किसान पंजाब-हरियाणा में कपास की बुआई में भारी गिरावट

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Soil Jun 09, 2015

इस साल 5 जून तक पंजाब में कपास का रकबा 3.11 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है जो पिछले साल के मुकाबले करीब 19 फीसदी कम है। पिछले साल 5 जून तक पंजाब में 3.82 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती हो चुकी थी। यानि पंजाब में रकबा 18.6 फीसदी पिछड़ा हुआ है। कुछ यही हाल हरियाणा का भी है। हरियाणा में 5 जून तक 5.50 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती पायी गई है जबकि पिछले साल इस दौरान यह आंकड़ा 6.48 लाख हेक्टेयर था, हरियाणा का रकबा 15.1 फीसदी पिछड़ा हुआ पाया गया है।

पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर राजस्थान में भी किसानों ने इस साल कपास की खेती से परहेज किया है। 5 जून तक राजस्थान में सिर्फ 50,000 हेक्टेयर में कपास की खेती पायी गई है जबकि पिछले साल इस दौरान यह आंकड़ा 60,000 हेक्टेयर था। हालांकि उत्तर प्रदेश में इस साल किसान कपास की खेती की ओर रुख करते दिख रहे हैं। राज्य में 5 जून तक 21,000 हेक्टेयर में कपास की खेती पायी गयी है जबकि पिछले साल इस दौरान उत्तर प्रदेश में किसी तरह की कपास की खेती नहीं हुई थी।

देशभर की बात करें तो कपास का रकबा करीब 15 फीसदी पिछड़ा हुआ पाया गया है। पूरे देश में 5 जून तक 9.32 लाख हेक्टेयर में कपास की फसल पायी गयी है जो पिछले साल इस दौरान 10.90 लाख हेक्टेयर में थी।

पिछले साल देशभर में किसानों को कपास की खेती से फायदा नहीं हुआ था। साल 2010-11 से लेकर 2013-14 तक किसानों को प्रति क्विंटल 5,000 रुपये से ऊपर का भाव मिला था लेकिन पिछले साल भाव घटकर 3,500 रुपये के नीचे आ गया था। भाव को ऊपर उठाने के लिए सरकार को देशभर से न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि 3,750 रुपये और 4,050 रुपये प्रति क्विंटल पर कपास की खरीद करनी पड़ी थी। सरकार की खरीद से भाव कुछ दिनों के लिए ऊपर जरूर उठा लेकिन पिछले साल के स्तर तक नहीं पहुंच पाया। ऐसे में कपास की खेती में ज्यादा

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