Paddy Varieties : धान की प्रमुख उन्नत किस्में, जानिए इन किस्मों की विशेषताओं और पैदावार के बारे में

Paddy Varieties : धान की प्रमुख उन्नत किस्में, जानिए इन किस्मों की विशेषताओं और पैदावार के बारे में
News Banner Image

Kisaan Helpline

Crops May 15, 2023
खरीफ की प्रमुख फसलों में धान का प्रथम स्थान है। भारत के उत्तरी से दक्षिणी राज्यों में इसकी खेती की जाती है। कुछ प्रांतों में साल में दो से तीन बार धान की खेती होती है। धान की खेती सिंचित और असिंचित दोनों क्षेत्रों में की जा सकती है। इसकी खेती छिड़काव और रोपाई विधि से की जाती है। धान न केवल भारत की बल्कि विश्व की प्रमुख खाद्यान्न फसल है। धान भारत की एक बड़ी आबादी का मुख्य भोजन है। देश की खाद्य आपूर्ति के लिए जहां किसान कठोर परिस्थितियों में खेती कर रहे हैं, वहीं कृषि वैज्ञानिक अपनी लगन, अथक प्रयास और शोध से विभिन्न फसलों, सब्जियों और फलों की नई किस्मों का आविष्कार करने में लगे हुए हैं।

वर्ष 2014-23 के दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने धान की उन्नत किस्मों का विकास किया है। उच्च उपज के अलावा ये नवीन किस्में, बीमारियों एवं कीटों के लिए प्रतिरोधक, काम नमी तथा उच्च तापमान के प्रति सहनशील एवं उच्च गुणवत्ता वाली है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित धान की फसल की उन्नत किस्मों का विवरण निम्नलिखित है:

1. पूसा बासमती 1
  • क्षेत्रः पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड एवं जम्मू एवं कश्मीर, 
  • ऋतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थितिः सिंचित
  • औसत पैदावार: 50.0 क्विं /हे.
  • परिपक्वताः 135 दिन
  • मुख्य विशेषताएं: अर्द्ध बौनी एवं अत्यधिक उपज वाली बासमती चावल की किस्म।
2. पूसा बासमती 1121 
  • क्षेत्रः राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली एवं पंजाब 
  • ॠतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थितिः सिंचित, 
  • औसत पैदावार : 50.0 क्विं./हे.
  • परिपक्वताः 140 दिन, 
  • मुख्य विशेषताएं: अधिक लम्बे सुडौल दाने पकने के उपरान्त चार गुना आयतन विस्तार एवं 20-25 मि.मी. लम्बाई।
3. पूसा बासमती 6
  • क्षेत्रः पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड एवं जम्मू और कश्मीर 
  • ऋतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थितिः सिंचित, 
  • औसत पैदावारः 55.0 क्विं./हे.
  • परिपक्वता: 150 दिन, 
  • मुख्य विशेषताएं: तीव्र खुशबू, मजबूत तना एवं कम सफेद दाने (<4%) युक्त अर्द्ध बौनी बासमती चावल की किस्म।
4. पूसा बासमती 1509 
  • क्षेत्रः पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली 
  • ऋतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थितिः सिंचित,
  • औसत पैदावार: 60.0 क्विं./हे.
  • परिपक्वताः 120 दिन,
  • मुख्य विशेषताएं: अर्द्ध बौनी, अधिक लम्बे एवं सुडौल दाने युक्त शीघ्र पकने वाली बासमती चावल की किस्म।
5. पूसा 1612
  • क्षेत्र: पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एवं जम्मू और कश्मीर
  • ऋतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थितिः सिंचित,
  • औसत पैदावारः 51.0 क्विं./हे.
  • परिपक्वता: 120 दिन
  • मुख्य विशेषताएं: ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी, शीघ्र पकने वाली, अर्द्ध बौनी, अधिक लम्बे, सुडौल एवं खुशबू युक्तदाने।
6. पूसा बासमती 1592
  • क्षेत्रः पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एवं जम्मू और कश्मीर
  • ऋतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थितिः सिंचित,
  • औसत पैदावार 47.3 क्वि/हे,
  • परिपक्वताः 120 दिन
  • मुख्य विशेषताएं: बैक्टिरियल ब्लाइट प्रतिरोधी एवं लम्बे और सुडौल दाने युक्त पूसा सुगंध 5 की उन्नत किस्म।
7. पूसा बासमती 1609
  • क्षेत्रः उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली एवं पंजाब,
  • ऋतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थितिः सिंचित,
  • औसत पैदावार 46.0 क्विं./हे.
  • परिपक्वताः 120 दिन,
  • मुख्य विशेषताएं: ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी
8. पूसा बासमती 1637
  • क्षेत्र: पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली उत्तराखण्ड, हरियाणा एवं पंजाब,
  • ऋतुः खरीफ
  • उत्पादन परिस्थितिः सिंचित,
  • औसत पैदावारः 42.0 क्विं./हे.
  • परिपक्वता : 130 दिन,
  • मुख्य विशेषताएं: पूसा बासमती 1 की ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी उन्नत किस्म।
9. पूसा बासमती 1728
  • क्षेत्र : पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एवं जम्मू और कश्मीर, उत्तराखण्ड, एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश,
  • ऋतु : खरीफ,
  • उत्पादन परिस्थितिः सिचित,
  • औसत पैदावारः 41.8 क्विं./हे.
  • परिपक्वताः 140 दिन,
  • मुख्य विशेषताएं: पूसा बासमती 6 की बैक्टिरियल ब्लाइट प्रतिरोधी उन्नत किस्म।
10. पूसा बासमती 1718
  • क्षेत्र : पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एवं जम्मू और कश्मीर, उत्तराखण्ड, एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश,
  • ऋतु : खरीफ, 
  • उत्पादन परिस्थिति : सिचित 
  • औसत पैदावार : 48.4 क्विं./हे.
  • परिपक्वता : 135 दिन
  • मुख्य विशेषताएं: पूसा बासमती 1121 की बैक्टिरियल ब्लाइट प्रतिरोधी उन्नत किस्म
11. पूसा साम्बा 1850
  • क्षेत्र : उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़,
  • ऋतु : खरीफ,
  • उत्पादन परिस्थिति : सिंचित
  • औसत पैदावार : 47.7 क्विं./हे.
  • परिपक्वता : 140 दिन,
  • मुख्य विशेषताएं: मध्यम सुडौल दानों वाली ब्लास्ट बीमारियों के लिए प्रतिरोधी धान की किस्म, साम्बा महसूरी की एन.आई. एल
12. पूसा बासमती 1692
  • क्षेत्र : हरियाणा, दिल्ली एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश,
  • ऋतु : खरीफ
  • उत्पादन परिस्थिति : सिंचित
  • औसत पैदावार : 52.6 क्विं./हे.
  • परिपक्वता : 115 दिन,
  • मुख्य विशेषताएं: अर्द्ध बौनी, शीघ्र पकने एवं अत्यधिक उपज वाली बासमती चावल की किस्म
13. पूसा बासमती 1847
  • क्षेत्र : दिल्ली, पंजाब एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश,
  • ऋतु : खरीफ,
  • उत्पादन परिस्थिति : सिंचित,
  • औसत पैदावार : 57.1 क्विं./हे.
  • परिपक्वता : 120 दिन
  • मुख्य विशेषताएं: पूसा बासमती 1509 की बैक्टिरियल ब्लाइट एवं ब्लास्ट प्रतिरोधी उन्नत किस्म। 
14. पूसा बासमती 1885
  • क्षेत्र : दिल्ली, हरियाणा एवं पंजाब,
  • ऋतु : खरीफ
  • उत्पादन परिस्थिति : सिंचित
  • औसत पैदावार : 46.8 क्विं./हे.
  • परिपक्वता : 135 दिन,
  • मुख्य विशेषताएं: पूसा बासमती 1121 की बैक्टिरियल ब्लाइट एवं ब्लास्ट प्रतिरोधी उन्नत किस्म।
15. पूसा बासमती 1886 
  • क्षेत्र : हरियाणा एवं उत्तराखण्ड 
  • ऋतु : खरीफ
  • उत्पादन परिस्थिति : सिंचित
  • औसत पैदावार : 44.9 क्विं./हे.
  • परिपक्वता : 145 दिन
  • मुख्य विशेषताएं: पूसा बासमती 6 की बैक्टिरियल ब्लाइट एवं ब्लास्ट प्रतिरोधी उन्नत किस्म
16. पूसा बासमती 1882 
  • क्षेत्र : पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा एवं पंजाब
  • ॠतु : खरीफ
  • उत्पादन परिस्थिति : सिंचित,
  • औसत पैदावार : 46.9 क्विं./हे.
  • परिपक्वता : 134 दिन,
  • मुख्य विशेषताएं: पूसा बासमती 1 की सूखा सहनशहील उन्नत किस्म।
17. पूसा बासमती 1853
  • क्षेत्र : आंध्र प्रदेश एवम तेलंगाना
  • ऋतु : खरीफ
  • उत्पादन परिस्थिति : सिंचित,
  • औसत पैदावार : 39.8 क्विं./हे.
  • परिपक्वता : 143 दिन,
  • मुख्य विशेषताएं: बी पी टी 5204 (साम्बा महसूरी) की बैक्टिरियल ब्लाइट एवं ब्लास्ट प्रतिरोधी उन्नत किस्म।

Agriculture Magazines

Pashudhan Praharee (पशुधन प्रहरी)

Fasal Kranti Marathi

Fasal Kranti Gujarati

Fasal Kranti Punjabi

फसल क्रांति हिंदी

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline