One District One Product- Cachar

Cachar



काछार जिला भारतीय राज्य असम का एक जिला है। जिले का मुख्यालय सिलचर है। जिले में तीन मुख्य नगर हैं- सिलचर, लखीपुर (लक्ष्मीपुर) तथा सोनाई।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा। 

अनानास (Pineapple) को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को खाद्य सामग्री में अनानास (Pineapple) के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।

असम का कछार जिला हिमालय की तलहटी में स्थित है और वैश्विक जैव विविधता का भारत-बर्मा हॉटस्पॉट है। इस अध्ययन के जरिये विभिन्न आयु के पाइनएप्पल एग्रोफोरेस्ट्री सिस्टम (पीएएफएस) के जरिये झूम खेती से होने वाले वृक्षों की विविधता में परिवर्तन और प्रमुख वृक्ष प्रजातियों में बदलाव का पता लगाने की कोशिश की गई। इसके अलावा विभिन्न आयु के पीएएफएस के जरिये झूम खेती से पेड़ों और अनानास घटकों में बायोमास कार्बन और इकोसिस्टम कार्बन भंडारण में होने वाले बदलावों को भी नोट किया गया।

पाइनएप्पल एग्रोफोरेस्ट्री सिस्टम (पीएएफएस) भारतीय पूर्वी हिमालय और एशिया के अन्य हिस्सों में प्रमुख भूमि उपयोग है और इसके तहत मुख्‍य तौर पर बहुउद्देश्यीय पेड़ों के साथ अनानास उगाए जाते हैं। दक्षिणी असम में 'हमार' जनजाति सदियों से अनानास की खेती करती रही है। वर्तमान में वे घरेलू खपत और आर्थिक लाभ दोनों के लिए स्वदेशी पीएएफएस को अपना रहे हैं। उन्होंने एक अनोखी कृषि वानिकी प्रणाली विकसित करने के लिए अपने पारंपरिक ज्ञान का इस्‍तेमाल किया है।

कछार जिले ने एक निश्चित मौसम में कृषि उत्पादन में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। कछार जिले के फुलर्टल क्षेत्र में, 1,500 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले अनानास की खेती हर साल मौसम के दौरान होती है। इस वर्ष बरसात के मौसम में जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, फुलर्टल अनानास की खेती 2.5 करोड़ अनानास का उत्पादन करने में सक्षम है, जो उनके अनुसार एक बड़ी संख्या है।

इसके अलावा जिले में 11,200 हेक्टेयर भूमि में 47,040 मीट्रिक टन गर्मी के मौसम में धान का उत्पादन किया गया है। जिले में फैली 11,08,600 हेक्टेयर भूमि में कुल मिलाकर 5,02,790 मीट्रिक टन खाद्य उत्पादों का उत्पादन किया गया है।

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