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गर्मी में तिल की खेती: कम समय में ज्यादा मुनाफे का बेहतरीन मौका
भारत में तिल की खेती
सदियों से की जा रही है, लेकिन अब किसान
इसे गर्मी के मौसम में भी अपना रहे हैं। तिल की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक
विकल्प बन रही है, क्योंकि यह कम
समय में अधिक उत्पादन और अच्छी कीमत दिलाने में मदद करती है।
तिल का उपयोग मुख्य रूप
से तेल निकालने के लिए किया जाता है, जिसकी बाजार में अच्छी मांग बनी रहती है। महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल,
आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु,
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में इसकी खेती बड़े
पैमाने पर की जाती है।
गर्मी में तिल की बुवाई का सही समय
ग्रीष्मकालीन तिल की खेती
सफलतापूर्वक करने के लिए किसानों को मार्च से अप्रैल के बीच बुवाई कर देनी चाहिए।
बुवाई करते समय यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मिट्टी का तापमान 25 से 27 डिग्री सेल्सियस हो, ताकि अंकुरण
बेहतर हो सके।
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सही समय: फरवरी से अप्रैल के बीच
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उपयुक्त तापमान: 25-27 डिग्री सेल्सियस
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फसल अवधि: 75-85 दिन
मिट्टी और खेत की तैयारी
तिल की खेती सभी प्रकार
की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन उपज बढ़ाने
के लिए इसे बलुई दोमट मिट्टी में बोना फायदेमंद होता है। खेत की तैयारी करते समय
गहरी जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरा बनाएं। बुवाई से पहले अच्छी गुणवत्ता वाली
जैविक खाद जैसे गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करें।
तिल की उन्नत किस्में
किसान अधिक उत्पादन के
लिए उन्नत किस्मों का चयन कर सकते हैं। गर्मियों के लिए कुछ प्रमुख किस्में
निम्नलिखित हैं:
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टी.के.जी. 21
– 80 से 85 दिन में तैयार, उपज: 6-8 क्विंटल/हेक्टेयर
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टी.के.जी. 22
– 75 से 85 दिन में तैयार, उपज: 8-10 क्विंटल/हेक्टेयर
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आर.टी. 346,
पंजाब टिल 1, गुजरात टिल 4, हरियाणा टिल 1, तरूण, सूर्या आदि भी लाभकारी किस्में हैं।
बीज दर और बुवाई का तरीका
तिल की अच्छी पैदावार के
लिए सही बीज दर और बुवाई विधि को अपनाना बेहद जरूरी है।
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छिटकवा विधि: प्रति हेक्टेयर 5-6 किलोग्राम बीज
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पंक्ति पद्धति: प्रति हेक्टेयर 4-5 किलोग्राम बीज
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पंक्ति से पंक्ति
दूरी: 25-30 सेमी
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पौधे से पौधे की
दूरी: 8 सेमी
सिंचाई एवं खाद प्रबंधन
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गर्मियों में तिल
की फसल के लिए 8-10 दिन के अंतराल
पर सिंचाई करें।
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फूल आने के समय
अधिक सिंचाई न करें, वरना फूल झड़
सकते हैं।
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अधिक उपज प्राप्त
करने के लिए किसान को बुआई से पहले 25 किलोग्राम टाटा स्टील धुर्वी गोल्ड और 100
किलोग्राम जिप्सम का प्रयोग प्रति एकड़ करना चाहिए तथा 50 से 60 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ खेत में
डालना चाहिए।
पैदावार और कटाई
ग्रीष्मकालीन तिल मानसून
तिल की तुलना में अधिक उपज देता है और इसकी गुणवत्ता भी बेहतर होती है। एक
हेक्टेयर में 1000 से 1800 किलोग्राम तिल का उत्पादन हो सकता है।
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फसल कटाई का सही
समय: जब पत्तियाँ पीली हो
जाएं और फलियाँ सूखने लगें।
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भंडारण: तिल को अच्छी तरह सूखाकर साफ-सुथरे और हवादार
स्थान पर संग्रह करें।
गर्मी में तिल की खेती
किसानों के लिए एक शानदार अवसर साबित हो सकती है। सही समय पर बुवाई, उचित देखभाल और वैज्ञानिक तरीकों को अपनाकर
किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
किसान भाइयों! यदि आप भी
गर्मियों में तिल की खेती करने की सोच रहे हैं, तो यह समय सही है! उचित तकनीक अपनाएं और अपनी आय में
बढ़ोतरी करें।
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