Black Wheat Farming: भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है क्योंकि यहां 70% किसान हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग फसलें उगाई जाती हैं। फसलों की पैदावार बढ़ाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए समय-समय पर नए प्रयोग किए जा रहे हैं, जिसके कारण किसान खेती की नई-नई किस्मों को अपना रहे हैं। ख़रीफ़ की फ़सल की कटाई का समय चल रहा है। अब किसान रबी फसल की तैयारी में जुट गए हैं। गेहूं रबी की सबसे महत्वपूर्ण फसल है। उत्तर भारत में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। सामान्य गेहूं के अलावा किसान काले गेहूं की खेती भी कर सकते हैं। इस गेहूं का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। साथ ही बाजार में इसकी कीमत भी काफी अच्छी है।
आज हम काले गेहूं की खेती के बारे में चर्चा कर रहे हैं। बाजार में काले गेहूं की कीमत काफी ज्यादा है। काला गेहूं सामान्य गेहूं से 4 गुना ज्यादा दाम पर बिकता है। इसकी खेती में लागत अधिक आती है। हालाँकि, इसके उत्पादन से भारी मुनाफा कमाया जा सकता है। काले गेहूं में कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। इसमें आयरन की मात्रा काफी अधिक होती है। एनीमिया के रोगियों के लिए यह बहुत फायदेमंद है। कैंसर, ब्लड प्रेशर, मोटापा और डायबिटीज के मरीजों के लिए काला गेहूं वरदान माना जाता है। इसके अलावा इसे खाने से खून की कमी दूर होती है और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। काले गेहूं की खेती प्रमुख रूप से मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश राज्यों में होती है।
जानिए काले गेहूं की बुआई कैसे करें?
काले गेहूं की खेती के लिए उपयुक्त महीने अक्टूबर और नवंबर हैं। काले गेहूं की खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में नमी होनी चाहिए। बुआई के समय खेत में प्रति एकड़ 60 किलोग्राम डीएपी, 30 किलोग्राम यूरिया, 20 किलोग्राम पोटाश और 10 किलोग्राम जिंक का प्रयोग करें। फसल की सिंचाई से पहले पहली बार 60 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ डालें।
काले गेहूं की बुवाई का समय, बीज मात्रा और सिंचाई के बारे में
- विशेषज्ञों के मुताबिक, बुवाई 30 नवंबर तक हो जानी चाहिए।
- यदि बुआई पंक्तियों में की जा रही है तो प्रति एकड़ भूमि में 40 से 50 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होगी।
- अच्छी फसल के लिए बुआई के बाद 4 से 5 सिंचाई करनी चाहिए।
- पहली सिंचाई बुआई के 3 सप्ताह बाद करें।
- इसके बाद कलियाँ फूटते समय, बालियाँ निकलने से पहले, बालियों में दूध आते समय तथा दानों के पकने के समय सिंचाई करनी चाहिए।
- जब काले गेहूं के पौधों के दाने पककर सख्त हो जाएं तथा दानों में 20-25 प्रतिशत नमी शेष रह जाए तो इसकी कटाई कर लेनी चाहिए।
काले गेहूं की खेती में मुनाफा
काले गेहूं की पैदावार भी सामान्य गेहूं से बेहतर होती है। बाजार में काला गेहूं 7000-8000 रुपये प्रति क्विंटल बिकता है। जबकि सामान्य गेहूं की कीमत मात्र 2000 रुपये प्रति क्विंटल है। एक अध्ययन के मुताबिक 1 बीघे में 10 से 12 क्विंटल तक काला गेहूं पैदा हो सकता है। अगर एक क्विंटल गेहूं की कीमत 8000 रुपये है तो इसके मुताबिक, सामान्य गेहूं की तुलना में काले गेहूं से किसान को दोगुना मुनाफा होगा।