फसलों को पाले से बचायें

फसलों को पाले से बचायें
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Kisaan Helpline

Agriculture Jan 22, 2016

उत्तर भारत में विगत दो दिवस से बर्फबारी होने के कारण शीत लहर का प्रभाव देखा जा रहा है। ऐसे मौसम में फसलों को पाला से नुकसान होने की संभावना बढ जाती है। मौसम विभाग द्वारा आगामी 48 घंटे में प्रदेश के समस्त सम्भागों के अधिकतर जिलों में तापमान तेजी से गिरने की सम्भावना जताई गई है। जिले में पिछले दिनों से तापमान में गिरावट देखी गई है। अतः इस मौसम में रात के समय हवा अचानक बंद हो जायें तथा वातावरण में नमी कम हो जायें, कडाके की सर्दी हो तथा रात का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से कम हो और आकाश में बादल न हों, तो पाला पडने की संभावना अधिक बढ जाती है। पाले से मुख्यतः फूल एवं फली की स्थिति में नुकसान होने की आशंका रहती है।
उप संचालक किसान कल्याण तथा विकास विभाग मंदसौर द्वारा जिले के किसान भाईयों को सलाह दी गई है कि पाले की स्थिति में फसलों को पाले के प्रभाव से बचाने के लिए फसलों की सिंचाई करें, यदि संभव हो तो स्प्रिंकलर से हल्की सिंचाई करें। सिंचाई करने से खेत का तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ जाता है। रात के समय खेत की मेढों पर चारों ओर सामुहिक रूप से धुआ करें। धुंआ करने के लिये फसलों के अवशेष, कुढा करकट एवं सोयाबीन का भूसा की ढेरी खेत की मेढों पर लगाकर धुआ करने से खेत का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक बढ जाती है। साथ ही ग्लूकोज 15 ग्राम प्रति टंकी के मान से छिडुकाव करने से भी पाले के प्रभाव से बचा जा सकता है। पाला पडने के पश्चात् स्प्रिंकलर से सिंचाई करने पर पौधो में जमे कण धुल जाते है। जिससे कुछ हद तक पाले के प्रभाव से बचा जा सकता है।
उन्होंने किसान भाईयों को अपनी फसल के प्रति सदैव सतर्क व सजग रहने की सलाह दी है। इस बारे में किसान भाई अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी व वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी विकासखण्ड कार्यालय तथा कृषि केन्द्र के वैज्ञानिकों से संपर्क कर मार्गदर्शन ले सकते हैं।

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