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पशुओं के लिए संतुलित आहार प्रबंधन
भारत में जुगाली करने वाले पशुओं का आहार मुख्यतः निम्न श्रेणी के चारे से मिलकर बना होता है। इसके अतिरिक्त, किसान अपने पशुओं को स्थानीय रूप से उपलब्ध दाने और खलियाँ दूध उत्पादन के अनुसार खिलाते हैं । परन्तु वे पशु की आवश्यकता का ध्यान नहीं रखते हैं । इस प्रकार के अहार से पशुओं की प्रोटीन, ऊर्जा, खनिज तत्वों, विटामिनों आदि की आवश्यकता की पूर्ति नहीं हो पाती है। फलस्वरूप मवेशी अपनी आनुवंशिक क्षमता के अनुसार दूध और अन्य उत्पाद नहीं दे पाते हैं ।
ऐसा आहार जो पशुओं को सभी आवश्यक पोषकतत्व प्रदान करें जैसे प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट वसा विटामिन खनिजलवण संतुलित आहार कहलाता है।
आहार उचित मात्रा व अनुपात में होना चाहिए जो पशुओं की बढ़वार स्वास्थ्य दुग्ध उत्पादन प्रजनन आदि बनाए रखने में सहायक होता है।
पशु के शरीर में 75 प्रतिशत पानी, 20 प्रतिशत प्रोटीन, 5 प्रतिशत मिनिरल्स / विटामिन, 0.5 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट होता है।
संतुलित मिश्रित पशु आहार के मुख्य घटक तत्व
रासायनिक संरचना के अनुसार संतुलित मिश्रित पशु आहार में जो प्रमुख तत्व है वह इस प्रकार है :-
कार्बोहाइड्रेट - हरा चारा, भूसा, कड़ीव व सभी अनाज, दानें-मक्का, ज्वार, गेहूँ, चावल, जई, जौ, रागी, मिलेट्स आदि। चोकर तेल रहित चावल का चोकर राइस पोलिश, गेहूँ का चोकर, मक्के का चोकर आदि ।
प्रोटीन - शरीर की वृद्धि के लिए गर्भावस्था व दूध उत्पादन के लिए प्रोटीन आवश्यक होता है। मुख्य स्तोत्र - प्रोटीन खलियाँमील-सरसों, सोयाबीन, कपास (छिलका सहित एवं छिलका रहित), मूंगफली, नारियल, पाम, तिल, अलसी, मक्का की ग्लुटन खली, सूरजमुखी, करडी, ग्वार की खली आदि ।
खल दालों तथा फलीदार चारे जैसे बरसीम, रिजका, लोबिया, ग्यार आदि ।
वसा - पशु आहार में लगभग 3-5 प्रतिशत वसा आवश्यक है। मुख्य स्तोत्र - बिनोला, तिलहन, सोयाबीन व विभिन्न प्रकार की खले हैं।
खनिज मिश्रण - यह शरीर के एंजॉयम और विटामिन के निर्माण में काम आकर शरीर की महत्वपूर्ण क्रियाओं को निर्धारित करते हैं Ca, P, K, Na, CI, Mg, Mn, Fe, Co, Ca प्रमुख लवण है जिनका अलग-अलग क्रियाओं में अहम भूमिका है। खनिज मिश्रण, कैलसाइट पाउडर, नमक, हाइकैल्शियम फोस्फेट, विटामिन ए, डी-3 और ई।
विटामिन - शरीर की सामान्य क्रियाशीलता के लिए विभिन्न विटामिन की आवश्यकता होती है।
विटामिन B - पशु के पेट में उपस्थित सूक्ष्म जीवाणुओं के लिए।
विटामिन A - पशुओं में गर्भपात अंधापन चमड़ी का सूखापन भूख की कमी अन्य विटामिन A, D, C, E पशुओं को चारे द्वारा मिल जाते हैं।
विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ भिन्न भिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से युक्त होते हैं। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए, ऐसा महसूस किया गया कि यदि विभिन्न दानों, चोकर, खलियों, कृषि औद्योगिक सह उत्पादों, खनिज पदार्थो तथा विटामिनों को उपयुक्त अंश में मिला कर पशुओं को उनके मुख्य आहार के साथ मिलाकर खिलाया जाए तो पशुओं की पोषक तत्वों की आवश्यकता को भली-भाँति पूरा किया जा सकता है। खाद्य पदार्थों का यह संतुलित मिश्रण जो पशुओं की आवश्यकता जलवायु क्षेत्र आदि को ध्यान में रखकर बनाया जाता है, को संतुलित मिश्रित पशु आहार कहते हैं। संतुलित मिश्रित पशु आहार चूरा, गोलियाँ, मुरमुरा, घनाकार आदि के रूप में होता है।
चूनी ग्वार, अरहर, उर्द, मूँग, चना तथा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध दलहनी चूनी कृषि औद्योगिक सह उत्पाद शीरा, बबूल चूनी, इमली बीज पाउडर, आम की गुठली, विलायती बबूल की फली, टेपिओका का अपशिष्ट पदार्थ आदि ।
गुणवत्ता नियंत्रण
पशु आहार के उत्पादन से पूर्व प्रत्येक खाद्य पदार्थ की प्रयोगशाला में भली भांति जांच की जाती है। पशु आहार की गुणवता को सुनिश्चित करने के लिए सभी मिलावटी और संक्रमित खाद्य पदार्थों को पूरी तरीके से अस्वीकृत कर दिया जाता है। तैयार पशु आहार को भी बाजार में उतारने से पहले प्रयोगशाला में अत्यंत सावधानी से परीक्षण किया जाता है। यदि तैयार उत्पाद में कहीं से भी कोई कमी रह जाती है तो इसे दूर करने के लिए पुनः प्रसंस्कृत किया जाता है।
शुष्क पदार्थ के आधार पर संतुलित मिश्रित पशु आहार के मानक
गुण |
आवश्यकता |
||
टाइप 1 |
टाइप 2 |
टाइप 3 |
|
कच्ची प्रोटीन (%) न्यूनतम |
22 |
20 |
18 |
कच्ची फैट (%) न्यूनतम |
4.0 |
2.5 |
2.0 |
कच्चा रेशा (%) अधिकतम |
10 |
12 |
15 |
रेत / सिलिका (%) अधिकतम |
3 |
4 |
5 |
विटामिन ए (आई.यू./कि.ग्रा.) |
7000 |
7000 |
7000 |
विटामिन डी (आई.यू./कि.ग्रा.) न्यूनतम |
1200 |
1200 |
1200 |
विटामिन ई (आई.यू./कि.ग्रा.) न्यूनतम |
30 |
30 |
30 |
नमक (%) अधिकतम |
1 |
1 |
1 |
कैल्शियम (%) न्यूनतम फॉस्फोरस (%) न्यूनतम |
0.8 0.5 |
0.8 0.5 |
0.8 0.5 |
उपलब्ध फॉस्फोरस (%) न्यूनतम |
|
0.25 |
0.25 |
|
50 |
50 |
50 |
संतुलित मिश्रित पशु आहार के प्रकार
चूँकि हमारे देश के विभिन्न भागों में निम्न मध्यम एवं अधिक मात्रा में दूध देने वाले पशु पाए जाते हैं, इसलिये पशु आहार संयंत्रों द्वारा विभिन्न प्रकार के पशु आहार तैयार किए जाते है। पशु आहार के फार्मूले में खाद्य पदार्थों की उपलब्धता के अनुसार विविधता का होना भी आवश्यक हैं। पशुपालन एवं डेरी विभाग कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गठित खाद्य एवं चारा ग्रुप द्वारा तीन प्रकार के पशु आहारों की सिफारिश की गई है जो इस प्रकार है।
मिश्रित पशु आहार की मात्रा
मिश्रित पशु आहार को सीधे रूप में अथवा सूखे / हरे चारे के साथ मिला कर खिलाया जा सकता है। पशु आहार को खिलाने से पहले पकाने की या पानी में भिगो कर रखने की आवश्यकता नहीं होती है। यदि पशु अहार को चारे के साथ अच्छी तरह से मिलाकर खिलाया जाये तो परिणाम बेहतर प्राप्त होते हैं पशु आहार की मात्रा निम्न प्रकार से तय की जाती हैं।
मिश्रित पशु आहार |
छोटे आकार की गाय (300-400 किलो शरीर भार) |
बड़े आकार की गाय (400-500 किलो शरीर भार) |
छोटे आकार की भैस (300-400 किलो शरीर भार) |
बड़े आकार की भैस (400-600 किलो शरीर भार) |
भरण पोषण के लिए |
2 किग्रा |
2.5 से 3 किग्रा |
|
2.5 से 3 किग्रा |
दुग्ध उत्पादन के लिए (प्रति लीटर) |
0.4 किग्रा |
0.4 किग्रा |
2 किग्रा |
0.5 किग्रा |
गर्भावस्था के लिए |
2 किग्रा अंतिम दो महीनों में |
3 किग्रा अंतिम दो महीनों में |
0.5 किग्रा |
3 किग्रा अंतिम दो महीनों में |
यदि पशुओं के लिए 15-20 किलोग्राम अच्छी गुणवत्ता वाला उत्पादित हरा चारा उपलब्ध है, तो मिश्रित पशु आहार को भरण पोषण के लिये खिलाने की जरूरत नहीं होती है।
मिश्रित पशु आहार (दाना) डालते समय ध्यान दें :-
मिश्रित पशु आहार की मुख्य विशेषताएं
दाना मिश्रण के गुण व लाभ
दुधारू पशुओं की विकास दर एवं उत्पादकता वृद्धि में पशु पोषण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उपयुक्त आहार यह सुनिश्चित करता है कि पशु अपना वांछित शारीरिक वजन पा ले, अधिक दूध उत्पादन करे तथा स्वस्थ रहे। दुधारू पशुओं पर होने वाले कुल खर्च में से 70 प्रतिशत भाग अकेले उसके आहार पर होता है, जिससे उसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
अतः स्वस्थ व बीमारीमुक्त पशुपालन के लिए उपरोक्त सभी निर्देशों के अनुपालना करें।
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