Atis (अतीस)

News Banner Image

Watering

Medium

News Banner Image

Cultivation

Machine & Manual

News Banner Image

Harvesting

Machine & Manual

News Banner Image

Labour

Medium

News Banner Image

Sunlight

Medium

News Banner Image

pH value

News Banner Image

Temperature

News Banner Image

Fertilization

Atis (अतीस)

Basic Info

आप जानते है भारत के प्राकृतिक वन लगभग 8000 औषधीय पौधों का घर हैं जो देश की 60-80% आबादी, विशेषकर ग्रामीण गरीबों के लिए स्वास्थ्य देखभाल के प्राथमिक स्रोत का निर्माण करते है| लेकिन उपयोग की दृस्टि से इनका वितरण समान नहीं है, कही इन औषधियों की अधिकता है तो कहीं दुर्लभ हैं| वर्तमान समय में विश्व स्तर पर औषधियों पौधों (Medicinal Plants) की अहम हिस्सेदारी है। ऐसे में देश के किसान औषधीय पौधों की खेती (Medicinal Plants Cultivation) की तरफ रूख कर सकते हैं। आज हम इस लेख में अतीस की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं।
अतीस की खेती वार्षिक होती है, जबकि इसकी जड़ द्विवर्षीय होती हैं। तना सीधा, शाखाएँ रहित या विरली एक या दो संख्या में होती हैं, पत्ती बिना डंठल वाली, चिकनी और विविध प्रकार के आकार वाली होती हैं। कंदों की लम्बाई 3 सेमी. एवं शंकु के आकार में होती हैं।

Seed Specification

बुवाई का समय
बीजों को अक्टूबर - नवम्बर या मार्च - अप्रैल में (1800-2200) मीटर की ऊँचाई तक तथा फरवरी - मार्च में (600-1000) तक उगाया जाता है।

बीज की मात्रा
बुवाई के लिए बीज की मात्रा लगभग 1.5 कि.ग्रा./हेक्टेयर पर्याप्त है तथा कंद की मात्रा लगभग 1,11,000 कंद/हेक्टेयर की आवश्यकता होती हैं।

बुवाई का तरीका 
अतीस की खेती के लिए नर्सरी तकनीक का प्रयोग किया जाता हैं। अतीस की खेती में रोपण सामग्री - बीज, कंद और तना।

पौध तैयार करना
बीजों को मिट्टी और खाद (एफवाईएम) (1:2) में, 05 सेमी. की गहराई तक 2 सेमी. × 2 सेमी. की दूरी पर लगाया जाता है।

दूरी
मार्च-अप्रैल महीनों में 30सेमी. ×30 सेमी. की दूरी पर बीजों/प्रजनकों को प्रत्यारोपित करें।

Land Preparation & Soil Health

खाद एवं रासायनिक उर्वरक
अतीस की अच्छी पैदावार के लिए खेत तैयारी के समय वर्मीकम्पोस्ट या अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद मिट्टी में मिला देनी चाहिए। ध्यान रहे रासायनिक उर्वरक मिट्टी परिक्षण आधार पर ही देवे।

Crop Spray & fertilizer Specification

आप जानते है भारत के प्राकृतिक वन लगभग 8000 औषधीय पौधों का घर हैं जो देश की 60-80% आबादी, विशेषकर ग्रामीण गरीबों के लिए स्वास्थ्य देखभाल के प्राथमिक स्रोत का निर्माण करते है| लेकिन उपयोग की दृस्टि से इनका वितरण समान नहीं है, कही इन औषधियों की अधिकता है तो कहीं दुर्लभ हैं| वर्तमान समय में विश्व स्तर पर औषधियों पौधों (Medicinal Plants) की अहम हिस्सेदारी है। ऐसे में देश के किसान औषधीय पौधों की खेती (Medicinal Plants Cultivation) की तरफ रूख कर सकते हैं। आज हम इस लेख में अतीस की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं।
अतीस की खेती वार्षिक होती है, जबकि इसकी जड़ द्विवर्षीय होती हैं। तना सीधा, शाखाएँ रहित या विरली एक या दो संख्या में होती हैं, पत्ती बिना डंठल वाली, चिकनी और विविध प्रकार के आकार वाली होती हैं। कंदों की लम्बाई 3 सेमी. एवं शंकु के आकार में होती हैं।

Weeding & Irrigation

खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार कि रोकथाम के लिए आवश्यकता अनुसार निराई-गुड़ाई करें।

सिंचाई
अतीस की अच्छी बढ़वार के लिए समय - समय पर और आवश्यकता अनुसार सिंचाई करना चाहिए। गर्मियों में सिंचाई जल्दी करना होता है। शुष्क मौसम में मिट्टी में नमी बनी रहे, इसके लिए सप्ताह में एक बार सिंचाई करना चाहिए।

Harvesting & Storage

फसल का पकना और कटाई
प्राकृतिक रूप से फूल सितम्बर में आ जाते हैं, जबकि फल अक्टूबर से नवम्बर में पकते हैं। इसके बीजों के पकने के बाद अक्टूबर से नवम्बर में कंदों को मिट्टी से खोदकर बाहर निकालना चाहिए। फसल की कटाई नवम्बर के पहले सप्ताह में की करनी चाहिए।

फसल प्रबंधन
कंद को मिट्टी की खुदाई करके बाहर निकालें, कंद को आंशिक रुप से छायादार स्थान पर सूखाएं, सूखे कंदों के हिस्सों को लकड़ी के बक्सों या बंद हवा वाले पोलिथिन थैलों में रखें। 

उत्पादन
अगर उन्नत तकनीक से अतीस की खेती की जाए, तो 1 हेक्टेयर से लगभग 518 किलोग्राम कंद प्राप्त किए जा सकते हैं।

Crop Disease

Anthracnose

Description:
गीली और हवा की स्थिति रोग के अनुकूल होती है पेड़ों पर छोड़े गए पुराने फल रोग फैलाने के लिए इनोकुलम प्रदान करते हैं।

Organic Solution:
कटाई के बाद बोर्डो मिश्रण या कॉपर सल्फेट के प्रयोग से अगले मौसम में एन्थ्रेक्नोज की घटनाओं को कम किया जा सकता है। इन यौगिकों का उपयोग फसल से पहले फलों पर बुल आई रॉट के गठन को नियंत्रित करने के लिए भी किया जा सकता है।

Chemical solution:
यदि उपलब्ध हो तो हमेशा जैविक उपचार के साथ निवारक उपायों के साथ एक एकीकृत दृष्टिकोण पर विचार करें। कैप्टन, मैनकोज़ेब या ज़ीरम पर आधारित उत्पादों का उपयोग किया जा सकता है

image

Diplodia Rot

Description:
इष्टतम तापमान 25.9 डिग्री सेल्सियस से 31.5 डिग्री सेल्सियस और सापेक्षिक आर्द्रता 80% है। रोगज़नक़ संक्रमित पौधों के हिस्सों में बना रहता है जो इनोकुलम के स्रोत के रूप में काम करते हैं।

Organic Solution:
गर्मी के मौसम में रोपण गड्ढा खोदकर कम से कम एक महीने तक खुला रखें। मृदा सौरकरण: मिट्टी के सौरकरण के लिए बुवाई से पहले तीन सप्ताह के लिए 45 गेज (0.45 मिमी) मोटाई की पॉलिथीन शीट के साथ गड्ढों को कवर करें जिससे मिट्टी में उत्पन्न होने वाले कीटों को कम करने में मदद मिलेगी। नीम की खली 2 किलो/गड्ढे की दर से लगाएं।

Chemical solution:
यदि उपलब्ध हो तो हमेशा जैविक उपचार के साथ निवारक उपायों के साथ एक एकीकृत दृष्टिकोण पर विचार करें। कैप्टन, मैनकोज़ेब या ज़ीरम पर आधारित उत्पादों का उपयोग किया जा सकता है

image

Black Canker

Description:
यह रोग अत्यधिक गीले मौसम और ठंडे से मध्यम तापमान (15ºC से 20ºC) के अनुकूल है। जब लंबे समय तक बरसात की अवधि वसंत में मौजूद होती है और कम से कम छह घंटे लगातार गीलापन प्रदान करती है रोगज़नक़ संक्रमित पौधों के हिस्सों में बना रहता है जो इनोकुलम के स्रोत के रूप में काम करते हैं।

Organic Solution:
• पारिस्थितिक इंजीनियरिंग के माध्यम से प्राकृतिक शत्रुओं का संरक्षण करें • प्राकृतिक शत्रुओं की वृद्धिशील रिहाई

Chemical solution:
कार्बेन्डाजिम 0.1% या क्लोरोथालोनिल 0.2% का छिड़काव करें।

image

Related Varieties

Frequently Asked Question

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline