किसान भाई वर्मीकम्पोस्ट बनाकर कर सकते है अच्छी कमाई, जानिए वर्मीकम्पोस्ट बनाने की विधि

किसान भाई वर्मीकम्पोस्ट बनाकर कर सकते है अच्छी कमाई, जानिए वर्मीकम्पोस्ट बनाने की विधि
News Banner Image

Kisaan Helpline

Agriculture Mar 30, 2023
Vermicompost: केंचुआ खाद पोषक तत्वों से भरपूर एक उत्कृष्ट जैविक खाद है। केंचुओं की सहायता से अपघटनशील जीवांश पदार्थ एवं विसर्जित पदार्थ से खाद बनाना वर्मी कम्पोस्ट कहलाता है। यह खाद 2 से 3 महीनों में तैयार हो जाती है।

वर्मीकम्पोस्ट बनाने के विभिन्न विकल्प

वर्मीकम्पोस्ट बनाने के लिए सुविधानुसार विभिन्न प्रकार की बेड प्रयोग की जा सकती है। जैसे टूटी हुई पानी की टंकी, प्लास्टिक की वर्मीबेड, सीमेंट की पतली व लम्बी हौदी, खुली इंटों से बनी क्यारी, पेड़ की छांव में लम्बाई में ढेर बनाकर, गमला तथा वाश बेसिन इत्यादि ।
वर्मीकम्पोस्ट बनाने के लिए ऐसे स्थान का चुनाव करे जहाँ पर जलभराव न हो तथा छायादार स्थान हो। यदि छाया न हो तो घास का शेड बना लेना चाहिए। शेड का आकार उपलब्ध गोबर व बेड की संख्या पर निर्भर करता है। गांव में शेड लकड़ी का बांस एवं घास से तैयार किया जा सकता है। सामान्यतः केंचुआ खाद वर्ष भर बना सकते हैं, लेकिन 16 से 22 डिग्री सेंटीग्रेड तापक्रम पर केंचुएं अधिक क्रियाशील होते हैं।

वर्मीकम्पोट बनाने के लिए आवश्यक सामग्री तथा उपकरण
  1. गोबर की खाद व घास-फूस फसल अवशेष आदि
  2. उत्तम प्रजाति का केंचुआ (1 कि.ग्रा. केंचुआ प्रति 100 कि.ग्रा. सामग्री हेतु) 
  3. नमी बनाये रखने हेतु पानी
  4. ढेर की गुड़ाई हेतु उपकरण (पंजा) छनाई हेतु मशीन, वजन लेने तथा पैकिंग के लिए व्यवस्था ।
वर्मीकम्पोस्ट बनाने की विधि
  1. वर्मीकम्पोस्ट को किसी भी प्रकार के पात्र जैसे मिट्टी के बर्तन, वाशबेसिन, लकड़ी के बक्से इत्यादि में बनाया जा सकता है। इस प्रक्रिया का भूमि में गड्ढे (पिट) बना कर या क्यारी (कम्पोस्टिंग बेड) बना कर भी किया जा सकता है गड्ढे या क्यारी को चौड़ाई 1.0 मीटर तक रखें तथा लम्बाई स्थान की उपलब्धता के अनुसार निर्धारित करें। 
  2. पिट या क्यारी की प्रथम सतह 4 से 5 सें.मी. बारीक बालू या भूसा को बिछाकर बनाएं। इसके ऊपर जिन वनस्पति। पदार्थों से आप कम्पोस्ट बनाना चाहते हैं उसे छोटे-छोटे टुकड़ों (2 से 3 से.मी.) के काटकर गोबर में मिलाकर (13 अनुपात में लगभग 3 सप्ताह तक सड़ने हेतु छोड़ दें। इस सामग्री को आंशिक रूप से गलने के बाद ही केंचुए छोडना चाहिए।
  3. इसके पश्चात् उपरोक्त पिट या बेड पर एक कि.ग्रा. केंचुआ प्रति 100 कि.ग्रा. सामग्री की दर से ऊपरी सतह पर छोड़ दे तथा बोरी या टाट या भूसे से ढक दे।
  4. इन बोरियों, घास या भूसे पर पानी छिड़कते रहें ताकि नमी का स्तर 40 से 60 प्रतिशत तक बना रहे।
  5. सम्पूर्ण जैव पदार्थों जैसे, गोवर, खाद्यान्न व दलहनी फसलों के अवशेष, फल व सब्जियों के अवशेष इत्यादि को वर्मीकम्पोस्ट बनाने में सामान्यतः 50 से 60 दिनों का समय लगता है। सर्दियों में यह समय कुछ बढ़ भी सकता है। वर्मीकम्पोस्ट बनाने में लगने वाला समय कार्बनिक पदार्थों की प्रकृति पर भी निर्भर करता है। केवल गोबर की खाद का प्रयोग करने पर वर्मीकम्पोस्ट 45 से 50 दिनों में ही तैयार हो जाती है। एक कि.ग्रा. रेडवर्म (आइसेनिया फोटिडा) से प्रतिदिन एक कि.ग्रा. वर्मीकम्पोस्ट तैयार हो सकता है।
  6. खाद तैयार होने पर, तैयार विंडरो से सटाकर नयी सामग्री की विंडरो बना देते है। इससे केंचुए स्वत नये देर में आ जाते हैं तथा पुराने को सीधे छान सकते है। पूसा द्वारा विकसित विधि से श्रमिकों की बचत होती है। 
  7. सूखी वर्मीकम्पोस्ट को छायादार स्थान पर एकत्र करके इसे 2 मि.मी. की छलनी से छानकर बोरों में भर लें। बच्चे हुए कंचुओ उनके शिशु केंचुए तथा अहों को नई सामग्री के ढेर में डाल दें, जिससे वर्मीकम्पोस्ट बनाने का क्रम निरन्तर जारी रहे।
  8. वर्मीकम्पोस्ट को बोरों में भरकर ठंडे छायादार स्थान पर रखें, जिससे इसमें 20 से 25 प्रतिशत नमी बनी रहे।

Agriculture Magazines

Pashudhan Praharee (पशुधन प्रहरी)

Fasal Kranti Marathi

Fasal Kranti Gujarati

Fasal Kranti Punjabi

फसल क्रांति हिंदी

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline