आंवला की खेती: मई-जून में आंवला के बागों में की जाने वाली आवश्यक कृषि कार्य

आंवला की खेती: मई-जून में आंवला के बागों में की जाने वाली आवश्यक कृषि कार्य
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Kisaan Helpline

Crops May 16, 2022
Amla Cultivation: पौध रोपण के लिए गड्ढे जून में खोदते हैं तथा गड्ढे की दूरी किस्म के अनुसार 8-10 मीटर रखते हैं। जून में 1 x 1 x 1 मीटर आकार के गड्ढे खोद लेने चाहिए। इन्हें 15 दिनों के बाद 10 कि.ग्रा. गोबर की सड़ी खाद, 1 कि.ग्रा. नीम की खली, 50 ग्राम क्लोरपाइरीफॉस की धूल एवं ऊपरी मृदा के साथ मिलाकर भरना चाहिए। आंवले में स्वयं-बंध्यता पाई जाती है। अतः कम से कम दो किस्में अवश्य लगाते हैं। जो एक दूसरे के लिए परागणकर्ता का कार्य करती हैं।

आंवला एक पर्णपाती वृक्ष है। इसके पेड़, फल लगने के बाद, गर्मियों के मौसम में सुषुप्तावस्था में प्रवेश कर जाते हैं। मानसून आने तक उसी अवस्था में रहते हैं। इसलिए पौधों को गर्मियों के दौरान, अन्य फसलों की तुलना में ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि 10-15 दिनों के अंतराल पर हल्की सिंचाई लाभकारी होती है। एकांतरित दिनों पर, ड्रिप से सिंचाई, फलों के विकास और आंवला की उपज की बढ़ोतरी के लिए उपयोगी पाई गई है। इसके अतिरिक्त, इससे खरपतवार भी कम उगते हैं।

मई-जून की गर्मियों में मृदा में नमी संरक्षण के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्रियों जैसे धान के भूसे, स्थानीय घास, केले के पत्ते या गन्ने के कचरे को पलवार के रूप में 20 कि.ग्रा. प्रति वृक्ष की दर से थालों में बिछा सकते हैं। इस पलवार को 10-15 सें.मी. मोटाई तक एकरूप ढंग से वितरित किया जाना चाहिए। यदि पॉलीथीन का पलवार उपयोग करना हो तो 100 माइक्रॉन मोटी फिल्म का प्रयोग कर सकते है।

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