Mahogany Tree (महोगनी वृक्ष)
Basic Info
जैसे की आप जानते है महोगनी व्यापारिक रूप से एक बहुत ही कीमती वृक्ष है, महोगनी के पेड़ के लगभग सभी भागों का इस्तेमाल किया जाता है, व्यापारिक दृष्टि से महोगनी के पेड़ बेहद क़ीमती माने जाते हैं, क्योंकि इसके हरेक भाग मसलन, पत्ती, फूल, बीज, खाल और लकड़ी, सभी की माँग होती है और सबका अच्छा दाम मिलता है। महोगनी की लकड़ी का इस्तेमाल जहाज़, फर्नीचर, प्लाईवुड, सज़ावट की चीज़ों और मूर्तियों वग़ैरह को बनाने में किया जाता है। महोगनी की लकड़ी भी दो हज़ार रुपये प्रति घन फीट के भाव तक बिकती है। इसके बीज और फूलों का इस्तेमाल शक्तिवर्धक दवाईयाँ बनाने में होता है। महोगनी को कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग यानी ठेके पर होने वाली खेती के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। इसीलिए बेजोड़ गुणों वाले महोगनी के पेड़ को किसानों का कमाऊ पूत कहा गया है।
महोगनी के पेड़ की लम्बाई 40 से 200 फीट तक हो सकती है। लेकिन भारत में असली औसत लम्बाई 60 फीट के आसपास रहती है। इसकी जड़ें ज़्यादा गहराई में नहीं जाती।
Seed Specification
उन्नत किस्में
महोगनी की भारतीय किस्म नहीं है। महोगनी की अभी तक भारत में कोई संकर या खास प्रजाति तैयार नही की गई है। अभी तक इसे पाँच विदेशी कलमी के ज़रिये ही उगाया जाता है। इसे क्यूबन, मैक्सिकन, अफ्रीकन, न्यूज़ीलैंड और होन्डूरन किस्में कहते हैं। सभी किस्मों के पौधों को उपज और बीजों की गुणवत्ता के आधार पर तैयार किया जाता है। महोगनी के पौधों की उचित देखभाल के लिए किसान को मेहनत करनी पड़ती है। इसीलिए सरकारी रजिस्टर्ड कम्पनी या नर्सरी से दो-तीन साल पुराने और अच्छे ढंग से विकासित हो रहे पौधों को अपनाना ज़्यादा फ़ायदेमन्द रहता है।
बुवाई का उचित समय
महोगनी के पौधों की रोपाई के लिए जून-जुलाई का समय उपयुक्त होता है।
बीज बुवाई का तरीका
महोगनी के पौधे किसान भाई किसी भी सरकारी रजिस्टर्ड कंपनी से खरीद सकते हैं। इसके अलावा किसान भाई इसकी पौध नर्सरी में भी तैयार कर सकते हैं, लेकिन इसमें बहुत ज्यादा टाइम और मेहनत लगती है। जिस कारण किसान भाइयों के लिए इसकी पौध खरीदकर लगाना सबसे उचित होता है। नर्सरी से हमेशा दो से तीन साल पुराने और अच्छे से विकास कर रहे पौधे को ही खरीदें।
पौधरोपण का तरीका
महोगनी के पौधे को लगाने का तरीका यह है के इस पौधे के लिए मई महीने में गड्ढे को खोद लें। जून - जुलाई में इस गड्ढे में गोबर का खाद और माइक्रोन्यूट्रिशन का खाद डालें । पहेली बारिश में इसे लगाना उत्तम होता है। ज़रूरत के हिसाब से पानी का सिंचाव करें और पौधे के आसपास घास ना होने दें।
महोगनी के पौधे को लगाने का तरीका यह हे के इसे लगाने के लिए लगभग 1 फिट गहरा गड्ढा करना है। इस गड्ढे का अच्छी तरह उपचारित करना है। इसके उपचारित के लिए फफूंदनाशक और टरमाइट ( दीमक ) विरोधी दवाओं का उपयोग करके इस गड्ढे में पौधे लगाएं।
Land Preparation & Soil Health
खाद एवं रासायनिक उर्वरक
महोगनी के वृक्ष को भी बाकी पेड़ों की तरह उर्वरक की जरूरत होती है, इसके लिए शुरुआत में गड्डों की भराई के वक्त 20 किलो गोबर की खाद और 80 ग्राम एन.पी.के. की मात्रा मिट्टी में मिलाकर दें। पौधों को उर्वरक की ये मात्रा लगभग चार साल तक देनी चाहिए। उसके बाद पौधों के विकास के साथ साथ उर्वरक की भी मात्रा को बढ़ा देना चाहिए। पूर्ण विकसित पौधे को 50 किलो जैविक और एक किलो रासायनिक खाद की मात्रा साल में तीन बार सिंचाई से पहले देनी चाहिए।
हानिकारक किट एवं रोगों का नियंत्रण
महोगनी के पेड़ में अभी तक किसी भी तरह का रोग देखने को नही मिला है, क्योंकि इसके वृक्षों की पत्तियों का इस्तेमाल ही कीटनाशकों को तैयार करने में किया जाता है। हालांकि अधिक टाइम तक जल भराव होने की वजह से तना गलन का रोग लग जाता है. जिसकी रोकथाम के लिए गड्डों में जलभराव ना होने दें।
Crop Spray & fertilizer Specification
जैसे की आप जानते है महोगनी व्यापारिक रूप से एक बहुत ही कीमती वृक्ष है, महोगनी के पेड़ के लगभग सभी भागों का इस्तेमाल किया जाता है, व्यापारिक दृष्टि से महोगनी के पेड़ बेहद क़ीमती माने जाते हैं, क्योंकि इसके हरेक भाग मसलन, पत्ती, फूल, बीज, खाल और लकड़ी, सभी की माँग होती है और सबका अच्छा दाम मिलता है। महोगनी की लकड़ी का इस्तेमाल जहाज़, फर्नीचर, प्लाईवुड, सज़ावट की चीज़ों और मूर्तियों वग़ैरह को बनाने में किया जाता है। महोगनी की लकड़ी भी दो हज़ार रुपये प्रति घन फीट के भाव तक बिकती है। इसके बीज और फूलों का इस्तेमाल शक्तिवर्धक दवाईयाँ बनाने में होता है। महोगनी को कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग यानी ठेके पर होने वाली खेती के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। इसीलिए बेजोड़ गुणों वाले महोगनी के पेड़ को किसानों का कमाऊ पूत कहा गया है।
महोगनी के पेड़ की लम्बाई 40 से 200 फीट तक हो सकती है। लेकिन भारत में असली औसत लम्बाई 60 फीट के आसपास रहती है। इसकी जड़ें ज़्यादा गहराई में नहीं जाती।
Weeding & Irrigation
खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार की रोकथाम के लिए समय-समय पर आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करना चाहिए। तथा बिच में खाली जगह पर अंतरफसलों की खेती करना चाहिए।
सिंचाई
गर्मियों में पौधों को 5 से 7 दिन पर पानी दें और सर्दियों में 10 से 15 दिन पर। बड़े होते पौधों की पानी की ज़रूरत घटती जाती है। विकसित पेड़ों के लिए साल में 5 से 6 सिंचाई पर्याप्त है।
Harvesting & Storage
फसल की कटाई
महोगनी के वृक्ष की कटाई लगभग 12 साल बाद की जाती है, जब इसका पेड़ पूरी तरह से तैयार हो जाता है। इसके अलावा अधिक देरी से काटने पर भी इसकी खेती से अधिक उपज मिलती है। इसके वृक्षों की कटाई जड़ के पास से की जाती है।
पैदावार और लाभ
महोगनीकी खेती बहोत फायदेमंद है। इसकी लकड़ी की अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी मांग है। महोगनी की लकड़ी को भारत में बहोत से जगह पर बेचा जा सकता है। भारत में इसे झारखंड, बंगाल, गुजरात, आँध्रप्रदेश, साउथ जैसे बहोत से प्रदेश में बेचा जा सकता है। महोगनी की लकड़ी की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में 2000-2200 रूपये प्रति घनफीट तक होती है। इसके अलावा इसके बीज और पत्तियां भी बहुत ज्यादा कीमत में बिकती हैं, जिससे भी किसान भाई को अच्छी उपज मिलती रहती है।
पौधे लगाने का खर्च
1 एकड़ में अगर महोगनी के पेड़ लगाया जाये तो 6 फुट के अंतर पर इसे लगा सकते है। इस हिसाब से 1 एकड़ में 1100 पौधे लगा सकते है। इस 1100 पौधे लगाने का खर्च लगभग डेढ़ लाख के करीब आता है।