कृषि वैज्ञानिकों ने जारी किया मौसम आधारित कृषि परामर्श, किसान भाई रखें इन बातों का ध्यान वरना हो सकता है नुकसान

कृषि वैज्ञानिकों ने जारी किया मौसम आधारित कृषि परामर्श, किसान भाई रखें इन बातों का ध्यान वरना हो सकता है नुकसान
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Kisaan Helpline

Agriculture Dec 22, 2021
सामान्य सलाह
आने वाले पाँच दिनों में मध्यप्रदेश के कई जिलों में आसमान साफ रहने की सम्भावना है एवं इसके साथ ही इस समय रात्रि का तापमान कम चल रहा है जिससे शीत लहर की संभावना हो सकती है। अतः किसान भाई दलहनी फसलों को पाले से बचाव हेतु शाम के समय खेतों की मेढ़ों पर कचरा जलाकर घुओं करें या सिंचाई के साधन उपलब्ध होने पर हल्की सिंचाई करें। चने की फसल में फली छेदक कीट के निगरानी हेतु फीरोमान प्रपंश @ 3-4 प्रपंश प्रति एकड़ खेतों में लगाएं। 

मटर (वनस्पतिक अवस्था)
  • खेतों में कीट के लिए निगरानी करें।
  • मटर की फसल पर 2 प्रतिशत यूरिया का घोल का छिड़काव करें। जिससे मटर की फल्लियों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है।

सरसों की फसल
  • मौसम को ध्यान में रखते हुए किसानों को सलाह है कि सरसों की फसल में चेपा कीट की निरंतर निगरानी करते रहें।

गेहूं की फसल
  • देर से बोए गये गेहूं की फसल यदि 21 से 25 दिन की हो गयी हो तो पहली सिंचाई आवश्यकतानुसार करें। बाद में नत्रजन की शेष मात्रा का छिड़काव करें।
  • अंकुरण के 20 से 25 दिन में खपतवारनाशी सल्फोसल्फयूरान 25 ग्रा एवं मेटसल्फयूरान 10 ग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से छिटका करे अथवा क्लोदिनोफास प्रोपारगिल 60 ग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। 
  • तापमान को ध्यान में रखते हुए किसानों को सलाह है कि ये पछेती गेहूँ की बुवाई अतिशीघ्र करें। बुवाई से पूर्व बीजों को बाविस्टिन 20 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित करे। जिन खेतों में दीमक का प्रकोप हो किसान क्लोरपाईरिफास (20 ईसी) @50 लीटर / हेक्टर की दर से पलेवा के साथ या सूखे खेत में छिड़क दें। 

चना की फसल
  • बोई गई चने की फसल में अंत: कर्पण क्रिया या व्हील हो चलाकर खरपतवारों को नष्ट करें एवं जड़ में वायु का संचार बढ़ाये। कीटों का निरीक्षण करते रहें।

फलदार वृक्ष (Fruit Tree)
  • टाने वाले दिनों में शीतलहर की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह है कि फलवृक्षों के नये बाग को शीत अवरोधक बनाकर पुआल आदि से ढककर शीतलहर से बचाव करें। 

सब्जियां (Vegetables)
  • वर्तमान मौसम प्याज की बुवाई के लिए अनुकूल है। बीज दर 10 कि. ग्रा. प्रति हेक्टर। बुवाई से पहले बीजों को केप्टान @ 5 ग्राम प्रति कि. ग्रा. बीज की दर से उपचार अवश्य करें।  
  • यदि प्याज की रोपाई करना हो तो पहले अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद तथा पोटाश उर्वरक का प्रयोग अवश्य करें। 
  • टमाटर में झुलसा रोग आने की संभावना है अतः फसल की नियमित रूप से निगरानी करें। लक्षण दिखाई देने पर कार्बेडिज़िम 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। बढ़ती हुई ठंड को देखते हुए शीत लहर का प्रकोप बढ़ रहा है पाले से बचाव के लिए मेढ़ पर धुआं करें या खेत में नमी बनाये रखें।
  • जिन किसानों की टमाटर, फूलगोभी, बन्दगोभी या अन्य मौसमी सब्जियों की पौधशाला तैयार है। उनके पौधों की तैयारी कर सकते हैं।
  • इस मौसम में तैयार बन्दगोभी, फूलगोभी आदि की रोपाई मेढ़ो पर की जा सकते हैं।
  • गोभीवर्गीय सब्जियों में पत्ती खाने वाले कीटों की निरंतर निगरानी करते रहें। यदि संख्या अधिक हो तो बी.टी. @ 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी या स्पेनोसेड दवा @1.0 एम. एल. /3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। 

पशु एवं मुर्गीपालन (Animal and Poultry farming)
  • जानवरों को हरे चारे हेतु बरसीम की बुवाई करें।
  • मुर्गियों को ठंड के कारण होने वाली कोरीजा बीमारी से बचाव हेतु प्रति 100 वर्ग फिट में 300 वॉट के विद्युत बल्ब का प्रयोग करें ।
  • रात्रि का तापमान कम है अतः कम उम्र के पशुओं को रात्रि में ठण्ड से बचाव करें। इस हेतु बोरों के पर्दे लगायें, ताकि ठण्ड से कम उम्र के पशु पक्षियों को बचाया जा सके।

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