नई दिल्ली: उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, सरकार ने घरेलू कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए 2019 में राज्य के स्वामित्व वाले एमएमटीसीएनएसई द्वारा आयातित 35,857 टन प्याज का निपटान पूरा कर लिया है। प्याज की कीमतों को रोकने के लिए सरकार ने नवंबर 2019 में एमएमटीसी के जरिए 12 लाख टन प्याज आयात करने का फैसला किया था। तब से अब तक उसने प्राइस स्टेबिलाइजेशन फंड (पीएसएफ) के तहत विदेशी बाजार से 35,857 टन प्याज खरीदा था।
मंत्रालय ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि उसने मार्च के अंत तक आयातित प्याज का निस्तारण पूरा कर लिया है। कुल 35,857 टन आयातित प्याज अलग-अलग राज्यों को बेचा गया है। यह कहा गया है कि फरवरी के दौरान अधिकांश प्याज (लगभग 29,836 टन) का निपटान किया गया था जब आयातित प्याज के लिए उठाव में वृद्धि हुई थी। आयातित प्याज आंध्र प्रदेश, केरल, तेलंगाना, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, असम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम जैसे राज्यों में भेजे गए।
नीलामी के जरिए कुछ मात्रा में प्याज बेचा गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि मदर डेयरी, केंद्रीय भंडार और नैफेड जैसी एजेंसियों को सलाह दी गई थी कि वे आयातित प्याज को खुदरा करें ताकि उनकी कीमतों को ठंडा किया जा सके। सरकार को मूल्य निर्धारण (मूल्य) को नियंत्रित करने के लिए प्याज आयात करने के लिए मजबूर होना पड़ा।