इटावा ज़िला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय इटावा है।
इटावा यमुना और इसकी सहायक नदियों द्वारा अपवाहित जलोढ़ भूभाग पर स्थित है और इस क्षेत्र की सिंचाई गंगा नहर प्रणाली की एक नहर द्वारा होती है। यहाँ की फसलों में गेहूँ, सरसों, मकई, जौ और मोटा अनाज शामिल हैं। विशालकाय खड्डों के इस क्षेत्र में नदियों के किनारे मिट्टी के अपरदन की समस्या भी रहती है। पुनर्ग्रहण और कर लगाने संबंधी परियोजनाओं से कुछ भूमि वापस पाने में सहायता मिली है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के इकाईयों को एकत्र कर उन्हें आर्थिक और विपणन की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा।
सरसो की फसल को किया गया चयनित
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले को सरसो की फसल के लिए चयनित किया गया है। जिसकी यूनिट लगाने पर मार्केटिग, पैकेजिग, फाइनेंशियल मदद, ब्रांडिग की मदद इस योजना के अंतर्गत किसानों को मिलेगी।
केंद्र सरकार ने सरसो की फसल का चयन किया है । इस योजना मे सरसो की फसल का चयन होने के बाद इससे जुड़े हुए कारोबारो को हरहाल में फायदा ही फायदा पहुंचेगा ।
इटावा जिले में करीब 20 हजार हेक्टेयर में सरसो की फसल की जाती है, जिससे करीब 40 हजार के आसपास किसान लाभांवित होते है।
कभी कुख्यात डकैतों के आंतक से इटावा की पहचान हुआ करती थी, लेकिन अब “एक जिला एक उत्पाद योजना” में सरसों को जगह मिलने पर जिले की नई पहचान सरसों की फसल बनेगी। इटावा के उप निदेशक कृषि अरविंद कुमार सिंह बताया कि केंद्र सरकार ने सरसो की फसल का चयन किया है । इस योजना मे सरसो की फसल का चयन होने के बाद इससे जुड़े हुए कारोबारो को हरहाल में फायदा ही फायदा पहुंचेगा।
केंद्र की मोदी सरकार की मेहरबानी से कुख्यात डाकुओ के प्रभाव वाले उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की नई पहचान “एक जिला एक उत्पाद” योजना के तहत सरसो की फसल को बनाया जायेगा।
एक जिला एक उत्पाद में सरसों प्रदेश सरकार की ओडीओपी योजनाएक जिला एक उत्पाद में जनपद को सरसों के तेल के उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए चयनित किया गया है।