ग्वालियर. रेगुलर स्टडी, डेली प्रैक्टिस और कंसेप्ट बेस्ड स्टडी के साथ सफलता की कहानी लिखी इस बार एमपी बोर्ड हायर सेकंडरी एक्जाम में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स ने। एमपी बोर्ड ने रविवार शाम चार बजे 12 क्लास का रिजल्ट घोषित किया। इस बार गर्ल्स ने ब्वॉयज के मुकाबले बेहतर रिजल्ट दिया। साथ ही शहर के दो स्टूडेंट्स ने स्टेट लेवल पर रैंक हासिल की। इसके साथ ही डिस्ट्रिक लेवल पर भी पांच स्टूडेंट्स ने अपनी जगह बनाई। इसमें से तीन स्टूडेंट्स सेकंड पोजिशन पर रहे। बेहतर रिजल्ट के साथ अपने अनुभव और प्रयासों काे स्टूडेंट्स ने मीडिया से शेयर किया।
कॉमर्स में गर्ल्स रहीं ज्यादा
अन्य संकाय की अपेक्षा कॉमर्स में गर्ल्स की संख्या ज्यादा रही। इसमें 2422 ब्वॉयज एपियर हुए जबकि गर्ल्स की संख्या 2697 रही। इनमें 1151 ब्वॉयज पास हुए जबकि गर्ल्स 1652 पास हुईं। ब्वॉयज का प्रतिशत 47.54 और गर्ल्स का प्रतिशत 61.33 रहा। इसी तरह ह्यूमैनिटीज में भी गर्ल्स की संख्या ज्यादा रही।
साइंस में रहा सबसे ज्यादा रुझान
इस बार 12वीं के एक्जाम में सबसे ज्यादा रुझान साइंस संकाय में देखने को मिला। इसमें सबसे ज्यादा 10055 स्टूडेंट्स एपियर हुए। इसके बाद कॉमर्स में 5119, ह्यूमैनिटीज पर 1717, एग्रीकल्चर में 917, होम साइंस में 48 और फाइन आर्ट में पांच स्टूडेंट्स शामिल हुए।
घर के हालात से सीखा, मेहनत करके कुछ बनना है
घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। पिताजी किसान हैं, मेहनत करके घर चलाते हैं और मेरी पढ़ाई का खर्च भी उठाते हैं। इस बार ओलावृष्टि से पूरी फसल बर्बाद हो गई। ऐसे में घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है, पिताजी मेरी पढ़ाई का खर्च कैसे उठा रहे हैं यह मैं अच्छी तरह समझ सकता हूं। मैंने घर के हालात से सीखा है, मेहनत करके कुछ बनना है और मां-पिता के लिए कुछ करना है।
यह कहना है ग्वालियर जिले के टॉपर शैलेंद्र सिंह चौहान का। भिंड के पिपरौआ गांव के रहने वाले शैलेंद्र पिछले कुछ समय से ग्वालियर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। उनके पिता कुबेर सिंह किसान हैं और मां सराेज चौहान गृहिणी। किडीज कॉर्नर के छात्र शैलेंद्र का कहना है कि वह आईएएस बनना चाहते हैं लेकिन घर की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं कि वह कोचिंग की फीस भर सकें। इसलिए पहले वह ग्रेजुएशन करने के बाद कोई जॉब करेंगे। जो भी सैलरी मिलेगी इससे आईएएस की तैयारी करेंगे और घर का खर्च भी चलाएंगे।
>सब्जेक्ट- मैथमेटिक्स
>नंबर- 473
>रैंक- डिस्ट्रिक्ट मेरिट में टॉप