Fig (अंजीर)

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Watering

Low

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Cultivation

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Harvesting

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Labour

Medium

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Sunlight

Low

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pH value

7-8

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Temperature

15 - 21 °C

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Fertilization

ear 1 – FYM (25), neem cake (0.50), N (0.06), P (0.04) and K (0.04). Year 2 – FYM (25), neem cake (0

Fig (अंजीर)

Basic Info

अंजीर एक लोकप्रिय फल है, जो ताजा और सूखा खाया जाता है। भारत में इसकी खेती राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात तथा उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में की जाती है। अंजीर मध्यसागरीय क्षेत्र और दक्षिण पश्चिम एशियाई मूल की एक पर्णपाती झाड़ी या एक छोटे पेड़ है जो पाकिस्तान से यूनान तक पाया जाता है। इसकी लंबाई 3-10 फुट तक हो सकती है।

Seed Specification

फसल किस्म
अंजीर का वृक्ष छोटा तथा पर्णपाती (पतझड़ी) प्रकृति का होता है। तुर्किस्तान तथा उत्तरी भारत के बीच का भूखंड इसका उत्पत्ति स्थान माना जाता है। 
उन्नत किस्मे - अंजीर की प्रभावशाली किस्मे - भाबी एफ- I, बी एफ- II तथा बी एफ- III में किया गया है। इनमें बी एफ- III प्रजाति सर्वोत्तम पाई गई है और इसका नामकरण ‘बडका अंजीर’ किस्म के रूप में किया गया। 
- भारत में मार्सेलीज़, ब्लैक इस्चिया, पूना, बँगलोर तथा ब्राउन टर्की नाम की किस्में प्रसिद्ध हैं।
- अगर दुनिया की बात करें तो ब्राउन टर्की, ब्रंसविक और ओसबौर्न अंजीर की कुछ प्रमुख किस्में हैं।

बुवाई का समय
अंजीर के रोपण का समय दिसम्बर से जनवरी या जुलाई से अगस्त मे मुख्यतः होता है दिसम्बर जनवरी का समय के जलवायु अंजीर के रोपड़ के लिए सर्वोत्तम है।

दुरी 
6x6 मीटर की दूरी रखें।

बुवाई का तरीका
बुवाई के लिए प्रजनन विधि का प्रयोग करें। अंजीर के पौधे मुख्यतः 1 से 2 सेंटीमीटर मोटी, 15 से 20 सेंटीमीटर लम्बी परिपक्व कलमों द्वारा तैयार किये जाते हैं। मातृ पौधों से सर्दियों में कलमें लेकर इन्हें 1 से 2 माह तक कैल्सिंग हेतु मिट्टी में दबाया जाता है। अंजीर की नर्सरी की क्यारियों में प्रति वर्गमीटर 7 किलो गोबर की खाद तथा 25 से 30 ग्राम फॉस्फोरस और 20 से 25 ग्राम पोटाश खाद, क्यारी तैयारी के समय डालनी चाहिए। नत्रजन खाद 10 से 15 ग्राम प्रतिवर्गमीटर कलमें रोपित करने के एक महीने बाद तथा इतनी ही मात्रा 2 महीने बाद डालनी चाहिए।

बीज की मात्रा
अंजीर के पौधे एक हेक्टेयर मे 400 से 500 तक लगाए जाते है।

नर्सरी/बीज उपचार
अंजीर के छोटे पौधों 1 से 3 वर्ष में 7 से 10 किलो गोबर की खाद और 3 वर्ष की आयु से बड़े पौधों में 15 से 25 किलोग्राम गोबर की खाद प्रति पौधा, प्रतिवर्ष डालनी चाहिए। उर्वरक का प्रयोग मिट्टी की आवश्यकता के अनुसार करें वैसे अंजीर की फसल बिना उर्वरक के प्रयोग के बाद भी अच्छी पैदावार देती है।

Land Preparation & Soil Health

खाद एवं रासायनिक उर्वरक 
उर्वरक का प्रयोग मिट्टी की आवश्यकता के अनुसार करें वैसे अंजीर की फसल बिना उर्वरक के प्रयोग के बाद भी अच्छी पैदावार देती है। अंजीर के छोटे पौधों 1 से 3 वर्ष में 7 से 10 किलो गोबर की खाद और 3 वर्ष की आयु से बड़े पौधों में 15 से 25 किलोग्राम गोबर की खाद प्रति पौधा, प्रतिवर्ष डालनी चाहिए। अच्छी फसल के लिए प्रति वर्ष प्रति वृक्ष 20-30 सड़े हुए गोबर की खाद या कंपोस्ट जनवरी-फरवरी में देना लाभदायक है। अंजीर में वैसे तो कोई मुख्य कीट या बीमारी नहीं देखी गई है, परन्तु कुछ एक परिस्थितियों में पत्ते और छाल खाने वाले कीड़े का प्रकोप देखा गया है। इसके नियंत्रण के लिए 3 मिलीलीटर एंडोसल्फान या क्लोरोफायरीफोस प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना लाभप्रद रहता है।

Crop Spray & fertilizer Specification

अंजीर एक लोकप्रिय फल है, जो ताजा और सूखा खाया जाता है। भारत में इसकी खेती राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात तथा उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में की जाती है। अंजीर मध्यसागरीय क्षेत्र और दक्षिण पश्चिम एशियाई मूल की एक पर्णपाती झाड़ी या एक छोटे पेड़ है जो पाकिस्तान से यूनान तक पाया जाता है। इसकी लंबाई 3-10 फुट तक हो सकती है।

Weeding & Irrigation

सिंचाई 
अंजीर के पौधे को बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है और पौधा लगाने के बाद सप्ताह में सीमित मात्रा में 1 या 2 बार पानी देना काफी होगा।

Harvesting & Storage

फसल अवधि
अंजीर के पेड़ों को यांत्रिक रूप से मजबूत ढांचे के साथ एक विस्तृत, समुचित मुकुट को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू में एक ही तने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। अंजीर का एक नया पेड़ तकरीबन 2 से 3 साल में फल देना शुरू कर देता है।

कटाई समय
अंजीर का फल मई से लेकर अगस्त तक पककर तैयार होते हैं। जब फल पूर्ण रूप से परिपक्व हो जाये तब ही इनकी तुड़ाई करनी चाहिए। 

सफाई और सुखाने
अंजीर के पौधों की सिखाई इस प्रकार होनी चाहिए कि हर दिशा में इसका फैलाव बराबर हो और पौधे के हर हिस्से तक सूर्य का प्रकाश पहुँच सके। इसमें फल एक से दो साल पुरानी टहनियों पर निकलने वाली नई शाखाओं पर लगता है। अतः शुरू के वर्षों में इस प्रकार की टहनियों को बढ़ावा देना चाहिए। पुराने पेड़ों में भारी काट-छांट लाभप्रद होती है। रोग ग्रस्त और सुखी शाखाओं की फल तुड़ाई के बाद काट-छांट करते रहना चाहिए।

Crop Disease

Frequently Asked Question

अंजीर के पेड़ पर कितने समय में फल पकने लगते है?

आप जानते है अंजीर के पेड़ आमतौर पर रोपण के तीन से पांच साल के बीच कभी-कभी फल पकने लगते हैं। कुछ खेती पहले शुरू होती है, लेकिन यह औसत है। अच्छी देखभाल और समय के साथ, आपका पेड़ पर फल पकना शुरू कर देगा।

अंजीर फल की उपयोगिता क्या है?

आप जानते है अंजीर का फल आमतौर पर खाया जाता है। औषधि बनाने के लिए फल और पत्तियों का उपयोग किया जाता है। अंजीर फल का उपयोग कब्ज को दूर करने के लिए एक रेचक के रूप में किया जाता है। अंजीर की पत्तियों का उपयोग मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल और त्वचा की स्थिति जैसे एक्जिमा, सोरायसिस, और विटिलिगो के लिए किया जाता है।

अंजीर के पेड़ की वृद्धि कितनी होती हैं?

आप जानते है ये पेड़ अपेक्षाकृत तेजी से बढ़ते हैं और 20 या 30 फीट तक बढ़ सकते हैं, और लगभग चौड़े होते हैं। अंजीर के पत्ते चार से आठ इंच चौड़े और 10 इंच तक लंबे हो सकते हैं।

भारत में अंजीर की खेती कहाँ की जाती है?

आप जानते है भारत में अंजीर की खेती ज्यादातर महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में की जाती है। अंजीर की खेती के तहत कुल क्षेत्रफल लगभग 13,802 हजार टन, यानी लगभग 12.32 टन प्रति हेक्टेयर उत्पादन के साथ 5600 हेक्टेयर भूमि है।

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