत ही लोकप्रिय चारा है, क्यूंकि यह अत्यन्त पौष्टिक एवं स्वादिष्ट होता है। यह एक तेजी से बढ़ने वाला, उच्च गुणवत्ता वाला चारा है जिसे मुख्य रूप से काटा जाता है और हरे कटे हुए चारे के रूप में खिलाया जाता है।
साधारण द्विगुणित बरसीम की बीज दर 20-25 किलोग्राम जबकि विशाल बरसीम की बीज दर 30-35 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर होती है। पहली कटाई के लिए बुवाई के 55-60 दिनों में फसल तैयार हो जाती है।
भारत में बरसीम उन्नीसवीं शताब्दी में आरम्भ में आयी। अमेरिका और यूरोप में भी इसकी खेती होती है।
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