गाजरघास को नष्ट करने में मदद करेगा यह कीट, पढ़े पूरी जानकारी

गाजरघास को नष्ट करने में मदद करेगा यह कीट, पढ़े पूरी जानकारी
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Kisaan Helpline

Agriculture Sep 24, 2019
छत्तीसगढ़, रायपुर। गाजर घास की समस्या से अब प्रदेश भर के किसानों को आने वाले कुछ वर्षों में जल्द राहत मिलेगी। 

इंदिरा गांधी कृषि विवि के कीट विभाग की जैविक कीट नियंत्रण प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों ने चटख चांदनी, जिसे गाजर घास भी कहा जाता है, उसकी बढ़ रही पैदावार को रोकने के लिए रिसर्च किया। पार्थीनियम का जैविक नियंत्रण मैक्सीकन बीटल ( जाइगोग्रामा बाईकोलोरेटा ) कीट के प्रजनन कार्यकाल पर यह शोध हुआ। इससे स्थानीय क्लाइमेंट के आधार पर टिश्यू कल्चर कर मैक्सीकन बीटल कीट तैयार किया गया है। 

किसानों को प्रशिक्षण देकर उन्हें खेत के आसपास क्षेत्रों में दवा का छिड़काव करने को कहा गया ज्ञात हो कि इसके परिणाम बहुत बेहतर मिल रहे हैं। उम्मीद की जा रहा है कि जैसे - जैसे इनकी संख्या बढ़ेगी, उसके आधार पर गाजर घास की पैदावार कम हो जाएगी। 

देश में इसकी आवक अमेरिका से 1954 में गेहूं के आयात के साथ हुई थी, जो कि अधिकांश मैदानी क्षेत्रों में पाया जाता है। 

एक हजार कीटों का हुआ वितरण 

विभाग से किसानों को लगभग एक हजार की संख्या में कीट का वितरण किया गया है ,जिससे इसके साथ ही जागरूकता अभियान भी लगातार चलाया गया। जिसमें किसानों को बताया कि किस प्रकार से इनकी पैदावार को कम किया जा सकता है। ज्ञात हो कि हर प्रकार के वातावरण में उगने की अभूतपूर्व क्षमता वाली गाजर घास एक खरपतवार है, जो 90 सेमी से 100 मीटर ऊंची होती है। अक्सर सड़क के किनारे , खेत के मेड पर पाई जाती है।

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