Drumstick Farming : सहजन, जिसे मोरिंगा के नाम से भी जाना जाता है, अपने पौष्टिक पत्तों, फलों और बीजों के लिए उगाई जाने वाली एक लोकप्रिय पेड़ की फसल है। सहजन की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है क्योंकि ड्रमस्टिक उत्पादों की मांग उनके कई स्वास्थ्य लाभों के कारण विश्व स्तर पर बढ़ रही है। और इसे गांव में सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा आदि नामों से भी जाना जाता है।
सहजन का वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा है सहजन को अंग्रेजी में ड्रमस्टिक भी कहा जाता है इस पेड़ के लगभग सभी भाग जैसे पत्तियाँ, फूल, फलियां, बीज, अनेक पोषक तत्व से भरपूर होने के कारण काम में लिया जाता है। सहजन की मुख्य बात यह है कि इसे बंजर जमीन में भी आसानी से उगाया जा सकता है। एक अनुमान के अनुसार हम 1 एकड़ में इसकी खेती करते हैं जो लगभग 600000 रु. वार्षिक कमाई हो सकती है।
सहजन के पेड़ के बारे में
सहजन का पेड़ सामान्यतः 6-8 मीटर ऊँचा होता है और पेड़ लगाने के 120-150 दिनों में फूल आना शुरू हो जाते हैं और फलियाँ 200-240 दिनों में तैयार हो जाती हैं। सहजन का पौधा लगभग 10 से 12 मीटर ऊंचाई का हो सकता है। लेकिन हम पेड़ को हर साल 3-4 मीटर की ऊंचाई से काटते हैं ताकि हम आसानी से उसके फूल, पत्ते और फल की तुड़ाई कर सकें।
सहजन के पौधे लगाने का तरीका
सहजन के पौधों की रोपाई एक गड्ढा बनाकर की जाती है, खेत को पूरी तरह से खरपतवार मुक्त करने के बाद 2.5x2.5 मीटर की दूरी पर 45x45x45 सेमी आकार के गड्ढे तैयार कर लें। हम मई-जून में रोपण से एक महीने पहले गड्ढे तैयार कर लेते हैं। मानसून आने के बाद हम जुलाई-अगस्त में गड्ढों में पौधे लगाते हैं। सहजन के पौधों को हम साल में दो बार लगा सकते हैं, पहला फरवरी-मार्च और दूसरा जुलाई-अगस्त तैयार गड्ढों में ऊपरी मिट्टी के साथ 10 किलोग्राम सडा गोबर की खाद मिलाकर गड्ढे को भर देते हैं।
सहजन का प्रवर्धन
सहजन के पौधों का बीज व शाखा के टुकड़ों दोनों प्रकार से प्रवर्धन किया जा सकता है कम समय में ज्यादा घना पेड़ व अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए हमें शाखा का चुनाव करना चाहिए क्योंकि शाखा में बीज प्रवर्धन की तुलना में जल्दी फलिया फूल आने लगते हैं
सहजन की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
सहजन की खेती हम लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में कर सकते हैं, लेकिन बलुई दोमट मिट्टी पौधे की अच्छी वृद्धि और विकास के लिए उपयुक्त मानी जाती है, जहां वार्षिक वर्षा 700-900 मिमी होती है।
फसल और पैदावार
जरूरत और बाजार की मांग के अनुसार फसल की तुडाई की जा सकती है। रोपण के 200-240 दिनों के बाद फलियाँ आना शुरू हो जाती हैं और शाखा से प्रवर्धित पौधों को फलियाँ बीज से लगाए गए पौधों की तुलना में जल्दी मिल जाती हैं। प्रत्येक पौधे से वर्ष भर में 40-50 किलोग्राम सहजन की फली प्राप्त होती है और प्राय: एक पेड़ 10 वर्ष तक अच्छा उत्पादन देता है।
सहजन की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है जिसके लिए उचित योजना, प्रबंधन और विपणन कौशल की आवश्यकता होती है। उचित देखभाल और ध्यान के साथ सहजन की खेती किसानों को अच्छी आय प्रदान कर सकती है और ड्रमस्टिक उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद कर सकती है।