One District One Product- ChitraKoot

ChitraKoot



चित्रकूट भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक जिला है. उत्तर प्रदेश के दक्षिणी भाग में आने वाला यह जिला चित्रकूट प्रमंडल के अंतर्गत आता है. चित्रकूट प्रमंडल के अंतर्गत कुल 4 जिले आते हैं: चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और महोबा. चित्रकूटधाम शहर (कर्वी) जिले का तथा चित्रकूट प्रमंडल का प्रशासनिक मुख्यालय है. चित्रकूट पौराणिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत ही महत्वपूर्ण जिला है. हिंदुओं के लिए एक पवित्र धार्मिक स्थल के रूप में विख्यात इस स्थान का उल्लेख रामायण में मिलता है. भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी ने वनवास काल के 11 वर्ष यहीं पर व्यतीत किए थे. चित्रकूट अपने प्राकृतिक सुंदरता, खूबसूरत झरने, घने वन, सुंदर पहाड़ियों और गुफाओं के कारण पर्यटकों का मुख्य आकर्षण है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

तिलहन आधारित उत्पाद को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को खाद्य सामग्री में तिलहन आधारित उत्पाद के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।

भारत की वनस्पति तेल अर्थव्यवस्था है प्रमुख तिलहन उत्पादक और खाद्य तेलों का आयात कर में से एक है दुनिया का चौथा सबसे बड़ा संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और ब्राजील के बाद। 

तिलहन उन फसलों को कहते हैं जिनसे वनस्पति तेल का उत्पादन होता है। जिसमें महत्वपूर्ण हैं तिल, सरसों, मूँगफली, सोया और सूरजमुखी। भारत में तिलहनों की उपाज बढ़ाने के लिये पीत क्रांति की संकल्पना दी गयी।

अर्थव्यवस्था-कृषि, उद्योग और उत्पाद
चित्रकूट जिले की अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन, वन, उद्योग और व्यवसाय पर आधारित है।

कृषि
जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फसल हैं: धान, गेहूं, ज्वार, बाजरा, दलहन, तिलहन और सब्जियां।

पशुपालन
ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन जिले के लोगों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण जरिया है। जिले के प्रमुख पशु धन हैं: गाय, बैल, भैंस, सूअर, बकरी और पोल्ट्री।

वन
चित्रकूट जिले का लगभग 17.5% भूभाग वनों से आच्छादित है. जिले में पाए जाने वाले प्रमुख वन संपदा हैं: बबूल, करौंदा, करील, महुआ, सहजन, ढाक, तेंदू, खैर, हल्दु, बांस, साल और औषधीय वनस्पति. तेंदू के पत्तों का प्रयोग बीड़ी बनाने के लिए तथा खैर का इस्तेमाल कत्था बनाने के लिए किया जाता है।

उद्योग
औद्योगिकरण की दृष्टि से चित्रकूट एक पिछड़ा हुआ जिला है. जिले में कृषि आधारित छोटे-मोटे उद्योग स्थित हैं।

व्यवसाय
चित्रकूट जिला कृषि आधारित उत्पादों का व्यापार केंद्र है।

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline