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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के लिए खेती को लाभ का सौदा बनाने के लिए एक खास छह सूत्री फार्मूला साझा किया है। उन्होंने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं। इस रणनीति में उत्पादन बढ़ाने से लेकर किसानों को उचित मूल्य दिलाने तक के उपाय शामिल हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी दिल्ली के पूसा स्थित एपी
शिंदे ऑडिटोरियम में आयोजित "Strengthening
FPOs - Empowering Farmers" कार्यक्रम में हिस्सा लिया और इस मौके पर उन्होंने खेती को
लाभ का सौदा बनाने के लिए छह अहम बिंदुओं पर जोर दिया।
किसानों के लिए 6 सूत्री रणनीति
·
प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाना
·
उत्पादन लागत कम करना
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उत्पाद का उचित मूल्य दिलाना
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आपदा की स्थिति में नुकसान की भरपाई करना
·
कृषि में विविधता लाना
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धरती की सेहत का ध्यान रखना
खेती में आधुनिक तकनीक
और लैब टू लैंड योजना पर जोर
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि खेती में तकनीक का इस्तेमाल
बढ़ाने के लिए "लैब टू लैंड" योजना पर फोकस किया जा रहा है। इसके तहत नए
बीज की किस्में, आधुनिक
मशीनें और उन्नत कृषि तकनीक सीधे किसानों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सरकार ने 109 नई बीज किस्में जारी की हैं और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)
की सीमा 3 लाख
रुपये से बढ़ाकर 5 लाख
रुपये कर दी गई है, जिससे
किसानों को अधिक ऋण सुविधा मिलेगी।
लागत कम करने और
किसानों को उचित मूल्य दिलाने की योजना
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार खाद पर सब्सिडी देकर
किसानों की लागत कम करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि डीएपी खाद की
कीमत 1350 रुपये
प्रति बोरी और यूरिया की कीमत 266 रुपये
प्रति बोरी तय की गई है,
ताकि किसान को आर्थिक राहत मिले।
उन्होंने बताया कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य
दिलाने के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है।
साथ ही, सब्जियों
और फलों के दाम गिरने की स्थिति में सरकार हस्तक्षेप करेगी और किसानों को नुकसान
से बचाने के लिए डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के माध्यम से वित्तीय सहायता दी
जाएगी।
एफपीओ से किसानों को
होगा फायदा
कृषि मंत्री ने एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) के महत्व को
समझाते हुए कहा कि इससे किसानों को सामूहिक रूप से उत्पादन, भंडारण और
विपणन की सुविधा मिलती है,
जिससे उनकी आय बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि देशभर में 10 हजार नए एफपीओ
बनाए गए हैं और सरकार इनके लाइसेंसिंग नियमों को सरल बनाने पर काम कर रही है।
निर्यात नीति में
बदलाव से किसानों को होगा फायदा
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार ने प्याज पर निर्यात
शुल्क 40% से
घटाकर 0% कर
दिया है, ताकि
किसानों को बेहतर मूल्य मिल सके। सोयाबीन पर आयात शुल्क घटाकर 27.5% कर दिया गया
है, ताकि
घरेलू किसानों को लाभ मिल सके। बासमती चावल के निर्यात पर भी शुल्क शून्य कर दिया
गया है, ताकि
भारतीय किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक अवसर मिल सकें।
सरकार किसानों के लिए
हर संभव कदम उठाएगी
कार्यक्रम के अंत में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि
"हम किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। जो भी
चुनौतियां आएंगी, हम
उनका डटकर सामना करेंगे। सरकार कृषि और किसानों को बचाने में कोई कसर नहीं
छोड़ेगी।"
सरकार एफपीओ को मजबूत करने, आधुनिक तकनीक अपनाने,
उचित मूल्य दिलाने और लागत कम करने जैसी योजनाओं के जरिए खेती को मुनाफे का
सौदा बनाने की कोशिश कर रही है। अगर इन योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन हुआ
तो निश्चित रूप से किसानों की आय बढ़ेगी और कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा।
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