मटर की अगेती खेती से किसान कर सकते हैं अच्छी कमाई, जानें इसकी बुवाई का सही समय

मटर की अगेती खेती से किसान कर सकते हैं अच्छी कमाई, जानें इसकी बुवाई का सही समय
News Banner Image

Kisaan Helpline

Crops Aug 09, 2023

Pea Farming: हमारे देश में उगाई जाने वाली दलहनी फसलों में मटर का महत्वपूर्ण स्थान है। मटर का उपयोग मुख्य रूप से सब्जियों और दालों के लिए किया जाता है। जिसकी अगेती खेती करके आप अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। मटर की खेती देश के कई राज्यों में यह बड़े पैमाने पर किया जाता है। कम समय में अच्छा मुनाफा देने के कारण इस फसल की लोकप्रियता भी किसानों के बीच काफी ज्यादा है। बता दें कि इसके सूखे दानों का उपयोग दाल के रूप में किया जाता है। वहीं कच्ची फलियों का इस्तेमाल सब्जियां बनाने में किया जाता है।

मटर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
मटर की खेती के लिए दोमट और हल्की दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। मटर की बुआई से पहले खेत की जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से कर लें। फिर कल्टीवेटर से दो से तीन जुताई करें. बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर 80 से 100 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। मटर की फसल कम समय में तैयार हो जाती है।

मटर की अगेती खेती
  • मटर की अगेती प्रजातियों की बुआई सितंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर अक्टूबर के मध्य तक कर सकते हैं। 
  • मटर की खेती के लिए दोमट और हल्की दोमट मृदा उपयुक्त होती है। 
  • मटर की अगेती प्रजातियां जैसे आजाद मटर-3. काशी नंदिनी, काशी मुक्ति, काशी उदय और काशी अगेती प्रमुख हैं। 
  • इन प्रजातियों की सबसे खास बात यह है कि ये 50 से लेकर 60 दिनों में तैयार हो जाती हैं। 
  • इससे खेत जल्दी खाली हो जाता है और किसान दूसरी फसलों की बुआई भी कर सकते हैं। 
  • बुआई के लिए प्रति हैक्टर 80 से लेकर 100 कि.ग्रा. बीज की जरूरत पड़ती है। 
  • मटर को बीजजनित रोगों से बचाव के लिए मैंकोजेब 3 ग्राम या थीरम 2 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित करना चाहिए। 
  • अगेती प्रजातियों के लिए पंक्ति से पंक्ति एवं पौधे से पौधे की दूरी 30x6-8 सें.मी. पर्याप्त है। 
  • खेत की तैयारी के समय प्रति हैक्टर 20-25 टन सड़ी गोबर की खाद के साथ 40 कि.ग्रा. नाइट्रोजन. 60 कि.ग्रा. फॉस्फोरस, 50 कि.ग्रा. पोटाश का प्रयोग करें।
मटर की अगेती किस्मों की खेती करके किसान सब्जियों में मटर की बढ़ती मांग को पूरा कर सकते हैं और अपनी आय भी बढ़ा सकते हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने मटर की अगेती प्रजातियों की कई किस्में विकसित की हैं। जिनमें आज़ाद मटर-3, काशी नंदिनी, काशी मुक्ति, काशी उदय और काशी अगेति प्रमुख हैं। इस प्रकार की मटर की सबसे खास बात यह है कि यह 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे खेत जल्दी खाली हो जाता है और किसान अन्य फसलें बो सकते हैं।

Tags: early cultivation of peas, Pea Farming, varieties of peas, मटर की अगेती खेती, मटर की खेती, मटर की किस्में

Agriculture Magazines

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline