इस विधि द्वारा गेहूं की फसल बुवाई के लिए खेत पूर्णरूप से पारम्परिक तरीके से तैयार किया जाता है उसके बाद फिर मेड़ बनाकर गेहूं की बुवाई की जाती है।
इस विधि में एक विशेष प्रकार की मशीन यानि की इसके लिए (बेड प्लान्टर) का प्रयोग नाली बनाने और फसल की बुवाई करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा मेंडों के बीच की नालियों से सिचाईं की जाती है तथा बरसात में जल निकासी का काम भी इन्ही नालियों से होता है एक मेड़ पर 2 या 3 कतारो में गेंहूँ की बुवाई होती है। इस विधि से किसानो को फायदा ये होता है की, गेहूं की बुवाई कर किसान बीज खाद और पानी की बचत करते हुये गेंहू की अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते है।
मेड पर बुवाई की पद्धति में तक़रीबन 25 प्रतिशत तक गेंहू के बीज की बचत की जा सकती है। और इसका मतलब ये है की 30-32 किलोग्राम बीज एक एकड़ के लिए प्रर्याप्त है।
यह मशीन 70 सेन्टीमीटर की मेड़ बनाती है जिस पर 2 या 3 पंक्तियों में बुवाई की जाती है।
इस मशीन (बेड प्लान्टर) की कीमत तक़रीबन 70,000 रूपये है।
इस तरीके से बोये गये गेहूं में 25 से 40 प्रतिशत पानी की बचत होती है, यदि खेत में पर्याप्त नमी नहीं हो तो पहली सिंचाई बुवाई के 5 दिन के अन्दर कर देनी चाहिये।