ड्राई फ्रूट्स की कीमतें कम मांग पर 20% गिरी, कोरोना वायरस महामारी के कारण

ड्राई फ्रूट्स की कीमतें कम मांग पर 20% गिरी, कोरोना वायरस महामारी के कारण
News Banner Image

Kisaan Helpline

Agriculture Jun 22, 2020
पिछले तीन महीनों में ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में 20 फीसदी तक की गिरावट आई है, जिसका मुख्य कारण अमेरिका-चीन के बीच मौजूदा संघर्ष और लॉकडाउन के कारण सुस्त मांग है। उच्च पोषण मूल्य वाले बादाम, काजू या पिस्ता जैसे ड्राई फ्रूट्स के दाम 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक गिर गए हैं।

सभी ड्राई फ्रूट्स चाहे काजू हो, पिस्ता हो या किशमिश के दाम गिर गए हैं। फेडरेशन ऑफ ग्रॉसरी एंड ड्राइफ्रूट कमर्शियल एसोसिएशन (अमृतसर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल मेहरा ने बताया, लेकिन सबसे ज्यादा गिरावट अमेरिकन बादाम गिरी में आई है। उन्होंने कहा कि अच्छी गुणवत्ता वाले बादाम जो दो महीने पहले 700 रुपये प्रति किलोग्राम पर उपलब्ध थे, अब 550 रुपये या उससे भी कम पर उपलब्ध हैं।

थोक बाजार की कीमत में 15 से 20 फीसदी की कमी आई है। अच्छी क्वालिटी का बादाम जो 690 से 800 रुपये प्रति किलो था, अब इसे 500 से 700 रुपये किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है। इसी तरह काजू (चार पीस) 550 रुपये से घटकर 400 रुपये प्रति किलो हो गया है। जयपुर में दिल्ली ट्रेडिंग कंपनी के शैलेंद्र भाटिया के अनुसार, अच्छी गुणवत्ता वाले पिस्ता जो 1200 रुपये में हुआ करते थे, अब 1000 रुपये प्रति किलो तक बेचे जा रहे हैं, जिसका मतलब है 200 रुपये की मंदी बाजार में देखी गयी है।

व्यापारियों के अनुसार ड्राई फ्रूट्स में सबसे ज्यादा गिरावट बादाम, काजू और पिस्ता में आई है। अखरोट, अंजीर, किशमिश जैसे अन्य मेवों की कीमत में ज्यादा अंतर नहीं है। कारोबारियों का मानना है कि कीमतों में बड़ी गिरावट की बड़ी वजह लॉकडाउन है। मेहरा के मुताबिक लॉकडाउन अवधि के दौरान आयातित वस्तुओं की बिक्री नहीं हो सकी। मांग-आपूर्ति के अंतर के कारण कीमतें गिर गईं। ड्राई फ्रूट्स की सबसे ज्यादा खपत मिठाई, होटल इंडस्ट्री और शादी-ब्याह में होती है।

Agriculture Magazines

Pashudhan Praharee (पशुधन प्रहरी)

Fasal Kranti Marathi

Fasal Kranti Gujarati

Fasal Kranti Punjabi

फसल क्रांति हिंदी

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline