इस औषधीय पौधे की जड़ से लेकर झाड़ और बीज तक सब बिकता है, इसकी खेती कर ली तो किसान हो जाएंगे मालामाल

इस औषधीय पौधे की जड़ से लेकर झाड़ और बीज तक सब बिकता है, इसकी खेती कर ली तो किसान हो जाएंगे मालामाल
News Banner Image

Kisaan Helpline

Crops Apr 07, 2023

Ashwagandha Farming : भारत में पारंपरिक फसलों के अलावा अब किसान तेजी से औषधीय पौधों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं। सरकार भी किसानों को औषधीय पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। किसान भाईयों अगर आप खेती से मोटा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आपको पारंपरिक खेती से कुछ अलग करना होगा। हर दिन आपके लिए एक से बढ़कर एक बिजनेस आइडिया लेकर आता है। इसी कड़ी में आज भी हम आपको एक बेहतरीन आइडिया बता रहे हैं। औषधीय फसलों की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है, क्योंकि ये अपने औषधीय गुणों के कारण ऊंचे दामों पर बिकती हैं।

ऐसा ही एक पौधा है अश्वगंधा, जिससे किसानों को लाभ मिलता है। आज हम जानेंगे कि अश्वगंधा की खेती कैसे की जाती है और इसकी खेती से किसानों को कितने फायदे हैं।

अश्वगंधा के सेवन के फायदे
अश्वगंधा की खेती को नकदी फसल भी कहा जाता है, क्योंकि यह किसानों को भारी मुनाफा देती है। इस कारण सरकार भी किसानों को अश्वगंधा की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। क्‍योंकि अश्वगंधा में कई ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी लोगों को कोरोना काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करने की सलाह दी थी।

अश्वगंधा से कई तरह की औषधियां बनाई जाती हैं। अश्वगंधा का प्रयोग यौन रोगों में और पुरुषों की शारीरिक शक्ति बढ़ाने में भी किया जाता है। इसके सेवन से तनाव और चिंता को कम किया जा सकता है। यह हमारे नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाता है, इसीलिए अश्वगंधा का उपयोग लकवा और रीढ़ की हड्डी की समस्याओं जैसे रोगों के इलाज में किया जाता है।


किसान कर सकते है अच्छी कमाई
अगर आप एक हेक्टेयर में अश्वगंधा की बुवाई करते हैं तो इसमें आपको करीब 40 से 50 हजार रुपए का खर्च आता है। एक हेक्टेयर में आपको अश्वगंधा की उपज 800-1000 किलोग्राम तक प्राप्त हो जाती है। अगर इसमें 50 हजार की लागत निकाल दी जाए तो आपको 1 लाख रुपए का मुनाफा हो जाएगा। इसकी फसल साल में दो बार लगाई जा सकती है। इस तरह आपको एक साल में 2 लाख रुपए का मुनाफा हो जाएगा। वहीं करीब 50 किलो बीज का उत्पादन भी होगा, जो 130 से 200 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।

अश्वगंधा की जड़ के दाम उसकी गुणवत्ता के अनुसार मिलते हैं। इसके पौधों की मोटी जड़ें अधिक और पतली जड़ें कम कीमत में बिकती हैं। इसकी जड़ों की कीमत 150 से 200 रुपए प्रति किलो के बीच हो सकती है। इतना ही नहीं आप इसके झूमर बेचकर भी कमाई कर सकते हैं। इसका पौधा 15 से 20 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है। इस प्रकार किसानों को अश्वगंधा की खेती से 3 से 4 गुना लाभ प्राप्त होता है।

अश्वगंधा की खेती करने का सही समय
अगर आप अश्वगंधा की खेती करना चाहते हैं तो इसकी पहली खेती फरवरी-मार्च के दौरान और दूसरी अगस्त-सितंबर के दौरान की जाती है। यह फसल 4-5 माह में तैयार हो जाती है। इसकी खेती से पहले खेत में खूब अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद डालें। इससे पौधे में पोषण की कमी नहीं होगी और अश्वगंधा की जड़ें मोटी होंगी। एक अच्छी बात यह भी है कि इसमें जल्दी कोई बीमारी नहीं लगती।

फसल की कटाई
अश्वगंधा की फसल बुवाई के 160-180 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इन्हें काटकर, इनकी जड़, पत्ते और छाल को अलग करके और इन्हें बाजार में बेचकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

Agriculture Magazines

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline