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शहरवासियों के खुश होने की खबर है। मंदसौर केंद्र के 500 स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल हो गया है। यानी शहर के विकास की जिम्मेदारी अब केंद्र सरकार का शहरी विकास मंत्रालय उठाएगा।
केंद्र की अटल मिशन फॉर रीज्यूविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) योजना के तहत देश के 500 शहरों में मंदसौर का चयन स्मार्ट सिटी बनाने के लिए किया है। इसमें मंदसौर के अलावा नीमच भी शामिल है। योजना के मापदंडों के अनुरूप मंदसौर की आबादी एक लाख से ज्यादा है। चौड़ी सड़कें, पर्याप्त पानी, जमीन आदि उपलब्ध है अौर केंद्र के मापदंड पर शहर खरा उतरता है। स्मार्ट सिटी में शामिल करने की योजना का शुभारंभ 25 जून को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसमें भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय व आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय की फ्लैगशिप मिशन स्मार्ट सिटी,अटल मिशन फॉर रीज्यूविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन(अमृत) एवं हाउसिंग फॉर आॅल का शुभारंभ होगा। शुभारंभ के बाद 25 व 26 जून को कार्यशाला होगी। इसमें नपाध्यक्ष कुसुम गुप्ता और सीएमओ हिमांशु भट्ट जाएंगे।
शहर का एक ऐसा मास्टर प्लान, जाे आगामी दस साल तक वैध हो।
निकाय के पास खास तरह का डिजिटल जीआईएस सिस्टम हो जबकि मंदसौर में इस दिशा में काम कर वार्ड 40 का जीपीएस सर्वे कराया था। इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। इसके बाद बात आगे नहीं बढ़ी।
नगर की वित्तीय स्थिति को लेकर खुद के आय के स्रोत विकसित नहीं हो रहे हैं। नपा सालाना 213 करोड़ का बजट पारित करती है। इसमें से 70 से 80 करोड़ रुपए केंद्र व राज्य सरकार से अनुदान, कर्ज के रूप में मिलते हैं। आय के स्रोत बढ़ाना होंगे।
प्राेेजेक्ट के लिए ऑनलाइन क्लियरेंस सिस्टम नहीं है। काॅलोनी विकास, बहुमंजिला इमारत निर्माण सहित अन्य के लिए नगरपालिका अभी पुराने सिस्टम में काम कर रही है।
पब्लिस सर्विसेस की ऑनलाइन व्यवस्था नहीं है। जलकल, संपत्तिकर, राशनकार्ड जैसी सुविधाओं को लेकर नपा में कोई सुविधा नहीं।
पीपीपी मोड वाले प्रोजेक्ट में नई सब्जी मंडी कॉम्पलेक्स, कालाखेत स्टेडियम विकास योजना सहित अन्य शामिल किए। ये चर्चाओं से आगे नहीं बढ़ रहे हैं।
सॉलिड वेस्ट के निपटान के मामले में नपा के पास प्लान नहीं। शहर में रोज 36 टन कचरा फेंका जाता है। इसमें 9 टन कचरा बगैर निस्तारण के सड़कों पर पड़ा रहता है।
यहां देना होगा ध्यान, तब हम बनेंगे स्मार्ट
ऐसी है योजना
स्मार्ट सिटी में देश में 100 स्मार्ट सिटी बनाई जाएगी। दूसरी है अटल मिशन फॉर रीज्यूविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) मिशन के तहत स्मार्ट सिटी बनाना। इसमें एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले 500 में से मप्र की 33 निकायों को शामिल किया है।
यह लाभ मिलेगा
अधोसंरचना विकास अंतर्गत पेयजल, सीवरेज-सेनिटेशन, एसडब्लूएम, लोक परिवहन (पब्लिक ट्रांसपोर्ट), स्टॉर्म वाटर ड्रेन, पार्क, कम्यूनिटी सेंटर, सड़क, फ्लाईओवर, आरओबी आदि परियोजनाएं स्वीकृत की जाएंगी।
ये शहर भी हैं शामिल-मंदसौर नपा के अलावा मप्र के नीमच, नागदा, खरगोन, पीथमपुर, सीहोर, विदिशा, बैतूल, सिवनी, दतिया, भिंड, गुना, शिवपुरी, दमोह, छतरपुर, इटारसी, होशंगाबाद आदि को शामिल किया है।
खरा उतरने की चुनौती
शहर में कई विकास योजनाएं तेजी से चल रही हैं। स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद योजनाओं के साथ शहर की उम्मीदों को आकर देना चुनौती होगा। जनसुविधा से लेकर इंफास्ट्रक्चर के लिए प्लान तैयार करना होंगे। हिमांशु भट्ट, नपा सीएमओ
शहरी आबादी क्षेत्र।
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