Sandalwood Tree- 5-6 हजार रुपए किलो बिकती है यह लकड़ी सांप भी लिपटे दे जाते हैं दिखाई

Sandalwood Tree- 5-6 हजार रुपए किलो बिकती है यह लकड़ी सांप भी लिपटे दे जाते हैं दिखाई
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Kisaan Helpline

Agriculture Sep 28, 2015
कसरावद। कसरावद अब सावदा व डोंगरगांव में चंदन की खुशबू से महकेगा। आंध्रप्रदेश से क्षेत्र के 12 किसानों ने पौधे बुलवाए हैं। 12 किसानों ने इन्हें लेकर चंदन की खेती शुरू की है। किसानों ने बैंगलुरु से विशेष ट्रेनिंग भी ली है। किसान अब चंदन की लकड़ी से तेल निकालने की योजना बना रहे हैं। कृषि अफसर इसे नवाचार के साथ लांग टाइम इंवेस्टमेंट बता रहे हैं। 15 साल बाद अच्छी आय की उम्मीद है।

 

सावदा के किसान भगवान पाटीदार ने बताया कि चार साल पहले बैंगलुरु के लकड़ी विज्ञान तकनीकी संस्थान में प्रशिक्षण लिया है। आंध्रप्रदेश के अलमट्टी क्षेत्र से 40 रुपए प्रति पौधे के भाव से एक हजार चंदन के पौधे लाकर लगाए हैं। वे बड़े हो रहे हैं। सात साल बाद पेड़ परिपक्व होने पर अच्छी आय होने लगेगी। 15 साल में जोरदार आय होगी। डोंगरगांव के किसान नंदकिशोर शर्मा ने बताया 2009 में आंध्रप्रदेश के माल्यागिरी से 700 पौधे लाए थे। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया चंदन के लिए निमाड़ की जलवायु अच्छी है। सभी पौधे स्वस्थ हैं। उनमें परिपक्वता भी आ रही है। अच्छे परिणाम निकलेंगे। आगे चंदन की लकड़ी से तेल निकालने की विधि पर काम शुरू करेंगे।

 


एक पेड़ से लाखों का मुनाफा
किसानों ने बताया करीब 15 साल में चंदन का एक पेड़ परिपक्व होने के बाद लाखों रुपए की आय देता है। पेड़ की खुशबू मोहक होती है। इस कारण इन पेड़ों पर कई बार सांप लिपटे दिखाई दे जाते हैं। तेल और भी महंगा होता है। एक पेड़ से डेढ़-दो लीटर तेल निकाला जा सकता है। सूखी लकड़ी भी ऊंचे दाम पर बिकती है। बीज भी 300 रुपए किलो बिकते हैं। जानकारी के अनुसार चंदन की लकड़ी का औसत बाजार मूल्य 5 से 6 हजार रुपए प्रतिकिलो है। इसके एक उन्नत किस्म के पेड़ में एक घन फुट से ज्यादा लकड़ी होती है। सामान्यतः एक एकड़ में 300 पौधे तैयार किए जा सकते हैं।

 


अन्य फसलों को मिल रहा चंदन से पोषण
पौधे 9-9 फीट की दूरी पर डेढ़ फीट गड्ढा खोदकर लगाए हैं। दीमक से बचाने के लिए क्लोरोपायरीफास चूर्ण डाला है। ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था की है। चंदन परजीवी वृक्ष है। इसकी जड़े आसपास के पौधों को पोषण देती है। चंदन के आसपास अरहर और पटसन की खेती हो रही है। चंदन से दूसरी फसलों पर कीटों का असर कम व पैदावार अच्छी होती है।


जमीन उपयुक्त है
चंदन की खेती लांगटाइम इंवेस्टमेंट है। थोड़ा धैर्य और देखभाल से किसानों को फायदा मिल सकता है। जलवायु परिवर्तन के कारण निमाड़ का मौसम चंदन के लिए उचित है। किसानों को इसकी जानकारी देंगे। - जगदीशचंद्र मुजाल्दा, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, कसरावद

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