One District One Product- Saharanpur

Saharanpur



सहारनपुर ज़िला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय सहारनपुर है। ज़िला एक कृषि प्रधान क्षेत्र है। यह सहारनपुर जिला और सहारनपुर डिवीजन का प्रशासनिक मुख्यालय है। सहारनपुर अपने लकड़ी के नक्काशीदार कुटीर उद्योग के लिए प्रसिद्ध है और साथ ही साथ विदेशी मुद्रा कमाता है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

शहद को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को खाद्य सामग्री में शहद के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।

सहारनपुर जिला अब सिगरेट फैक्ट्री और स्टार पेपर मिल से ही नहीं शहद उत्पादन से भी अपनी पहचान बना रहा है। मंडल के तीनों जिलों से 600 क्विंटल से ज्यादा शहद का विदेशों में निर्यात किया जा रहा है। इसी के चलते एशिया का नम्बर वन मंडल बन गया है।

सहारनपुर जिले का देश में शहद उत्पादन के मामले में इस बार भी पहला स्थान रहा। लॉकडाउन की वजह से इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में उत्पादन तो कम हुआ है लेकिन फिर भी देश में पहला स्थान बनाने में यह जिला कामयाब रहा। शहद उत्पादन में सहारनपुर पिछले दो सालों से देश में पहला स्थान बनाए हुए है।
सहारनपुर में लगभग 10,000 -15,000 मधुमक्खी पालक हैं जो लगभग 30,000 लोगों को रोजगार देने का काम कर रहे हैं।

सहारनपुर के मधुमक्खी पालक सरसों के फूल का शहद, लीची का शहद, नीम का शहद समेत अन्य कई प्रकार के शहद का जनपद उत्पादन कर देश में जिले को ख़ास पहचान दिला रहे हैं।

सहारनपुर के शहद उत्पादक जिले के अलावा हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू, सिक्किम आदि प्रदेशों में भी शहद उत्पादन करते हैं। देश में प्रतिवर्ष करीब एक लाख टन शहद का उत्पादन किया जाता है। विदेशों में भी यहां के शहद की मांग लगातार बढ़ रही है। 

राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य देवव्रत शर्मा के मुताबिक जनपद में वर्ष 1991-92 व 92-93 से शहद उत्पादन की शुरुआत हुई। आज इस कारोबार से 10-15 हजार लोग जुड़े हैं। उनके मुताबिक पूरे प्रदेश में पांच लाख बी कीपिंग बाक्स विभिन्न जनपदों में रखे हैं। इनमें ढाई लाख बाक्स अकेले सहारनपुर में हैं। एक बाक्स से करीब 30 किलो शहद प्राप्त होता है। जनपद के मधुमक्खी पालकों ने पिछले साल करीब साढे सात हजार टन शहद का उत्पादन किया। इस साल छह हजार टन उत्पादन हुआ है। कुल शहद उत्पादन का 87 प्रतिशत आर्गेनिक शहद का विदेशों में निर्यात होता है। 

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