Kishor Dhakad
12-04-2022 05:15 AMSuccess Story : जीवन में कई उतार-चढ़ाव के बाद, फिर कोरोना महामारी ने दस्तक दी और बना बनाया रास्ते को रोक दिया और दो दशकों से किया जा रहा काम पूरी तरह से बर्बाद हो गया। इस पर अनिश्चितता के बावजूद एक आत्मविश्वासी महिला ने जीविकोपार्जन के लिए जैविक खाद बनाकर खेती का रास्ता अपनाया। मई 2020 में जो शुरू हुआ वह दो साल से भी कम समय में एक सफल उद्यम में बदल गया। इसके साथ ही वीसीटी ऑर्गेनिक का नाम ब्रांड बन गया है। इसके प्रोडक्ट को दिल्ली-एनसीआर के ग्राहक भी खूब पसंद कर रहे हैं। गेहूं, चना, सरसों, अलसी, मिर्च, मेथी, तिल सहित दूध और घी के उत्पादों की गुणवत्ता लोगों को आकर्षित कर रही है।
फैशन डिजाइनिंग छोड़कर जैविक खेती शुरू की
सेक्टर-62 की रहने वाली चंचल शांडिल्य ने बताया कि साल 1996 में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स पूरा करने के बाद मल्टीनेशनल कंपनियों के साथ फैशन डिजाइनर के तौर पर काम करना शुरू किया। दो दशक से अधिक समय तक काम करने के बाद, चंचल ने भारत सरकार द्वारा संचालित स्किल इंडिया योजना से जुड़कर कार्य किया। कोरोना काल में जब हालात विषम थे तो उन्होंने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में गुर्जर चौक के पास जमीन लीज पर लेकर जैविक खाद बनाने का काम शुरू किया। शुरुआत में प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, उन्होंने जैविक खेती भी करना शुरू कर दिया। इस समय दिल्ली-एनसीआर में किचन गार्डनिंग करने वाले लोग जैविक खाद के सबसे बड़े खरीदार हैं। इसके साथ ही ब्रांड के उत्पाद भी ऑनलाइन बाजार में भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
पोषण युक्त आहार के साथ कुछ कर गुजरने का सपना कर रही साकार
चंचल शांडिल्य का कहना है कि जैविक खेती के बारे में कोई जानकारी नहीं होने पर विशेषज्ञों से सलाह ली। इसके बाद कार्य की शुरुआत की है। पोषण युक्त आहार के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बाजार में जैविक उत्पादों की मांग बहुत अधिक है। कोरोना काल का दौर होने के बावजूद शुरूआत से ही बेहतर परिणाम मिलना शुरू हो गया है। फिलहाल वीसीटी ऑर्गेनिक की कमाई लाखों में पहुंच गई है। साथ ही गौ पालन का कार्य भी किया जा रहा है। बाजार में मसाले पहुंचाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। उनका कहना है फार्म में तैयार किए गए उत्पाद बाजार में मौजूद सामानों की तुलना में अधिक मूल्य मिलता है।
चंचल शांडिल्य बताती है की उन्होंने अपनी वीसीटी नाम से एक ब्रांड बनायीं और अपने प्रोडक्ट को दिल्ली-एनसीआर के ग्राहक तक पंहुचा रही है और ग्राहक भी उनके जैविक उत्पाद को खूब पसंद कर रहे हैं, जिनमें गेहूं, चना, सरसों, अलसी, मिर्च, मेथी, तिल सहित दूध और घी आदि उत्पाद शामिल है। जिनकी गुणवत्ता को देखकर लोग और अधिक आकर्षित हो रहे है।
वीसीटी ऑर्गेनिक के प्रोडक्ट को बेचकर अभी तक इसकी कमाई लाखों में पहुंच गयी है। और एक ब्रांड के रूप में उभर कर बाजार में अपनी एक अलग छाप छोड़ रही है। चंचल शांडिल्य जैविक खेती के साथ-साथ गौ पालन का कार्य भी कर रही है, और जैविक खाद बनाकर दिल्ली-एनसीआर में किचन गार्डनिंग करने वाले लोगों को बेचती हैं।
10 रूपये प्रति किलो की दर से जैविक खाद की बिक्री
कच्चे गोबर, पराली सहित अन्य चीजों को मिलाकर जैविक खाद 60 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी बिक्री दस रुपये प्रति किलो की दर से हो रही है।
चंचल शांडिल्य का कहना है की जैविक विधि से तैयार उत्पाद की कीमत बाजार में अन्य उत्पाद की कीमत से कई अधिक मिल जाती है।
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