One District One Product- Goalpara

Goalpara


गोवालपारा भारतीय राज्य असम का एक जिला है। जिले का मुख्यालय गोवालपारा है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

केले की फसल को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को खाद्य सामग्री में केला को लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।

गोलपारा असम राज्य में नीति आयोग का एक महत्वाकांक्षी जिला है। जिला राज्य में केले के उच्चतम उत्पादकों में से एक है, हालांकि, राष्ट्रीय औसत की तुलना में उत्पादकता काफी कम है। जिला कभी एशिया का सबसे बड़ा केला बाजार भी आश्रय करता है। कम उत्पादकता और बाजार से संबंधित बाधाओं के कारण बाजार का आकर्षण कम हो गया है और किसानों को केले की खेती से दूर रहना पड़ा है। अत: जिले में अकार्बनिक एवं जैविक खेती वाले केले के खेतों की मिट्टी की रूपरेखा का अध्ययन कर यह अध्ययन किया गया। उर्वरता गुणों के लिए मिट्टी का विश्लेषण किया गया था। साथ ही, क्षेत्र में सामाजिक आर्थिक बाधाओं का सर्वेक्षण किया गया और किसानों से डेटा एकत्र किया गया। लेख में जिले के केला किसानों की मदद करने के साथ-साथ उनकी नीति संबंधी समस्याओं को सार्वजनिक डोमेन में लाने के उद्देश्य से परिणामों पर समस्याओं और संभावनाओं के रूप में चर्चा की गई है।

केला हमारे देश में सदाबहार फल है। केले की पोषकता और आसानी से उपलब्धता इसे और खास बना देते हैं। केले में कई औषधीय गुण हैं जिससे साल भर इसकी मांग बनी रहती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसीलिए लोग इसे हर मौसम में खाना पसंद करते हैं। इसे देखते हुए देश में केले की खेती बड़ी मात्रा में की जाती है। महाराष्ट्र में इसकी खेती सबसे ज्यादा होती है। इसके बाद कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इसे बड़े स्तर पर उपजाया जाता है।

गुजरात और असम में भी केला बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। केले की खेती के लिए उष्ण और आर्द्र जलवायु अच्छी मानी जाती है। इसके लिए बलुई और दोमट मिट्टी को सही माना जाता है। अच्छी खेती के लिए मिट्टी में जल निकासी का गुण भी होना चाहिए। नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश युक्त मिट्टी में केले का उत्पादन ज्यादा होता है।

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