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पानीपत। हरियाणा में खेती से मुनाफा कमाना चौखी कमाई का जरिया बनता जा रहा है। हम आपको कुरुक्षेत्र जिले के एक ऐसे ही किसान से रूबरू करा रहे हैं, जो महज कुछ एकड़ में खेती कर सालाना करोड़ों रुपए की कमाई कर रहा है।
हम बात कर रहे हैं कुरुक्षेत्र जिले के गांव शाहाबाद में रहने वाले किसान हरबीर सिंह की। हरबीर ने बताया कि कैसे उन्होंने मास्टर डिग्री करने के बाद भी नौकरी के बजाय खेती में दिलचस्पी ली और आज वे करोड़पति किसान हैं। वे कहते हैं कि 2005 में मात्र 2 कनाल (जमीन का एकड़ से भी छोटा हिस्सा ) क्षेत्र में एक लाख की लागत से सब्जियों की नर्सरी लगाई, जिससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा होने लगा। इसके बाद उन्होंने और जमीन खरीदी और आज 2015 में 11 एकड़ जमीन में नर्सरी बना रखी है, जिससे सालाना लगभग तीन करोड़ का मुनाफा होता है।
एडवांस बुकिंग पर ही मिलती है पौध...
हरबीर कहते हैं कि क्षेत्र में उनकी नर्सरी बहुत मशहूर है और यही कारण है कि अन्य किसान भाइयों को बुकिंग के बाद ही पौध उपलब्ध हो पाती हैं। हरबीर ने बताया कि वे इंटरनेशनल बी-रिसर्च एसोसिएशन के सदस्य भी हैं। वर्ष 2004 में वह एसोसिएशन की ओर से इंग्लैंड का दौरा भी कर चुके हैं। उन्होंने 1996 में 5 बॉक्स से मुधमक्खी पालन शुरू किया था। आज 470 बॉक्स से भी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
हरबीर सिंह बताते हैं कि वर्ष1995 में कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी से एम.ए. पास किया और खेती शुरू कर दी। उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से खेती की। इसके लिए टपका सिंचाई व मिनीस्पिकंलर सिंचाई विधि प्रयोग लाई गई। उन्होंने हरी मिर्च, शिमला मिर्च, टमाटर, गोभी, प्याज, बैंगन सहित अन्य पौध तैयार की। पौध गुणवतापरक निकली तो हरियाणा, पंजाब, यू.पी., हिमाचल प्रदेश के किसान पौध खरीदने के लिए आने लगे। उच्च गुणवत्ता की वजह से इन राज्यों के लोग यहां आकर पौध खरीदते हैं। पौध को खरीदने से पहले कम से कम तीन दिन पहले बुक करवाना पड़ता है। तीन दिन बाद पौध की डिलेवरी दी जाती है। इसकी वजह से उनके फार्म हाउस पर लोगों की भीड़ जमा रहती है। इसी वजह से अच्छी खासी आमदनी ले रहे हैं।
सैंकड़ों लोगों को दे रहे रोजगार
हरबीर ने बताया कि पौध तैयार करने का उसका कार्य आज काफी बड़े स्तर पर है। जिला में ही नहीं प्रदेशभर में किसी किसान का पौध उत्पादन इतना नहीं है। उन्होंने बताया कि उनके इस कार्य में 121 महिला- पुरूश कार्य में लगे हैं। पौध की कीमत 45 पै. प्रति पौधा से लेकर 1.50 पै. प्रति पौधा वैयारटी के साथ तय की गई है।
2015-16 में 10 करोड़ पौध बचने का लक्ष्य
किसान हरबीर ने बताया कि पिछले वर्ष उसने 4 करोड़ पौध बेचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, इसी तर्ज पर कदम बढ़ाते हुए यह लक्ष्य वर्श 2015-16 में 10 करोड़ पौध बेचने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि पौध की गुणवत्ता के साथ किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जाता। यही वजह है की उनकी यह पौध इतने बड़े स्तर पर बेची जा रही है।
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