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नई दिल्ली। कृषि मंत्रालय द्वारा अखिल भारतीय कृषि वैज्ञानिकों की भर्ती की ठप प्रक्रिया अब जल्द ही चालू हो जाएगी। कृषि वैज्ञानिक चयन बोर्ड (एएसआरबी) के अध्यक्ष समेत अन्य दो प्रमुख सदस्यों की तलाश लगभग पूरी हो गयी है। लेकिन उनके नामों का खुलासा अब तक नहीं हो सका है। कृषि बोर्ड में दो सदस्यों का चयन साक्षात्कार पूरे हो गये हैं, लेकिन अभी तक किन्हीं वजहों से पैनल तैयार नहीं हो सका है।
कृषि वैज्ञानिकों की भर्ती की पूरी प्रक्रिया पिछले लगभग दो सालों से एएसआरबी के मार्फत होने से ठप चल रही है। इसके चलते देश के प्रमुख शोध संस्थानों में वैज्ञानिकों के साथ निदेशक जैसे जिम्मेदार पद भी रिक्त हैं। दरअसल कृषि मंत्रालय कृषि वैज्ञानिकों और आला अफसरों की पूरी नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार कर रहा है। चयन की प्रणाली में पर्याप्त संशोधन किया गया है। मंत्रालय का मानना है कि इस संशोधन से पूरी चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। गलत लोगों के चयन करना आसान नहीं होगा।
एएसआरबी में रिक्त सदस्यों(पदों) के चयन के लिए गठित बोर्ड ने गुरुवार को ही निर्णय कर लिया था। लेकिन अभी तक प्रस्तावित नामों का पैनल नहीं बन पाया है। साक्षात्कार करने वाले बोर्ड में कृषि सचिव सदस्य नामित थे। लेकिन साक्षात्कार बोर्ड में वह नहीं पहुंचे। उन्होंने अपनी जगह किसी और जूनियर अफसर को भेज दिया था। इसी के चलते नामों का पैनल नहीं बनाया जा सका है। जरूरी हुआ तो साक्षात्कार दोबारा कराया जा सकता है। साक्षात्कार बोर्ड की अध्यक्षता आईसीएआर के महानिदेशक डाक्टर त्रिलोचन महापात्र हैं। जबकि अन्य नामित सदस्यों में डाक्टर आरसी श्रीवास्तव, बीएस संधू और कृषि सचिव संजय अग्रवाल प्रमुख नाम हैं।
कृषि वैज्ञानिक चयन बोर्ड के अध्यक्ष पद के लिए गठित सर्च कमेटी के चेयरमैन कैबिनेट सचिव हैं। इस पद के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के किसी रिटायर अफसर को नियुक्त किया जाना है। सूत्रों के मुताबिक वैसे तो कई नामों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस प्रभात कुमार और पूर्व कृषि सचिव शोभना पट्टनायक के नाम पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक चयन बोर्ड के सभी रिक्तियां भर दी जाएंगी। उसके अध्यक्ष और दो सदस्यों के खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर लिए जाने की संभावना है।
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