ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती: अच्छी उपज के लिए इन पोषक तत्वों और खाद का करें उपयोग

ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती: अच्छी उपज के लिए इन पोषक तत्वों और खाद का करें उपयोग
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Kisaan Helpline

Crops Mar 15, 2025

देशभर में इस समय किसान ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई में जुटे हुए हैं। मूंग की खेती भारत में दलहनी फसलों में अहम स्थान रखती है और यह मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने में भी सहायक होती है। लेकिन अच्छी उपज के लिए सिर्फ सही समय पर बुवाई ही काफी नहीं होती, बल्कि पौधों को संतुलित पोषण देना भी जरूरी है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, मूंग की फसल में कुछ खास पोषक तत्वों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे पैदावार और गुणवत्ता दोनों में सुधार हो सकता है।

 

मूंग की अच्छी उपज के लिए पांच जरूरी पोषक तत्व

·         कैल्शियम: पौधों की कोशिकाओं को मजबूत बनाता है और नाइट्रोजन अवशोषण में मदद करता है।

·         फास्फोरस: जड़ों की बढ़वार, फूलों के निर्माण और बीज उत्पादन में सहायक होता है।

·         सल्फर: प्रोटीन निर्माण और नाइट्रोजन संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

·         बोरान: जड़ों में ग्रंथियों के विकास और नाइट्रोजन स्थिरीकरण में मदद करता है।

·         जिंक: पौधों में प्रोटीन निर्माण और बीजों की संख्या बढ़ाने में सहायक होता है।

 

उर्वरक का सही उपयोग बढ़ाएगा उत्पादन

मूंग की खेती में संतुलित पोषक तत्वों के साथ सही उर्वरक का चुनाव भी महत्वपूर्ण होता है। टाटा स्टील धुर्वी गोल्ड खाद एक बहुउद्देश्यीय उर्वरक है, जो 11 पोषक तत्वों का मिश्रण प्रदान करता है और धीरे-धीरे घुलकर पौधों को लंबी अवधि तक पोषण देता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस खाद का उपयोग मूंग, लहसुन, प्याज, गन्ना, गेहूं और सरसों जैसी फसलों के लिए काफी प्रभावी साबित हुआ है।

 

धुर्वी गोल्ड खाद के प्रमुख लाभ:

·         फसल की उपज में 25% से 70% तक की वृद्धि

·         मिट्टी के pH संतुलन को बनाए रखना

·         पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार

·         डीएपी और यूरिया की खपत में 50% तक की कमी

 

खाद का सही अनुपात

मूंग की फसल में बैसल डोज़ में अन्य फ़र्टिलाइज़र के साथ टाटा स्टील धुर्वी गोल्ड 25 किलोग्राम मिलाकर खेत की तैयारी के समय डालें।

और अच्छे परिणाम के लिए जब फसल 40 दिन की हो जाये उसके बाद आप 25 किलोग्राम टाटा स्टील धुर्वी गोल्ड फिर से डालें।


मूंग की खेती के लिए सही तकनीक अपनाएं

मूंग की बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करना जरूरी होता है। ग्रीष्मकालीन मूंग के लिए अप्रैल माह सबसे उपयुक्त समय माना जाता है। पौधों के बीच 10 सेमी की दूरी और पंक्तियों के बीच 30 सेमी की दूरी रखना चाहिए, ताकि पौधों को उचित पोषण और जगह मिल सके।

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