Pear (नाशपाती)

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Cultivation

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Sunlight

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pH value

7 - 8.7

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Temperature

10 - 25 °C

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Fertilization

10-20 kg of well decomposed cow dung, 100-300 gm of Urea, SSP@200-600 gm, MOP@150-450 gm per Tree

Pear (नाशपाती)

Basic Info

नाशपाती (Pear) एक शीतोष्ण क्षेत्र का फल है। यह एक मध्यम ऊंचाई का पेड़ होता है जो 10–17 मीटर (33–56 फीट) तक पहुंचता है, प्रायः ऊपर ऊंचा, संकरा किरीट आकार होता है। इसकी कुछ प्रजातियां झाड़ रूपी भी होती हैं, जिनकी ऊंचाई अधिक नहीं होती। नाशपती को समुंद्र तल से 1,700-2,400 मीटर की ऊंचाई पर उगाया जाता है। यह फल प्रोटीन और विटामिन का मुख्य स्त्रोत है। कई तरह की जलवायु और मिट्टी के अनुकूल होने के कारण नाशपाती की खेती भारत के उप-उष्ण से सयंमी क्षेत्रों में की जा सकती है।

Seed Specification

बुवाई का समय
पौधा लगाने के लिए जनवरी महिना उत्तम होता है, पौधा लगाने के लिए एक साल पुराने पौधों का प्रयोग किया जाता है।

दुरी
पौधों के बीच 6-7 मीटर की दूरी कर पौधे उगाये जाते है।

बुवाई का तरीका
नाशपाती की बुवाई बीजों द्वारा नर्सरी तैयार करके कलम विधि से पौधे तैयार किये जाते है।
 
बीज अंकुरण की विधि
बीज लगाने के लिए अधिक उपज वाले पेड़ का चुनाव कर उसका पक्का हुआ फल से बीज प्राप्त करें। बीजों को निकाल कर दिसंबर माह में 30 दिनों तक लकड़ी के बक्सों में रेत डालकर रखें और पानी से सिंचित कर दें। जनवरी महीने में बीजों को नर्सरी में बो दे तथा 10 दिनों के भीतर बीज अंकुरण हो जाते है। इन पौधों को अगले साल के जनवरी महीने तक कलम लगाने के लिए तैयार हो जाते हैं।

पौधरोपण का तरीका
पेड़ लगाने के लिए वर्गाकार या आयताकार विधि अपनाई जाती है मगर पहाड़ी क्षेत्रों में ढलान विधि का प्रयोग किया जाता है। तथा नाशपाती के भागों की टी-बडिंग (T-budding) या टंग ग्राफ्टिंग करके कैंथ वृक्ष के निचले भागों को प्रयोग में लाया जाता है. ग्राफ्टिंग दिसंबर-जनवरी महीने में की जाती है और टी-बडिंग मई-जून महीने में की जाती है।

Land Preparation & Soil Health

खाद एवं रासायनिक उर्वरक
  • नाशपाती की खेती में अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए वर्मी कम्पोस्ट या अच्छी सड़ी गोबर की खाद (FYM) देना चाहिए। 
  • जब पेड़ 3 साल का हो जाये तो 10 किलो गोबर की खाद, 100-300 ग्राम यूरिया, 200-300 ग्राम सिंगल फास्फेट और 200-450 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति पेड़ की दर से मिट्टी में मिला दें और सिंचाई कर दें। 
  • 4-6 साल के पेड़ हो जाने पर 25-35 किलो गोबर खाद, 400-600 ग्राम यूरिया, 800-1200  ग्राम सिंगल फास्फेट (SSP), 600-900 ग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश प्रति पेड़ को डालें। 
  • 7-9 साल के पेड़ में 40-60 किलो गोबर खाद, 700-900 ग्राम यूरिया,1400-1800 ग्राम सिंगल फास्फेट, 1 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश (MOP) प्रति पेड़ की दर से डालें।
  • गोबर खाद, सिंगल सुपर फासफेट और म्यूरेट ऑफ़ पोटाश की पूरी मात्रा दिसंबर के महीने में डालें। यूरिया की आधी मात्रा फूल निकलने से पहले फरवरी के शुरू में और बाकी की आधी मात्रा फल निकालने के बाद अप्रैल के महीने में डालनी चाहिए।

Crop Spray & fertilizer Specification

नाशपाती (Pear) एक शीतोष्ण क्षेत्र का फल है। यह एक मध्यम ऊंचाई का पेड़ होता है जो 10–17 मीटर (33–56 फीट) तक पहुंचता है, प्रायः ऊपर ऊंचा, संकरा किरीट आकार होता है। इसकी कुछ प्रजातियां झाड़ रूपी भी होती हैं, जिनकी ऊंचाई अधिक नहीं होती। नाशपती को समुंद्र तल से 1,700-2,400 मीटर की ऊंचाई पर उगाया जाता है। यह फल प्रोटीन और विटामिन का मुख्य स्त्रोत है। कई तरह की जलवायु और मिट्टी के अनुकूल होने के कारण नाशपाती की खेती भारत के उप-उष्ण से सयंमी क्षेत्रों में की जा सकती है।

Weeding & Irrigation

खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार की रोकथाम के लिए आवश्यकतानुसार समय-समय पर निराई-गुड़ाई करना चाहिए।

सिंचाई
नाशपाती पौध रोपण के तुरंत बाद एक सिंचाई दी जानी चाहिए। गर्मियों में 5 से 7 दिनों के अंतराल पर जबकि सर्दियों में 15 दिनों के फासले पर सिंचाई करें। सिंचाई मिट्टी की नमी और मौसम देख कर करें। खेत में अधिक जलभराव की समस्या से फल रंग और गुणवत्ता को प्रभावित करेगा तथा रोग की संभावना को बढ़ाएगा। इसलिए जल निकासी बेहतर करें। अच्छी खेती और सिंचाई की सुदृढ़ व्यवस्था के लिए ड्रीप सिंचाई पद्धति का प्रयोग करना चाहिए।

Harvesting & Storage

अंतर-फसलें
जब तक पेड़ फल देने लायक नहीं हो जाते तब तक खरीफ ऋतु में उड़द, मूंग, तोरियों जैसे फसलें और रब्बी में गेंहू, मटर, चने आदि फसलें अंतर-फसली के रूप में खेती की जा सकती है।

कटाई और छंटाई
पौधे की शाखाओं को मज़बूत, अधिक पैदावार और बढ़िया गुणवत्ता के फल के लिए कंटाई- छंटाई की जाती है। इसके लिए बीमारी-ग्रस्त, नष्ट हो चुकी, टूटी हुई और कमज़ोर शाखा की टहनियों को काट दिया जाता है।

फसल की कटाई
नाशपाती के फलों की तुड़ाई जून के प्रथम सप्ताह से सितम्बर के मध्य की जाती हैं। नज़दीकी मंडियों में फल पूरी तरह से पकने के बाद और दूरी वाले स्थानों पर ले जाने के लिए हरे फल तोड़े जाते हैं।

कटाई का समय
नाशपाती की कठोर किस्म के पकने के लिए लगभग 145 दिनों की जरूरत होती है, जबकि सामान्य नरम किस्म के लिए 135-140 दिनों की जरूरत होती है।

भंडारण
फलों की तुड़ाई के बाद फलों की छंटाई करें, फिर फलों को फाइबर बॉक्स में स्टोर करके मंडी ले जाया जा सकता है, फलों को 1000 ppm एथेफोन के साथ 4-5 मिनट के लिए उपचार करें जिससे कच्चे फल भी पक्क जाये या इनको 24 घंटों के लिए 100 ppm इथाइलीन गैस में रखें और फिर 20° सेंटीग्रेट पर स्टोर करें दें। फलों को 0-1 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान और 90-95 % नमी वाले स्टोर में 60 दिन तक रखा जा सकता है।

उत्पादन
नाशपाती के प्रति पेड़ से औसतन 4-5 क्विंटल के बीच फलों की पैदावार होती है।

Crop Disease

Cobweb diseases (कोबवेब रोग)

Description:
{डिज़ीज़ के दौरान कांग्रेस मशरूम के ऊपरी सतह पर काले धब्बे या लाल धब्बे छोड़ जाता है। मशरूम उगलना बंद हो जाते हैं उनके टिशू डार्क हो जाते हैं और वॉटर गिरावट होता है।}

Organic Solution:
फॉर्मल्डिहाइड के साथ जल प्रारंभिक संक्रमण केंद्र। सुरक्षात्मक उपाय के लिए ज़िनब का उपयोग करें। आवरण पर क्लोरोथलोनिल लगाएं या आवरण सामग्री में मिलाएं।

Chemical solution:
प्रोलोराज़-एमएन, क्लोरोथालोनिल, थियाबेंडाज़ोल, मेट्रैफेनोन, माइकोफिलम का उपयोग किया जाता है| कोबवे बीमारी से लड़ने के लिए। प्रोक्लोरीज़-एमएन की तुलना में माइकोफिलम सबसे प्रभावी है|

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Green Mold diseases (कोबवेब रोग)

Description:
{एक फंगस (Trichoderma harzianum) जो मिट्टी में आम तौर पर पाया जाता है उजाले की वजह से ये फंगस बहूत ही तीव्र गति से उगते हैं।}

Organic Solution:
फॉर्मल्डिहाइड के साथ जल प्रारंभिक संक्रमण केंद्र। सुरक्षात्मक उपाय के लिए ज़िनब का उपयोग करें। आवरण पर क्लोरोथलोनिल लगाएं या आवरण सामग्री में मिलाएं।

Chemical solution:
मेर्टेक्ट 340-एफ| (कटाई के 12 घंटे के भीतर आवेदन न करें।)

No images available.

Bacterial Spot/Pit /Brown Blotch - बैक्टीरियल स्पॉट / पिट / ब्राउन ब्लाट

Description:
{मशरूम की बाहरी सतह पर विकसित हो सकता है - टोपी या तने पर या दोनों | मौसम की परवाह किए बिना, मशरूम की सतहों को पानी देने के बाद सूखने नहीं देना है।}

Organic Solution:
नमी कम होना 150 पीपीएम क्लोरीन समाधान (कैल्शियम हाइपोक्लोराइट उत्पादों का उपयोग किया जाता है।)

Chemical solution:
मशरूम को chlorine पानी से सिंचना ( प्रति 100 लीटर पानी के लिए 125 मिलीलीटर 10% क्लोरीन समाधान) |

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