पालतू पशुओ के नवजात बच्छे/बच्छियों की संभावित बीमारियाँ एवं रोकथाम

पालतू पशुओ के नवजात बच्छे/बच्छियों की संभावित बीमारियाँ एवं रोकथाम
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Kisaan Helpline

Agriculture Oct 24, 2019
घर में पाले जाने वाले पशु जैसे की गाय और भैस के नवजात बच्छों या बच्छियों की देख-रेख करना अपने आप में बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। जन्म के कुछ बाद के समय तक इनमे बीमारियों के फैलने का काफी खतरा रहता है। जानिए इनकी बीमारियों से कैसे रक्षा करे और कौन सी बीमारिया हो सकती है घातक- 

1. काफ डायरिया व्हायट स्कौर: बच्छों या बच्छियों में दस्त का खतरा ज्यादा होता है, दस्त का ये रोग उनके प्राणों के लिए भी घातक होता है और पशुओं की इससे मृत्यु भी हो सकती है। इस बीमारी का कारण अधिक मात्रा में दूध का सेवन करना, पेट में संक्रमण, पेट में कीड़े पड़ने से होती है। 

सावधानी और उपचारः उचित मात्रा में ही दूध का सेवन करने दे।  दस्त की समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। 

2. पेट में कीड़े होना: पेट में कीड़े होने की बीमारी के कारण पशुओं के बच्चे बहुत कमजोर होने लग जाते हैं। कीड़ों की समस्या के कारण बच्चों को दस्त अथवा कब्ज होने लगती है।

सावधानी एवं उपचारः इसके उपचार के लिए पिपराजीन नाम की दवा अच्छी है, 
6 माह के समय तक हर डेढ़ -दो महीनों में एक बार पिपराजीन लिक्किड अथवा गोली देना बेहतर है।

3. नेवल इल: नवजात को हमेशा नाभि के संक्रमण का सबसे अधिक खतरा रहता है। संक्रमण के कारण इनकी नाभि में सूजन के साथ पिक पड़ जाता है। 

सावधानी एवं उपचारः इस बीमारी को हल्के में ना ले और नजदीकी पशुचिकित्सालय से संपर्क करें।

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