मार्च-अप्रैल में आम के फलों एवं पत्तियों पर हो सकता है थ्रिप्स कीट (स्किरटोथ्रिप्स डौरसैलिस) का आक्रमण, कैसे करें प्रबंधन

Sanjay Kumar Singh

04-03-2023 11:48 AM

प्रोफेसर (डॉ) एस.के. सिंह 
प्रधान अन्वेषक, अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना एवं 
सह निदेशक अनुसन्धान 
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय , पूसा , समस्तीपुर, बिहार 

थ्रिप्स की लगभग 20 प्रजातियाँ आम की फसल को क्षति पहुंचाती हैं जिसमें से स्किरटोथ्रिप्स डौरसैलिस उत्तर प्रदेश में अधिकता से पाया गया है। इसका प्रकोप मार्च-अप्रैल माह में आरंभ होता है तथा जुलाई में नई पत्तियों के निकलने तक जारी रहता है। इसके प्रकोप से फल को भी क्षति होती है। इस कीट के आक्रमण से फल भद्दा सा दिखाई देता है।आम की पत्तियाँ, नई कलियाँ और फूल पर इसका प्रकोप होता है। आम का थ्रिप्स कीट सतह को खरोंचकर तथा पत्ती आदि का रस चूसता है, जिससे छोटे फल गिर जाते हैं तथा बड़े फलों पर भूरा खुरदरा धब्बा पड़ता है। जैसे-जैसे फल परिपक्व होता हैं, फल के प्रभावित भाग में छोटी-छोटी दरारें भी दिखाई देने लगती हैं। पत्तियों का मुड़ना और बौर का सूखना भी इसी कीट द्वारा पाया जाता है। जो पत्तियाँ नई निकल रही होती हैं, उस पर इसका अधिक प्रकोप होता है। लेकिन बिहार में इस समय तक  इसका प्रकोप नही देखने को मिला है। लेकिन इस कीट के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। अपने बाग का प्रति दिन भ्रमण करें। उत्तर प्रदेश में इस कीट का प्रकोप कही कही देखने को मिल रहा है।

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कैसे करें आम में थ्रीप्स कीट का प्रबंधन?

व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नीला या पीला चिपचिपा जनसंख्या पर नजर रखने के लिए जाल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस कीट के सफल प्रबंधन के लिए आवश्यक है की साफ सुथरी खेती की जाय। सुबह के समय कीटनाशकों का प्रयोग करें या देर दोपहर, जब थ्रिप्स की उड़ान गतिविधि अपने चरम पर हो। नीला रंग रखकर थ्रिप्स संक्रमण की निगरानी करें।

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या पीले चिपचिपा जाल नियमित अंतराल पर प्रयोग करे। नीम आधारित कीटनाशक का प्रयोग करने से इस कीट की युवावस्था को नियंत्रित करते हैं। नीम के बीज की गुठली के सत्त (5%) या नीम का तेल (2%) का छिड़काव करने से इस कीट के व्यस्क प्रबंधित होते है।आम के बाग में इस कीट के प्राकृतिक शत्रुओं को बढ़ावा देना चाहिए जैसे परभक्षी थ्रिप्स, परभक्षी कुटकी (एंबलीसियस एसपीपी।) एंथोकोरिड बग या समुद्री डाकू कीड़े (ओरियस एसपीपी), जमीन बीटल, लेसविंग्स, होवरफ्लाइज़, लेडी बर्ड बीटल और बाग में मकड़ियों को संरक्षित करके बाग कीट के हमले को कम किया जा सकता है।

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यदि इस कीट का संक्रमण अधिक हो तो कीटनाशक जैसे थियामेथोक्सम 25% WG (0.3जी प्रति लीटर) या इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एसएल (0.3 मिली प्रति लीटर) या स्पिनोसैड 45% एससी (0.4 ग्राम प्रति लीटर) का छिड़काव करके इस कीट को प्रबंधित किया जा सकता है।

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