Cabbage (पत्ता गोभी)

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pH value

5.5 - 6.5

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Temperature

12 - 30 °C

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Fertilization

NPK @ 50:25:25 Kg/Acre 110kg/acre urea, SSP 155kg/acre, muriate of potash 40kg/acre

Cabbage (पत्ता गोभी)

Cabbage (पत्ता गोभी)

Basic Info

पत्ता गोभी, एक उपयोगी पत्तेदार सब्जी है। यह रबी मौसम की एक महत्वपूर्ण सब्जी है। इसे बन्धा तथा बंदगोभी के नाम से भी पुकारा जाता है। यह एक हरे पत्तेदार सब्जी है। इसमें विटामिन ए और सी खनिज जैसे फास्फोरस, पोटेशियम, कैल्शियम, सोडियम और लोहा भरपूर मात्रा में होते हैं। इसको कच्ची या पकाकर खाया जा सकता है। भारत में यह सब्जी आमतौर पर रबी के मौसम में मैदानी इलाकों में उगाई जाती है।

Seed Specification

बुवाई का समय
मैदानी क्षेत्रों में
अगेती किस्म की फसल के लिए – अगस्त-सितम्बर,
पछेती किस्म की फसल के लिए – सितम्बर-अक्टूम्बर।
पहाड़ी क्षेत्र के लिए
सब्जी के लिए मार्च- जून,
बीज उत्पादन के लिए जुलाई – अगस्त |

बुवाई का तरीका
इसकी बुवाई के लिए दो तरीके प्रयोग किए जाते हैं।
- गड्ढा खोदकर
- खेत में रोपाई करके
 नर्सरी में सबसे पहले बुवाई करें और खादों का प्रयोग आवश्यकता के अनुसार करें। बुवाई के 25-30 दिनों के बाद नए पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं। खेत में पौध की रोपाई के लिए 3-4 सप्ताह पुराने पौधों का प्रयोग करें।

दुरी
अगेती किस्मों की फसल को 45x45 सेंटीमीटर तथा पिछेती किस्मों की फसल को 60x45 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाना चाहिए।
 
बीज की गहराई
बीज की बुवाई 1-2 सैं.मी. गहराई में बोना चाहिए।
 
बीज की मात्रा
अगेती किस्म फसल के लिए 500-600 ग्राम और पिछेती किस्म फसल के लिए 375-400 ग्राम बीज/हेक्टेयर के लिए पर्याप्त है |
 
बीज का उपचार
बीज को बुवाई से पूर्व ट्राइकोडर्मा या स्यूडोमोनास 6-8 ग्राम/किलो बीज अथवा बाविस्टीन 2 ग्राम/किलो बीज की दर से उपचारित कर बोना चाहिए।

Land Preparation & Soil Health

खाद एवं रासायनिक उर्वरक
पत्ता गोभी को अधिक मात्रा में पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है इसकी अधिक पैदावार के लिए भूमि का काफी उपजाऊ होना अनिवार्य है इसके लिए प्रति हेक्टेयर भूमि में 30 टन गोबर की अच्छी तरह से सड़ी हुई खाद और 1 क्विंटल नीम की सडी पत्तियां या नीम की खली या नीम दाना पिसा हुआ चाहिए केंचुए की खाद १५ दिनों के बाद डालनी चाहिए। तथा रासायनिक खाद की दशा में 120 किलो नाइट्रोजन ,60 किलो फास्फोरस, और 60 किलो पोटाश की आवश्यकता होती है, निर्धारित मात्रा की आधी नाइट्रोजन पूरी मात्रा में फास्फोरस व पोटाश देनी चाहिए, शेष बची नाइट्रोजन रोपाई के 1 महीना बाद देनी होती है।

Crop Spray & fertilizer Specification

पत्ता गोभी, एक उपयोगी पत्तेदार सब्जी है। यह रबी मौसम की एक महत्वपूर्ण सब्जी है। इसे बन्धा तथा बंदगोभी के नाम से भी पुकारा जाता है। यह एक हरे पत्तेदार सब्जी है। इसमें विटामिन ए और सी खनिज जैसे फास्फोरस, पोटेशियम, कैल्शियम, सोडियम और लोहा भरपूर मात्रा में होते हैं। इसको कच्ची या पकाकर खाया जा सकता है। भारत में यह सब्जी आमतौर पर रबी के मौसम में मैदानी इलाकों में उगाई जाती है।

Weeding & Irrigation

खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार की रोकथाम के लिए आवश्यकता अनुसार समय-समय पर निराई-गुड़ाई करना चाहिए।

सिंचाई
फसल की समुचित विकास के समय पूर्ण नमी बनाकर रखें तथा आवश्यकतानुसार समय-समय पर सिंचाई करें। रोपाई के तुरंत बाद सिंचाई करे इसके बाद 8 -10 दिन के अंतर से सिंचाई करते रहे इस बात का ध्यान रखे की फसल जब तैयार हो जाए तब अधिक गहरी सिंचाई न करें अन्यथा फुल फटने का भय रहता है।

Harvesting & Storage

फसल की कटाई
जब पत्ता गोभी के शीर्ष पुरे आकार के हो जाएँ और ठोस हों तब इसकी कटाई करनी चाहिए। कटाई बाजार की मांग के अनुसार की जा सकती है। यदि मांग ज्यादा और मूल्य भी ज्यादा हो तो कटाई जल्दी करें। कटाई के लिए चाकू का प्रयोग किया जाता है।

कटाई के बाद
कटाई के बाद फूलों को आकार के अनुसार अलग अलग करें। यदि मांग और मूल्य ज्यादा हो तो कटाई जल्दी की जा सकती है।

उत्पादन
पत्ता गोभी की उपज किस्म, भूमि और फसल की देखभाल पर निर्भर करती है, अगेती और पिछेती फसल की किस्मों से 200-250 क्विंटल और 300-325 क्विंटल तक उपज मिल जाती है

Crop Disease

Black rot

Description:
{ब्लैक रूट थिएलावोप्सिस बेसिकोला (Thielaviopsis basicola) के कारण होती है, मुख्य रूप से फसल के बाद की बीमारी है। रोगज़नक़ा दुनिया भर में होता है और इसमें एक विस्तृत श्रृंखला होती है, जिसमें फलियां, आलू, और कुकुरबिट परिवारों के साथ-साथ कई आभूषण और वुडी पौधे भी शामिल हैं।}

Organic Solution:
रोपण के मौसम में देरी के मामले में, रोपण से पहले 30 मिनट के लिए गर्म पानी (51 डिग्री सेल्सियस पर) में इलाज करें।

Chemical solution:
गर्म पानी (30 मिनट के लिए 50 डिग्री सेल्सियस) या गर्म ब्लीच (30 मिनट के लिए 0.1% सोडियम हाइपोक्लोराइट) में इसका इलाज करें। फसल चक्रण का अभ्यास करें। जमीन पर रोपण से 3-4 साल पहले छोड़ दें जहां बीमारी की पहचान की गई है।

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Alternaria leaf blight

Description:
{बारिश और कोहरा बीमारी के विकास को बढ़ाता है। फसल के मलबे पर मिट्टी में कवक जीवित रहता है लेकिन मलबे के विघटित होने पर मारा जाता है।}

Organic Solution:
ट्राइकोडर्मा (Trichoderma viride) का और वीटावैक्स मिश्रण प्रभावी रूप से आगे के संक्रमण (98.4% तक) में बाधा डालता है। मिक्स यूरिया @ 2 - 3% ज़िनब के साथ स्प्रे करे। बीज जनित इनोक्यूलम को कम करने के लिए फफूंदनाशक और गर्म पानी के उपचार का उपयोग किया गया है।

Chemical solution:
अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट (Alternaria leaf spot) को नियंत्रित करने के लिए कवकनाशी सबसे व्यवहार्य रासायनिक नियंत्रण है। कवकनाशी के साथ बीज का इलाज करने से संक्रमण की संभावना को कम करने में भी मदद मिल सकती है। रोग को नियंत्रित करने के लिए ज़िनब और थीरम को सबसे प्रभावी पाया गया।

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Powdery Mildew

Description:
{संक्रमण आमतौर पर गोलाकार, ख़स्ता सफेद धब्बे के रूप में शुरू होता है जो पत्तियों, तनों और कभी-कभी फलों को प्रभावित कर सकता है| यह आमतौर पर पत्तियों के ऊपरी हिस्सों को कवर करता है लेकिन नीचे की तरफ भी बढ़ सकता है।}

Organic Solution:
सल्फर, नीम के तेल, काओलिन या एस्कॉर्बिक एसिड पर आधारित पर्ण स्प्रे गंभीर संक्रमण को रोक सकते हैं।

Chemical solution:
यदि उपलब्ध हो तो हमेशा जैविक उपचार के साथ निवारक उपायों के साथ एक एकीकृत दृष्टिकोण पर विचार करें। ख़स्ता फफूंदी के लिए अतिसंवेदनशील फसलों की संख्या को देखते हुए, किसी विशेष रासायनिक उपचार की सिफारिश करना कठिन है। गीला करने योग्य सल्फर(sulphur) (3 ग्राम/ली), हेक्साकोनाज़ोल(hexaconazole), माइक्लोबुटानिल (myclobutanil) (सभी 2 मिली/ली) पर आधारित कवकनाशी कुछ फसलों में कवक के विकास को नियंत्रित करते हैं।

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