बढ़ते शहरीकरण के चलते घट रही खेती वाली जमीन

बढ़ते शहरीकरण के चलते घट रही खेती वाली जमीन
News Banner Image

Kisaan Helpline

Agriculture Oct 02, 2018

 

नई दिल्ली। बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के चलते खेती वाली कुल जमीन घट रही है, लेकिन लघु व मझोली जोत के किसानों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे जोत के आकार और घटे हैं। पहली बार महिला किसानों की संख्या में बढ़त दर्ज की गई है। कृषि मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों में यह खुलासा किया गया है।

 

किसानों की जोत नित हो रही छोटी

 

जारी आंकड़ों के मुताबिक खेती योग्य जमीन वर्ष 2010-11 में 15.95 करोड़ हेक्टेयर थी, जो वर्ष 2015-16 में घटकर 15.71 करोड़ हेक्टेयर रह गई है। कुल 1.53 फीसद की कमी आई है। इसी के चलते किसानों की औसत जोत 1.15 हेक्टेयर से घटकर 1.08 हेक्टेयर रह गई है। इसी तरह वर्ष 2010-11 में किसानों की कुल संख्या जहां 13.8 करोड़ थी, वह बढ़कर 14.6 करोड़ हो गई है। बढ़ती आबादी और बंटते परिवारों के चलते किसानों की जोत घटी और संख्या बढ़ गई है।

 

86 फीसद से अधिक हो गये लघु व सीमांत किसान

 

आंकड़े के मुताबिक लघु व सीमांत किसान 84.97 फीसद से बढ़कर 86.21 फीसद हो गये हैं। इन किसानों के पास कुल खेती का 47.34 फीसद जमीन है। जबकि मझोले किसान 13.22 फीसद है, जिनके पास कुल 43.15 फीसद जमीन है। वहीं देश के बड़े किसान मात्र 0.57 फीसद हैं, जिनके पास 9.04 फीसद जमीनें है। वर्ष 2010-11 में इनके पास 10.59 फीसद जमीन थी।

 

देश के कुल 14.6 करोड़ किसानों में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में 2.38 करोड़, बिहार में 1.64 करोड़, महाराष्ट्र में 1.47 करोड़, मध्य प्रदेश में एक करोड़, कर्नाटक में 86 लाख, आंध्र में 85 लाख, तमिलनाडु में 79 लाख और राजस्थान में 76 लाख किसान हैं। देश में महिला किसानों की संख्या में इजाफा हुआ है। आलोच्य अवधि के दौरान 12.79 फीसद महिला किसानों की संख्या बढ़कर 13.87 फीसद पहुंच गई है। इससे स्पष्ट है कि खेती में महिलाओ ं की भागीदारी बढ़ रही है।

 

देश के 36 राज्यों में केवल 14 राज्यों के पास कुल 91.03 फीसद किसान हैं, जबकि उनके पास देश की कुल खेती का 88.08 फीसद जमीन है। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल प्रमुख हैं। सभी राज्यों का विस्तृत ब्यौरा जल्दी ही मंत्रालय की ओर से जारी किया जाएगा।

 

जमीन, किसान और उसकी जोत के बारे में यह गणना कृषि मंत्रालय हर पांच साल में एक बार कराता है। इसकी शुरुआत 1970-71 में हुई थी। अब तक ऐसी नौ गणनाएं हो चुकी हैं।

 

सीमांत : एक हेक्टेयर से कम

लघु      : एक हेक्टेयर से दो हेक्टेयर तक

मझोला : दो से चार हेक्टेयर

बड़ा      : 10 हेक्टेयर और इससे अधिक।

Agriculture Magazines

Pashudhan Praharee (पशुधन प्रहरी)

Fasal Kranti Marathi

Fasal Kranti Gujarati

Fasal Kranti Punjabi

फसल क्रांति हिंदी

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline