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गेहूं की कटाई का समय आते ही खेतों में बचे फसल अवशेषों को जलाने की घटनाएं देखने को मिलती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह डंठल किसानों के लिए आय का नया जरिया बन सकता है? कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर किसान गेहूं के डंठल का सही तरीके से इस्तेमाल करें तो वे प्रति एकड़ 70 से 80 हजार रुपये तक की अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं.
गेहूं के डंठल जलाना
क्यों है नुकसानदायक?
अक्सर किसान खेतों को जल्दी खाली करने के लिए गेहूं के डंठल
में आग लगा देते हैं, जिससे
पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है और मिट्टी की उर्वरता भी कम होती है. इससे मिट्टी
में मौजूद लाभदायक बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं, जिससे फसल की उत्पादन क्षमता पर भी असर पड़ता है.
गेहूं के डंठल से कैसे
होगी कमाई?
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भूसा बनाकर बेचें- हार्वेस्टर से
गेहूं की कटाई के बाद डंठल को इकट्ठा करके भूसा बनाया जा सकता है. पशुपालकों और
डेयरी फार्म में इसकी काफी मांग है. एक एकड़ में करीब 10 क्विंटल पराली
पैदा की जा सकती है, जिसे
किसान बाजार में बेचकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
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वर्मीकम्पोस्ट खाद तैयार करें- गेहूं के बचे
हुए अवशेषों को वर्मीकम्पोस्ट खाद में बदला जा सकता है। जैविक खेती की बढ़ती मांग
के कारण इस खाद की अच्छी कीमत मिलती है। किसान इसे अपने खेतों में भी इस्तेमाल कर
सकते हैं, जिससे
खाद की लागत कम होती है और उत्पादन बढ़ता है।
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बायोगैस और ईंधन ब्रिकेट का उत्पादन- गेहूं
के डंठलों से बायोगैस बनाई जा सकती है। इसके अलावा इसे दबाकर ईंधन ब्रिकेट में
बदला जा सकता है, जिसका
इस्तेमाल उद्योगों में किया जाता है।
सरकार भी कर रही है
मदद
सरकार ने फसल अवशेषों को जलाने पर सख्ती से रोक लगा दी है
और किसानों को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है। कई राज्यों में किसानों को
स्ट्रा-रिपर और बेलर मशीन खरीदने के लिए सब्सिडी भी दी जा रही है, ताकि वे फसल
अवशेषों को जलाने की बजाय उसका सही तरीके से इस्तेमाल कर सकें।
किसानों को क्या करना
चाहिए?
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खेत में पड़े फसल अवशेषों को जलाने की बजाय उन्हें भूसे या
जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल करें।
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कृषि विभाग की योजनाओं और सब्सिडी का लाभ उठाएं।
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अपने आस-पास के डेयरी किसानों या जैविक खाद निर्माताओं से
संपर्क करें और अपनी फसल के अवशेषों को बेचने के तरीकों के बारे में जानकारी लें।
गेहूं के डंठल सिर्फ़ अवशेष नहीं हैं, बल्कि किसानों
के लिए आय का नया स्रोत हैं। सही रणनीति अपनाकर किसान पर्यावरण की रक्षा करते हुए
अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
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