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देश के विभिन्न हिस्सों में मई महीने की शुरुआत के साथ मौसम ने करवट लेना शुरू कर दिया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, उत्तर भारत से लेकर पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों तक अगले कुछ दिनों में बारिश, तेज हवाएं, गरज-चमक और कहीं-कहीं ओलावृष्टि देखने को मिल सकती है। यह परिवर्तन किसानों के लिए लाभदायक भी हो सकता है, लेकिन इसके साथ ही फसलों को नुकसान पहुंचने का खतरा भी बना हुआ है। ऐसे में मौसम को लेकर सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
मई महीने की शुरुआत के साथ देश के कई हिस्सों में मौसम में
बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार,
आने वाले 5–6 दिनों
के दौरान पूर्व, मध्य, दक्षिण और
उत्तर-पश्चिम भारत के कई राज्यों में तेज़ हवाओं, गरज-चमक और बारिश की संभावना जताई गई है।
इस बदले मौसम से जहां एक ओर गर्मी से राहत मिल सकती है, वहीं दूसरी ओर
कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि और तेज़ हवाओं के कारण खेतों में खड़ी फसल को नुकसान
भी हो सकता है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे इस दौरान मौसम की अपडेट पर नज़र
रखें और अपनी फसल व उपकरणों की सुरक्षा के इंतज़ाम पहले से कर लें।
पूर्व व मध्य भारत में
तेज़ बारिश और आंधी की संभावना
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बिहार,
झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूर्वी मध्य
प्रदेश, विदर्भ
और छत्तीसगढ़ में 1 से 3 मई तक हल्की
से मध्यम बारिश, गरज-चमक
और तेज़ हवाओं (40-60
किमी/घंटा) की संभावना है।
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झारखंड और बिहार में आज (1 मई) को तेज़ आंधी (50-70
किमी/घंटा) का अनुमान है।
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ओडिशा और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि भी हो
सकती है।
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ओडिशा में 1-2 मई, और बिहार में 2 मई को भारी
वर्षा का भी अलर्ट जारी किया गया है।
दक्षिण भारत में भी
गरज-चमक के साथ बारिश
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तमिलनाडु,
तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, रायलसीमा, आंध्र प्रदेश व
पुडुचेरी में अगले 7 दिनों
तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
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उत्तर कर्नाटक में 1 से 4 मई के बीच
तेज़ आंधी (50-60
किमी/घंटा) चल सकती है।
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इन राज्यों में गर्मी के साथ उमस भी बनी रह सकती है, जिससे फसल की
नमी संतुलन पर असर पड़ सकता है।
उत्तर भारत में पश्चिमी
विक्षोभ से बदलाव
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1 मई से
6 मई के बीच
उत्तर भारत में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण बड़ा मौसमी बदलाव देखने को
मिलेगा।
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जम्मू-कश्मीर,
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश, गरज-चमक और
तेज़ हवाओं की संभावना है।
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उत्तराखंड में 1-2 मई को
ओलावृष्टि की चेतावनी दी गई है।
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पंजाब,
हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व
राजस्थान में भी 1 से 5 मई तक तेज़
हवाएं, गरज-चमक
और धूल भरी आंधी की संभावना है।
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विशेषकर दिल्ली-एनसीआर में 1 से 6 मई तक
हल्की बारिश, बादल
और तेज़ हवाओं (30-50
किमी/घंटा) से गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है।
तापमान और गर्मी का
हाल
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उत्तर भारत में अधिकतम तापमान में 2–4 डिग्री की
गिरावट देखने को मिल सकती है।
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दिल्ली में 1–3 मई तक
अधिकतम तापमान 35–38°C,
और न्यूनतम 24–27°C
रह सकता है।
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4 से 6 मई के बीच भी
इसी रेंज में तापमान रहने की संभावना है।
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राजस्थान और जम्मू संभाग में 1 मई को लू चलने
की चेतावनी दी गई है।
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गुजरात,
मराठवाड़ा, महाराष्ट्र, तटीय आंध्र
प्रदेश, रायलसीमा
और तमिलनाडु में गर्मी के साथ उमस भरा मौसम रहने वाला है।
किसानों के लिए सलाह:
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तेज़ हवाओं और आंधी के चलते फसलों को नुकसान से बचाने के
लिए खुले खेतों में रखे उपकरण और ढांचों को सुरक्षित स्थान पर रखें।
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यदि फसल तैयार है,
तो कटी फसल को सुरक्षित गोदाम या प्लास्टिक से ढककर रखें।
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जिन क्षेत्रों में ओलावृष्टि की चेतावनी है, वहाँ फसल बीमा
संबंधित कागज़ी कार्यवाही पूरी कर लें।
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मौसम परिवर्तन का उपयोग गर्मी की फसल की बुवाई के लिए भी
किया जा सकता है, जहां
बारिश के बाद नमी बनी रहेगी।
मई के पहले सप्ताह में देश के कई हिस्सों में मौसम का मिजाज
बदलने वाला है। किसानों को चाहिए कि वे इस बदलाव को लेकर सतर्क रहें और कृषि
कार्यों की योजना मौसम विभाग की चेतावनियों के अनुसार बनाएं। यह समय गर्मी से राहत
का है, लेकिन
साथ में तैयारी की ज़रूरत भी है।
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