बहराइच (Bahraich) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच ज़िले में स्थित एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है।
बहराइच नेपाल के साथ होने वाले व्यापार जिनमें कृषि उत्पाद और इमारती लकड़ी प्रमुख है, का केंद्र है। यहाँ चीनी की मिलें भी हैं।
इसके आसपास के कृषि क्षेत्र में गन्ना, केला ,धान, मकई, गेहूँ और चना (सफ़ेद चना) उगाया जाता है। यहां गन्ना भी मुख्य रूप से उगाया जाता है।
भारत में केला सामाजिक तथा आर्थिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण फल है तथा उत्पादकता के मामले में भारत विश्व में प्रथम स्थान पर है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, बस्ती, सन्त कबीर नगर, श्रावस्ती, बलरामपुर और बहराइच जनपदों में केले की खेती प्रमुखता से की जाती है। उत्तर प्रदेश में बहराइच केले की खेती में प्रथम स्थान पर है।
विश्व के कुल केला उत्पादन मेंं भारत का लगभग 30 प्रतिशत योगदान है। अन्य प्रमुख केला उत्पादक देशों में फिलीपींस 9.3 प्रतिशत, चीन 8.6 प्रतिशत, ब्राजील 7.6 प्रतिशत, इक्वाडोर 6.2 प्रतिशत और इंडोनेशिया 6.1 प्रतिशत हैं। देश के प्रमुख केला उत्पादक राज्यों में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, गुजरात, असम, पश्चिम बंगाल तथा उत्तर प्रदेश हैं।
जिले में केले की खेती के क्षेत्रफल पर नजर डाले तो 5500 हेक्टेअर में किसान खेती कर रहे हैं। यह आंकड़ा साल दर साल बढ़ ही रहा है।
उत्तर भारत का हिमालय पर्वत से लगा हुआ पूर्वांचल तराई क्षेत्र है जिसकी जलवायु फलों की खेती के लिए उपयोेगी है। यहां की भूमि जीवांशयुक्त नमी से ओतप्रोत रहती तथा वार्षिक वर्षा भी पर्याप्त मात्रा में मिलती है। केला इस क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण नकदी बागवानी फसल है जिसका क्षेत्रफल लगातार बढ़ रहा है। इस समय अनुमानत: बहराइच और श्रावस्ती में पांच हजार हेक्टेयर के आसपास केले की खेती होती है। इन दोनों जिलों में किसानों द्वारा उगाई जाने वाली प्रमुख प्रजातियां हरीछाल, रोबस्टा, कोठिया, ग्रेनाइन आदि हैं। इस समय केले की खेती कृषकों द्वारा टीशु कल्चर विधि द्वारा उगाई गई पौध से की जा रही है। पूर्वांचल में केले की खेती किसानों के लिए वरदान बनी हुई है। भारत केले के उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान पर है तथा बहराइच उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान पर है।