खेत की मेड़ बन सकती है कमाई का जरिया, लगाएं ये 5 इमारती लकड़ी वाले पौधे, कम लागत में बड़ा मुनाफा

खेत की मेड़ बन सकती है कमाई का जरिया, लगाएं ये 5 इमारती लकड़ी वाले पौधे, कम लागत में बड़ा मुनाफा
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Kisaan Helpline

Crops Apr 10, 2025

खेती के साथ कमाई का नया तरीका खोज रहे हैं? अब सिर्फ फसलों से ही नहीं, खेत की मेड़ से भी लाखों-करोड़ों की कमाई की जा सकती है। जानिए कैसे...

 

देशभर में अब किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ ऐसे विकल्प भी खोज रहे हैं, जो लंबे समय में स्थिर और बड़ा मुनाफा दें। ऐसे ही एक विकल्प के रूप में इमारती लकड़ी वाले पेड़ों की खेती सामने आ रही है। खास बात ये है कि इन पेड़ों को खेत की मेड़ पर भी आसानी से लगाया जा सकता है, जिससे मुख्य फसल की खेती में कोई रुकावट नहीं आती। ऐसी ही एक अनदेखी लेकिन लाभकारी दिशा है – इमारती लकड़ी वाले पेड़ जैसे सागवान, शीशम और महोगनी की खेती। खास बात ये है कि आप इन पेड़ों को अपने खेत की मेढ़ (किनारों) पर लगाकर बिना मुख्य फसल को नुकसान पहुंचाए, लंबी अवधि में बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं।

 

सिर्फ ₹10 में पौधे, करोड़ों की कमाई का रास्ता

कई राज्यों में वन विभाग (Forest Department) द्वारा किसानों को महज ₹10 प्रति पौधे की दर से इमारती लकड़ी के पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं। इन पौधों को खेत की मेढ़ पर या ऐसी ज़मीन पर लगाया जा सकता है, जहाँ खेती कठिन है या उपयोग में नहीं आती।

 

इन पेड़ों की लकड़ियों की बाज़ार में काफी मांग है। विशेषज्ञों के अनुसार, सागवान, शीशम, महोगनी जैसी लकड़ी की कीमत ₹2000 से ₹2200 प्रति घनफीट तक हो सकती है। अगर किसान 100 से 120 पौधे लगाते हैं, तो 12-15 वर्षों में वे करोड़ों की कमाई कर सकते हैं।

 

5 सबसे फायदेमंद इमारती पेड़:

सागवान (Teak):

सागवान की लकड़ी को सबसे मजबूत और टिकाऊ लकड़ी माना जाता है। इसकी कीमत बाज़ार में 2000 से 2200 रुपये प्रति घनफीट तक होती है। यह पेड़ 12-15 साल में पूरी तरह विकसित हो जाता है।

 

शीशम (Indian Rosewood):

शीशम की लकड़ी का उपयोग फर्नीचर और सजावटी सामानों में किया जाता है। यह नमी व तापमान सहन कर सकती है, जिससे इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।

 

महोगनी (Mahogany):

महोगनी का पेड़ 6 साल में पेड़ का रूप ले लेता है और इसकी लकड़ी भी 12 साल में कटाई योग्य हो जाती है। यह भूरे-लाल रंग की होती है और पानी का कोई असर नहीं होता।

 

सागौन (Sal Wood):

यह औद्योगिक उपयोग और भवन निर्माण में काम आती है। इसकी कीमत भी काफी अच्छी होती है।

 

बांस (Bamboo):

बांस भले ही पेड़ न हो, पर यह सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रजातियों में से एक है और इसका उपयोग निर्माण, फर्नीचर और कागज निर्माण में होता है।

 

मिट्टी की जाँच और सही देखभाल से होगी शानदार ग्रोथ

·         किसी भी फसल या वृक्षारोपण की तरह, इमारती लकड़ी के पेड़ों की खेती से पहले मिट्टी की जांच आवश्यक है।

·         विशेषज्ञों का मानना है कि इन पेड़ों के लिए मिट्टी का pH मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए। इससे पौधों की ग्रोथ तेजी से होती है और बीमारियों का खतरा कम रहता है।

 

पौधों की रोपाई का तरीका:

·         पौधे के बीच दूरी: 4 मीटर x 5 मीटर

·         गड्ढे का आकार: 1 फीट चौड़ा और 1 फीट गहरा

 

गड्ढे में डालें:

·         5 किलो सड़ा हुआ गोबर खाद

·         100 ग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट

·         100 ग्राम यूरिया

·         50 ग्राम पोटाश

 

इन पोषक तत्वों की सही मात्रा से पौधे तेजी से बढ़ते हैं और 6 साल में मजबूत पेड़ों का रूप ले सकते हैं।

 

देखभाल और सिंचाई:

इन पेड़ों को शुरू के 2-3 वर्षों तक थोड़ी अधिक देखभाल की जरूरत होती है। खासकर गर्मियों में नियमित सिंचाई ज़रूरी है। एक बार जब पौधे मजबूत हो जाते हैं, तो ये कम पानी में भी जीवित रह सकते हैं।

 

फसल के साथ पेड़: दोहरा फायदा

·         किसान इन पेड़ों के बीच खाली ज़मीन में दलहन, तिलहन या सब्ज़ियों की खेती कर सकते हैं।

·         इससे एक तरफ़ अतिरिक्त आय होती है और दूसरी ओर पेड़ों की जड़ों को आवश्यक नमी और पोषक तत्व मिलते रहते हैं।

 

महोगनी की खेती से करोड़पति बनने का सपना

महोगनी की लकड़ी विदेशी बाज़ारों में बेहद लोकप्रिय है। ये लाल-भूरी होती है और उस पर पानी या मौसम का ज्यादा असर नहीं होता। यदि एक किसान 120 महोगनी के पौधे लगाता है, तो 12 वर्षों में ये करोड़ों में रिटर्न दे सकते हैं।

 

किसानों के लिए सरकारी योजनाएं और सब्सिडी

·         कई राज्यों के वन विभाग समय-समय पर निःशुल्क या सब्सिडी पर पौधे उपलब्ध कराते हैं।

·         प्रधानमंत्री वृक्षारोपण योजना, राष्ट्रीय बागवानी मिशन और ग्रीन इंडिया मिशन जैसी योजनाओं से भी लाभ लिया जा सकता है।

·         ज़िला कृषि कार्यालय से जानकारी लेकर किसान सहायता राशि और तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।

 

बाजार और बिक्री की रणनीति

·         इमारती लकड़ी की बिक्री स्थानीय लकड़ी मंडियों, फर्नीचर इंडस्ट्री, और लकड़ी निर्यात कंपनियों को की जा सकती है।

·         एक बार पेड़ 12-15 वर्षों में परिपक्व हो जाते हैं, तो आप चाहें तो सीधे लकड़ी के ठेकेदारों से बात कर बड़े सौदे कर सकते हैं।

 

यदि आप लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न चाहते हैं और खेत के हर कोने का उपयोग करना चाहते हैं, तो इमारती लकड़ी के पेड़ की बागवानी एक बेहतरीन विकल्प है।

सिर्फ ₹10 के निवेश से शुरू होकर ये खेती आपके लिए एक सुरक्षित भविष्य और आर्थिक स्वतंत्रता का रास्ता बन सकती है।

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