जाड़े में  लगाई जाने वाली अगेती फूलगोभी एवं पत्ता गोभी की तैयारी अभी से प्रारम्भ करें 

Sanjay Kumar Singh

12-09-2022 02:04 AM

प्रोफेसर (डॉ ) एसके सिंह
प्रधान अन्वेषक, अखिल भारतीय समन्वित फल अनुसंधान परियोजना  एवम् 
सह निदेशक अनुसंधान
डॉ राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर बिहार


वैसे तो आजकल हर सब्जी को पाली हाउस में नियंत्रित वातावरण में पुरे साल भर उगाया जा सकता है , यही वजह है की आज कल हर सब्जी लगभग पुरे वर्ष खाने के लिए उपलब्ध है। जब हम सब्जियों को ऑफ सीजन में उगते है तो उसमे रोग एवं कीड़ों को नियंत्रित करने के लिए अधिक रसायनो पर निर्भर रहना पड़ता है। आजकल कोई भी अत्यधिक रसायनों के उपयोग से उगाई गई सब्जियों को खाना पसंद नहीं कर रहे हैं। जिस सब्जी का जो मौसम है यदि उसमे उस सब्जी को उगते हैं तो रसायनों पर निर्भरता कम होती है, क्यों की उसमे रोग एवं कीडे ऑफ सीजन की सब्जी की तुलना में कम लगते है। अगस्त महीना लगभग समाप्ति की ओर है तथा सितंबर आने मे कुछ ही दिन शेष बचे हैं । अतः यह जानना आवश्यक है की किन किन सब्जियों की खेती सितंबर- अक्टूबर -नवम्बर महीने मे की जा सकती है। 
उत्तर भारत में सितंबर माह में तापमान लगभग 25- 35 डिग्री सेंटीग्रेट के आसपास तापमान रहता है तथा कई स्थानों पर मानसून लगभग समाप्ति की तरह रहता है , इसलिए यह मौसम अधिकांश सब्जियों के पौधों के लिए बहुत अच्छा रहता है।
सितंबर माह में इन प्रमुख सब्जियों यथा अगेती पत्ता गोभी ,फूलगोभी, शिमला मिर्च , मिर्च एवं बैगन के बीज की बुवाई करके नर्सरी तैयार कर सकते है। नर्सरी के लिए जो क्यारी बनाते है वह मिट्टी के सतह से कम से कम 6 इंच ऊँचा होना चाहिए। यदि संभव हो तो नर्सरी के क्यारी के ऊपर बॉस की फट्टी का स्ट्रक्चर बना कर उसके ऊपर पॉलिथीन लगा देते है इसे लो कॉस्ट पाली टनल कहते हैं। नर्सरी को इसी लो कॉस्ट पॉली टनल में लगाना चाहिए, क्योंकि पूरी तरह से मानसून गया नहीं है। यदि नर्सरी में पौधे जमीन की सतह से गल कर गिर रहे हो तो उसके बचाव के किये फफूंदनाशक जिसमे रिडोमिल एवं मैंकोजेब मिला हो जैसे रिडोमिल गोल्ड जिसकी 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर नर्सरी की मिट्टी को खूब अच्छी तरह से भीगा देना चाहिए ऐसा करने से पौधों के गलने की बीमारी से मुक्ति मिल जाती है। आइये जानते है उन सब्जियों के बारे में जिन्हें आगामी महीनों में लगा सकते है,यथा


पत्तागोभी की खेती
भारत में गोभी की खेती एक वार्षिक फसल के रूप में देश में बड़े पैमाने पर की जाती है। भारत, चीन के बाद दुनिया में गोभी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, भारत में प्रमुख गोभी उत्पादन राज्यों में पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, बिहार, गुजरात, असम, झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। पश्चिम बंगाल उन सभी का सबसे बड़ा उत्पादक है ।
फूलगोभी की खेती
भारत में वर्तमान में फूलगोभी लगभग सभी राज्यों में उगाई जाती है। भारत में फूलगोभी को 1822 में इंग्लैंड से लाया गया था।बुवाई का समय - उत्तर भारतीय मैदानी इलाकों में बुवाई 3 बार की जा सकती है। अगेती (जुलाई अगस्त के मध्य तक)। मुख्य सीजन (जुलाई-अगस्त)। लेट-सीजन (सितंबर - अक्टूबर)। फूलगोभी की प्रमुख प्रजातियां - अर्ली कुंवर, अर्ली सिंथेटिक, पूसा कटकी, पंत गोभी-2, पंत गोभी-3; मुख्य सीजन-पूसा सिंथेटिक, पंत शुभ्रा, पंजाब जाइंट-26, पंजाब जाइंट-35; लेट-सीजन- पूसा स्नोबॉल-1, पूसा स्नोबॉल-2, सोनबॉल-16, दानिया, कलिम्पोंग इत्यादि ।
पत्ता गोभी की किस्में
पूरे देश में उगाए जाने वाले गोभी की कई किस्में ज्यादा प्रचलित है यथा, कोपेनहेगेन मार्किट ;प्राइड ऑफ़ इंडिया ;गोल्डन एकर ;पुसा सिंथेटिक; कुइजर; समर क्वीन; पुसा ड्रमहेड; सितम्बर अर्ली ; पुसा अगेती; पुसा मुक्ता इत्यादि ।

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