सोयाबीन की नई उन्नत किस्म RVSM 1135: कम समय में अधिक उपज, रोगों से बचाव और सूखे में भी दमदार प्रदर्शन

सोयाबीन की नई उन्नत किस्म RVSM 1135: कम समय में अधिक उपज, रोगों से बचाव और सूखे में भी दमदार प्रदर्शन
News Banner Image

Kisaan Helpline

Crops May 13, 2025

Soybean Variety RVSM 1135: खरीफ सीजन का समय करीब है और किसान भाई अब अपनी फसलों की तैयारी में जुट गए हैं। इस मौसम में सोयाबीन किसानों की प्रमुख पसंदीदा फसल है, क्योंकि इससे उन्हें अच्छी आमदनी प्राप्त होती है। लेकिन सोयाबीन की सही किस्म का चयन करना फसल की सफलता में सबसे बड़ा कदम होता है। अगर किस्म उन्नत हो, तो कम समय में ज्यादा उपज और रोगों से सुरक्षा मिलती है।

 

इसी कड़ी में किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय (RVSKVV), ग्वालियर के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई एक नई उन्नत किस्म - RVSM 1135 किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

 

Soybean Variety RVSM 1135: कम समय में तैयार, ज्यादा उत्पादन देने वाली किस्म

यह किस्म विशेष रूप से मध्य भारत के किसानों के लिए तैयार की गई है, जिसमें मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बुंदेलखंड, मराठवाड़ा और विदर्भ जैसे क्षेत्र शामिल हैं। RVSM 1135 किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह केवल 95 दिनों में परिपक्व हो जाती है, जिससे किसान कम समय में फसल काटकर दूसरी फसल की तैयारी कर सकते हैं।

 

उत्पादन क्षमता: 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

अगर फसल की देखभाल और प्रबंधन सही तरीके से किया जाए, तो इस किस्म से 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज आसानी से प्राप्त की जा सकती है। इसकी अंकुरण दर 95% तक पाई गई है, यानी अगर किसान 100 बीज बोता है तो 95 बीज अंकुरित होकर पौधे बन जाते हैं।

 

रोग प्रतिरोधक क्षमता: पीले मोज़ेक वायरस और चारकोल रॉट से सुरक्षा

किसान अक्सर पीले मोज़ेक वायरस और चारकोल रॉट जैसी बीमारियों से परेशान रहते हैं। RVSM 1135 किस्म में इन रोगों के प्रति मध्यम से अच्छी प्रतिरोधक क्षमता पाई गई है, जिससे फसल पर कम रासायनिक खर्च होता है और उपज की गुणवत्ता बनी रहती है।

 

फली की विशेषता: दाना गिरने की समस्या नहीं

RVSM 1135 की फलियां गैर-बिखरने वाली होती हैं। इसका मतलब यह है कि फसल पकने पर दाने फली से गिरते नहीं हैं, जिससे कटाई के समय नुकसान नहीं होता। यह किस्म मैकेनिकल हार्वेस्टिंग (यंत्रिक कटाई) के लिए पूरी तरह उपयुक्त है।

 

जलवायु के अनुसार अनुकूलन क्षमता

यह किस्म अत्यधिक वर्षा और सूखा दोनों ही परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करती है। इसकी जड़ प्रणाली मजबूत होती है, जो नमी को लंबे समय तक रोक कर रखती है। यही कारण है कि यह किस्म उन इलाकों में भी सफल हो रही है, जहाँ जलवायु अस्थिर रहती है।

 

पौधे की बनावट और सौंदर्य

RVSM 1135 के पौधे की ऊँचाई लगभग 50 से 60 सेंटीमीटर तक होती है। एक पौधे में औसतन 60-70 फलियां होती हैं, जिनमें प्रति फली 3 से 4 दाने होते हैं। इसके फूल सफेद और पत्तियां चमकदार होती हैं, जो पौधे को विशेष आकर्षण भी प्रदान करते हैं।

 

बुआई की मात्रा और समय

इस किस्म को 65 से 70 किलो बीज प्रति हेक्टेयर में बोया जाता है। खरीफ की शुरुआत में जून के मध्य से जुलाई तक इसकी बुआई करना सबसे उपयुक्त माना जाता है।

 

सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों के लिए RVSM 1135 एक भरोसेमंद और उन्नत विकल्प बनकर सामने आया है। यह किस्म न केवल अच्छी उपज देती है, बल्कि रोगों से सुरक्षा, कम समय में परिपक्वता और सूखा झेलने की ताकत भी रखती है। अगर आप भी इस खरीफ सीजन में सोयाबीन की खेती करने की योजना बना रहे हैं, तो RVSM 1135 को एक बार ज़रूर आज़माएं।

Agriculture Magazines

Pashudhan Praharee (पशुधन प्रहरी)

Fasal Kranti Marathi

Fasal Kranti Gujarati

Fasal Kranti Punjabi

फसल क्रांति हिंदी

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline