One District One Product- Moradabad

Moradabad



मुरादाबाद (Moradabad) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मुरादाबाद ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। मुरादाबाद उत्तर प्रदेश का एक जनपद है जो मुरादाबाद मंडल का भाग है। मुरादाबाद नगर इसका जिला मुख्यालय है। यह भारत की राजधानी नई दिल्ली से 167 किलोमीटर की दूरी पर रामगंगा नदी के किनारे स्थित है। मुरादाबाद भारी मात्रा में पीतल से बने हस्तशिल्प को उत्तरी अमेरिका तथा यूरोप में निर्यात करने के लिए विश्व भर में जाना जाता हैं इसलिये इसे “पीतल नगरी भी कहा जाता है है।

कृषि और उद्योग
प्रमुख सड़क और रेल जंक्शन पर स्थित यह शहर कृषि उत्पादों का व्यापार केंद्र है। कृषि वस्तुओं के व्यापार का प्रमुख केन्द्र है। कलई किए गए पीतल के बर्तनों के लिए यह नगर प्रसिद्ध है। यहाँ पर कुछ चीनी व कपड़े की मिलें भी हैं। यहाँ के उद्योगों में कपास मिल, बुनाई, धातुकर्म, इलेक्ट्रोप्लेटिंग और छपाई उद्योग शामिल हैं। यहाँ अनाज, कपास और गन्ने की खेती होती है। चीनी मिल और सूती वस्त्र निर्माण यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं।

प्राइम मिनिस्टर फार्मूलेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज स्कीम (पीएमएफएमई) के तहत एक जिला एक उत्पाद के रूप में मुरादाबाद के शहद को शामिल करने से इस उत्पाद को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार मिलने से किसानों को अतिरिक्त आमदनी होने के नए रास्ते बनेंगे।

छोटे उद्यमियों को स्थापित करने के लिए कम ब्याज दरों पर मिलेगा लोन
35 प्रतिशत सब्सिडी पर लोन
योजना के तहत मधुमक्खी पालकों को नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उनका उत्पाद बाजार में दूसरे उत्पादों की बराबरी कर पाने में सक्षम होगा। शहद के छोटे उद्यमियों को स्थापित होने में आर्थिक मदद देने के लिए एमएसएमई के तहत बेहद कम ब्याज दरों पर बिजनेस लोन दिया जाएगा, जिसमें 10 लाख रुपए तक का कर्ज 35 प्रतिशत सब्सिडी पर दिया जाएगा।

इस फंड में 60% केंद्र सरकार जबकि 40% प्रदेश सरकार का शेयर रहेगा। योजना के तहत चयनित उद्यमियों और सेल्फ हेल्प ग्रुप को प्रशिक्षण व शोध सहायता प्रदान करने संबंधी ट्रेनिंग दी जाएगी।

मधु या शहद (अंग्रेज़ी:Honey हनी) एक मीठा, चिपचिपाहट वाला अर्ध तरल पदार्थ होता है जो मधुमक्खियों द्वारा पौधों के पुष्पों में स्थित मकरन्दकोशों से स्रावित मधुरस से तैयार किया जाता है और आहार के रूप में मौनगृह में संग्रह किया जाता है।

शहद में जो मीठापन होता है वो मुख्यतः ग्लूकोज़ और एकलशर्करा फ्रक्टोज के कारण होता है। शहद का प्रयोग औषधि रूप में भी होता है। शहद में ग्लूकोज व अन्य शर्कराएं तथा विटामिन, खनिज और अमीनो अम्ल भी होता है जिससे कई पौष्टिक तत्व मिलते हैं जो घाव को ठीक करने और उतकों के बढ़ने के उपचार में मदद करते हैं। प्राचीन काल से ही शहद को एक जीवाणु-रोधी के रूप में जाना जाता रहा है और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे -आयुर्वेद में वैकल्पिक उपचार के तौर पर प्रयोग में लाया जाता है। शहद एक हाइपरस्मॉटिक एजेंट होता है जो घाव से तरल पदार्थ निकाल देता है और शीघ्र उसकी भरपाई भी करता है और उस जगह हानिकारक जीवाणु भी मर जाते हैं। जब इसको सीधे घाव में लगाया जाता है तो यह सीलैंट की तरह कार्य करता है और ऐसे में घाव संक्रमण से बचा रहता है।

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