सरकार वनस्पति तेल के आयत शुल्क को बढ़ाने का फैसला ले सकती है

सरकार वनस्पति तेल के आयत शुल्क को बढ़ाने का फैसला ले सकती है
News Banner Image

Kisaan Helpline

Crops Sep 16, 2015

देश में खाद्य तेल के रिकॉर्ड आयात से परेशान घरेलू वनस्पति तेल उद्योग ने सरकार से खाने के कच्चे तेल और वनस्पति तेल पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग की है। इस बात का समर्थन करते हुए खाद्य, वाणिज्य और कृषि मंत्रालय ने कच्चे तेलों और रिफाइंड तेलों पर शुल्क बढ़ाने की सिफारिश की है। कैबिनेट और वित्त मंत्रालय कि बैठक में इस पर आज फैसला लिया जा सकता है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने खाने के कच्चे तेल पर 25 फीसदी और रिफाइंड ऑयल पर 45 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगाने की मांग की है। फिलहाल खाने के कच्चे तेल पर 7.5 फीसदी और रिफाइंड ऑयल पर 15 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगती है।


एसईए के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा, 'वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों की अत्यधिक आपूर्ति के लिए भारत को डंपिंग ग्राउंड के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।' उन्होंने बाताया कि तिलहन उत्पादक राज्यों में कम बारिश होने से देश में खाद्य तेलों का इंपोर्ट करीब 20 लाख टन बढ़कर 135 लाख टन पहुंच सकता है। एसईए के  मुताबिक नवंबर 2014 से अगस्त 2015 के दौरान कुल वनस्पति तेल आयात 23 फीसदी बढ़कर 1,17,25,065 टन रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि में 95,25,374 टन था।

इसका मतलब है की ज्यादा आयात से स्थानीय कीमतों पर भारी दबाव बन गया है, जिससे तिलहन उगाने वाले भारतीय किसानों को मामूली मुनाफा हो रहा है और उनकी तिलहन फसलों में रुचि कम हो रही है। एसईए के अनुसार अगर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ती है तो छोटी अवधि में घरेलू इस्तेमाल में आने वाले खाद्य तेलों के दाम में तेजी आयेगी, लेकिन इससे किसानों और घरेलू तेल उद्योग का फायदा होगा।

Agriculture Magazines

Pashudhan Praharee (पशुधन प्रहरी)

Fasal Kranti Marathi

Fasal Kranti Gujarati

Fasal Kranti Punjabi

फसल क्रांति हिंदी

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline