खेती सीखने फ्रांस से इंडिया के एक गांव पहुंची विदेशी लड़की

खेती सीखने फ्रांस से इंडिया के एक गांव पहुंची विदेशी लड़की
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Kisaan Helpline

Soil Oct 04, 2015
बड़वाह(इंदौर). फ्रांस की अंतरराष्ट्रीय संस्था काॅटन कनेक्ट की सदस्य चार्ली इंदौर के पास एक गांव में पहुंची। वे कपास फसल का निरीक्षण करने आई थी, लेकिन यहां के किसानों द्वारा जैविक खेती से इम्प्रेस हुई। कपास का जांच छोड़ी और किसानों से जैविक खेती सीखी। चार्ली ने कहा- इस पद्धति को विदेश की धरती पर आजमाएंगे।
गोवर्धन तिवारी व शांतिलाल के खेतों में पहुंची चार्ली ने कपास की फसल देख उसकी तंदुरुस्ती का राज पूछा। किसान ने बताया कीटनाशक की जगह नीम, गोमूत्र, केंचुआ खाद, वर्मी वाश का छिड़काव किया है। चार्ली ने इस तरह का ट्रीटमेंट पहले कहीं नहीं देखा था। जैविक खेती को बारीकी से सीखा। इस दौरान उनके साथ वसुधा जैविक अभियान के एमडी अविनाश कर्मकर, इंदौर के कृषि वैज्ञानिक अजीत केलकर मौजूद थे।
चंदन का तिलक और साफा खूब भाया : सुबह 9 बजे चार्ली यहां पहुंची। यहां किसानों ने उन्हें चंदन का टीका लगाया। माला पहनाई, सिर पर साफा बांधा अौर स्वागत किया। हिंदू रीति-रिवाज की यह परंपरा उन्हें खूब भाई। चार्ली ने तिवारी के खेत में देशी आम का पौधा लगाया और कहा- यह मेरी निशानी है। यह बड़ा होगा, इसके फल खाने जरूर आऊंगी। चार्ली को अपने बीच पाकर किसान भी उत्साहित दिखे। जल्दी से स्मार्ट फोन निकाला और चार्ली के साथ सेल्फी ली। कठपुतली के नाटक के द्वारा किसानों ने चार्ली को जैविक कृषि के लाभ व महत्व बताए। इस दौरान विनोद जाट, मुकेश तिलोकचंद, देवराम फत्तू, धर्मेेंद्र पंवार, गिरधारीलाल मधुलाल मौजूद थे।

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