One District One Product- Sawai Madhopur

Sawai Madhopur



अमरूद भारत के प्रमुख फलों में से एक लोकप्रिय फल है। अपनी व्यापक उपलब्धता, भीनी सुगन्ध एवं उच्च पोषक गुणों के कारण यह ‘‘गरीबों का सेब’’ भी कहलाया जाता है। अमरूद के फलों में विटामिन ‘सी’ (200-300 मिली. ग्राम प्रति 100 ग्राम फल) की प्रचुर मात्रा होती है। अमरूद के फलों को ताजे खाने के साथ-साथ, व्यवसायिक रूप से प्रसंस्करित कर जैम, नेक्टर एवं स्वादिष्ट पेय बनाकर प्रयुक्त किया जाता है। 

सवाई माधोपुर, राजस्थान (भारत) में अमरूद को एक जिला एक उत्पाद के तहत चयनित किया गया।

देश का 60 प्रतिशत अमरूद केवल राजस्थान में हो रहा है। इस 60 प्रतिशत का 75 से 80 फीसदी हिस्सा सवाई माधोपुर जिले का है। अनुमानित रूप से देश का 50 प्रतिशत अमरूद अकेला सवाई माधोपुर जिला पैदा कर रहा है। विश्व में सबसे अधिक अमरूद भारत में होता है।

देश-विदेश में राजस्थान का सवाईमाधोपुर जिला मीठे अमरूदों के नाम से मशहूर है। जिले के अमरूद की पहचान उसकी गुणवत्ता एवं स्वाद के कारण पूरे देश में बनी है। सवाईमाधोपुर पेडे के नाम से मशहूर अमरूद खाने में मीठे होते है। ऐसे में इनको सवाईमाधोपुरके पेडे के नाम से भी जानते है। स्थिति ये है कि पूरे प्रदेश में सवाईमाधोपुर एकमात्र जिला है, जहां अमरूदों की बागवानी सर्वाधिक होती है। जिले में सर्वाधिक 75 प्रतिशत अमरूदों की बागवानी होती है।

जिले में यहां है अमरूद के बगीचे
जिले में सूरवाल, करमोदा, दौंदरी, मथुरापुर, आटूनकलां, गुढ़ासी, शेरपुर-खिलचीपुरए श्यामपुरा, ओलवाड़ा, पढ़ाना, मैनपुरा, अजनोटी, भाड़ौती, सेलू, रावल, गंगापुरसिटी, बामनवास आदि स्थानों पर 15 हजार हैक्टेयर में किसानों ने अमरूद के बगीचे लगा रखे है। जिला मुख्यालय के आसपास के क्षेत्र रामसिंहपुरा, करमोदा, सूरवाल सहित कई गांव अमरूद की अच्छी पौध के लिए जाने जाते है। यहां बर्फखान गोला, लखनऊ 49, इलाहाबादी, सफेदा किस्म के अमरूदों की पौध तैयार की जाती है।

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