CA बंधु कार के बदले चला रहे हैं बैलगाड़ी, लाखों की नौकरी छोड़ बने किसान

CA बंधु कार के बदले चला रहे हैं बैलगाड़ी, लाखों की नौकरी छोड़ बने किसान
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Kisaan Helpline

Scheme Jul 03, 2015
भुज (गुजरात)। सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंट) की डिग्री हासिल की। लेकिन लाखों की नौकरी छोड़कर खेती को अपने पेशे के रूप में शामिल कर लिया और उस पेशे से नया मुकाम भी हासिल कर लिया है। यह कहानी भुज जिले के छोटे से गांव खाखर के दो भाईयों नरेंद्र सिंह (30) और अशोक सिंह जाडेजा (32) की है। दोनों भाईयों ने राजकोट में ग्रेजुएशन करने के बाद मुंबई से सीए की डिग्री ली। इसके बाद दोनों को ही बड़ी-बड़ी कंपनियों से लाखों रुपए की सैलरी के ऑफर मिले, लेकिन इन्होंने अपने पुश्तैनी पेशे को ही चुना।
खेती के क्षेत्र में उतरे इन भाईयों ने पारंपरिक खेती की वर्जनाओं को तोड़ते हुए खेती में ही लाखों के वारे-न्यारे करने का सफल तजरुबा भी हासिल कर लिया है। सीए की डिग्री हासिल कर आधुनिक खेती में जुटे ये युवा किसान के स्टॉल आधुनिक खेती की नई मिसाल पेश कर रहे हैं।
अब गोबर गैस प्लांट लगाने की कवायद:
नरेंद्र और अशोक अब गांव में ही एक बड़ा गोबर गैस प्लांट लगाने की तैयारी कर रहे हैं। जिससे कि न सिर्फ उन्हें, बल्कि पूरे गांव को इसका फायदा मिल सके और सरकार पर भी एलपीजी का बोझ कम हो सके। अशोक और नरेंद्र प्लांट का निर्माण भी खुद ही करना चाहते हैं। इसके लिए दोनों ने सामान जोड़ना शुरू कर दिया है। दोनों को आशा है कि अगले एक साल में प्लांट का निर्माण हो जाएगा और इससे गांव के कई परिवारों को गैस मिलने लगेगी।
गांव में खोली दूध की डेयरी:
खाखरा गांव में इससे पहले कोई दूध की डेयरी नहीं थी। इसलिए दोनों भाइयों ने सबसे पहले गांव में दूध की डेयरी खोली। अब सुबह-शाम गांव वालों को आसानी से दूध उपलब्ध हो जाता है। इस समय इनके पास 300 ग्राहक हैं। दोनों भाई रोजाना लगभग 2000 लीटर दूध का विक्रय कर लेते हैं।

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